खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी।
बीएचयू (BHU) स्थित केंद्रीय विद्यालय के नौवीं के छात्र मयंक (Mayank) की आत्महत्या से गुस्साए छात्र मंगलवार की सुबह केंद्रीय विद्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। छात्रों का धरना करीब पांच घंटे तक चला। बहन तनीषा के साथ बैठे छात्रों ने प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल पर कार्रवाई की मांग की। धरना स्थल पर पहुंचे डीसीपी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जांच पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।

बहन तनीषा के साथ बैठे छात्रों ने Central School प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल पर कार्रवाई की मांग की।

आरोप है कि पिता की बेइज्जती से आहत होकर उसने आत्महत्या की है। पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को School बुलाकर अपमानित किया गया था। इससे मयंक व्यथित था। धरना पर बैठे छात्रों ने कहा कि प्रिंसिपल ने जानबूझकर बच्चों पर दबाव बनाया। इस सुसाइड के पीछे स्टाफ जिम्मेदार हैं। यहां प्रिंसिपल से लेकर चपरासी तक का बर्ताव हिटलर जैसा है। इससे पहले भी प्रिंसिपल थीं, उन्होंने कभी बच्चों से इस तरह का व्यवहार नहीं किया। वहीं, Central School के प्रिंसिपल दिवाकर सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि मोबाइल लाने पर रोक है। क्लास में टीचर पर फोकस करना होता है। इसलिए रोका गया। वहीं आत्महत्या की घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस जांच कर रही है।

पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को Central School बुलाकर अपमानित किया गया था। इससे मयंक व्यथित था।

सीरगोवर्धनपुर के रहने वाले बीएचयू कर्मी संतोष यादव का इकलौता बेटा मयंक ने बीते दिन घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह बीएचयू Central School में नौवीं में पढ़ाई करता था। आरोप है कि क्लास में मोबाइल ले जाने पर मयंक को वाइस प्रिंसिपल ने बहुत प्रताड़ना दी और उसकी मां को भी बेइज्जत किया।


मयंक की बहन ने पीएम को लिखा पत्र


धरने पर बैठी मयंक की बड़ी बहन ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक भावूक पत्र लिखा जिसमें कैसे उसके भाई को Central School प्रबंधन ने मानसिक तौर पर टार्चर किया, मां और पिता को बेइज्ज किया। इस बात को उसका भाई बर्दाश्त नहीं कर पाया। इस प्रकरण की गंभीरता से जांच कर स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल पर ठोस कार्रवाई हो।