sanchari-rog-v-mahamari-ki-sambhawana

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया, चंदौली
। सरकार जहा गाॅंवो – गाॅंवों में संचारी रोग रोकथाम के लिए भारी भरकम पैसा खर्च कर रही है। जिसके लिए रैलिया निकाली जा रही है विभागीय अमला पूरी तरह से लगा हुआ है। जिसकी मानीटरिंग भी बराबर की जा रही हो । उसके बावजूद तहसील मुख्यालय से सटे ग्राम पचवनियां से नहर गौरी राजवाहा में सिंचाई विभाग सुचारू रूप से सिंचाई के लिए हर दूसरे महीने नहर की सफाई करवाता है और उससे निकलने वाले कूड़े- कचरे को नहर के किनारे ही छोड़ देता है । जिसकी वजह से यातायात आवागमन में दिक्कत और कचरे के दुर्गन्ध से ग्रामीण परेशान रहते है।

सिंचाई विभाग ने पॅंचवनियाॅं ग्राम की सड़को पर लगाया कचरे का अम्बार,महामारी फैलने की सम्भावना प्रबल

यही नही कोरोना काल से ही सरकार ने साफ – सफाई पर विशेष फोकस किया है। बावजूद इसके सिचाई विभाग है कि मानने का नाम ही नही लेता है। यही नही भयानक दुर्गन्ध के चलते गाॅंव में संचारी रोग व महामारी की प्रबल सम्भावना मौजूद हो चली है। यह तो कई बार ग्रामीणों ने सफाई अपने निज भुजबल व पैसे लगाकर कराये बावजूद इसके सवाल यह उठता है कि कितनी बार ग्रामीण अपने पैसे से साफ सफाई कराते रहेंगे। जब कि सरकार इसके लिए कृत संकल्पित है। बता दे कि जिले में लगभग एक लाख 27 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि की सिंचाई के लिए नहरों और माइनरों का जाल बिछा है।

आलाधिकारी नही चेते तो ग्रामीण उतरेगे सड़क पर

इसके अलावा जगह-जगह राजकीय नलकूप भी लगे हैं। लेकिन प्रत्येक वर्ष किसानों को पीक सीजन में पानी के लिए जूझना पड़ता है। जनपद में लगभग 1135 किमी क्षेत्रफल में फैली मुख्य तीन नहरों के अलावा 357 रजवाहों का जाल फैला हुआ है। इसमें चंद्रप्रभा, मूसाखांड और लघुडाल नहर सिंचाई प्रखंड से संबंधित नहरें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 272 नलकूप भी हैं। विडंबना यह है कि इनके मरम्मत और रखरखाव के प्रति बरती जा रही उदासीनता के कारण नहरें क्षतिग्रस्त होने के साथ ही घास-फूस से पटी हुई हैं। इन नहरों और नलकूपों की मरम्मत के लिए प्रति वर्ष शासन की ओर से भारी बजट पास होता है। बावजूद इसके नलकूपों और नहरों की दशा जर्जर है। हालांकि विभागीय लोगों का कहना है कि सफाई का कार्य हर वर्ष कराया जाता है। विभागीय लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है। सिचाई विभाग की घोर लापरवाही के चलते ग्रामीणों का रहना मुश्किल हो चला है। थक हारकर उन्होने सोशल प्लेटफार्म पर खबरी पोस्ट डाट काम को बताया कि लगता है जिले के आलाधिकारियों का ध्यान उस समय आकर्षित होगा जब यहा पर संचारी रोग व महामारी फैल जाय। आलाधिकारी नही चेते तो ग्रामीण को सड़क पर उतरना होगा।
बताते चलें कि दो महीने पहले भी सिंचाई विभाग ने कचरे का अंबार लगा दिया था जिसे ग्रामीणों ने निज श्रम और मजदूर लगा कर हटाया जब ग्रामीणों ने देखा कि सिंचाई विभाग की ये बार बार की लापरवाही है