- मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी
- खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क सोनभद्न
- क्रांति दिवस के दिन क्रांति वीरों की स्मृति में क्रांति पथ प्रवेश द्वार का हुआ लोकार्पण मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी सोनभद्र। जनपद के सदर विकास खंड के ग्राम पंचायत ऊंचडीह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में मंगलवार को क्रांतिपथ प्रवेश द्वार का भव्य लोकार्पण किया गया ।
- मुख्य अतिथि अनिल कुमार मौर्य ने क्रांति पथ को देश का गौरव मार्ग बताते हुए इस मार्ग से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस पथ से जुड़े सेनानियों के त्याग और बलिदान के किस्से हम सबको सदैव प्रेरित करते रहेंगे। वही मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार ने कहा कि क्रांति पथ के सेनानियों के देशप्रेम के किस्से स्वर्णिम इतिहास के अध्याय बन गए हैं जिससे आनेवाली पीढ़ियों को भी सीख मिलती रहेगी ।
- मंत्रोच्चार और वेदमंत्रों के बीच नारियल फोड़कर विधिवत पूजन के बाद फीता काटकर क्रांतिपथ द्वार का लोकार्पण किया गया । सैकड़ों लहराते तिरँगे के बीच अतिथियों ने जब तिरँगे रंग में रंगे गैस के गुब्बारों को हवा में उड़ाया तो भारत माता की जयकारे और सेनानियों की स्मृति में लग रहे नारों से पूरा परिवेश राष्ट्रीय भावना से ओत प्रोत हो उठा ।
घोरावल विधायक अनिल कुमार मौर्य ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में सेनानियों की स्मृतियों को संजोने के लिए उन्होंने कई योजनाएं बनायी हैं जिसका वे शीघ्र क्रियान्वयन करेंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने नागरिकों से अपील किया कि वे आजादी की वर्षगांठ को धूमधाम से मनाएं लेकिन इस बात का विशेष ख्याल रखें कि तिरँगे का अपमान न हो ।
वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने क्रांति पथ की ऐतिहासिकता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए आजादी के समय इस मार्ग से जुड़ी घटनाओं का जिक्र किया। ऊंचडीह निवासी राकेश त्रिपाठी ने स्वागत भाषण से और ऊँचडीह की प्रधान अर्चना त्रिपाठी ने अतिथियों का बुके भेंट कर स्वागत किया ।
राबर्ट्सगंज के ब्लाक प्रमुख ने क्रांतिपथ के सेनानियों को नमन करते हुए इस मार्ग के महत्व को दर्शाती परिचय पट्टिका लगाने की घोषणा की , भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत चौबे ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताते हुए क्रांतिपथ की महत्ता पर प्रकाश डाला । - कहाँ है क्रांतिपथ
- देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उल्लेखनीय क्रांति पथ, राबर्ट्सगंज – घोरावल मुख्य मार्ग के छठवें किलोमीटर पर स्थित है जो ऊँचडीह से शुरू होकर करकी में समाप्त होता है।
- इस मार्गपर कुल दस सेनानियों के घर हैं। पँ महादेव चौबे, प्रभाशंकर शर्मा, देवेन्द्रनाथ चौबे, गौरीशंकर देव पांडेय, बाल गोविंद पांडेय, अछैवर उपाध्याय, राधाप्रसाद शर्मा, यज्ञनारायण सिंह, गुलाब सिंह व रामप्रताप सिंह भारत माँ की आजादी के लिए सिर पर कफ़न बांध कर निकल पड़े थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे शिक्षक एवं पत्रकार भोलानाथ मिश्र ने राष्ट्रकवि माखनलाल चतुर्वेदी की पुष्प की अभिलाषा कविता को पढ़ते हुए क्रांतिपथ के सेनानियों के जयकारे लगवाए ।सभा की अध्यक्षता कर रहे किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य व शिक्षाविद ओमप्रकाश त्रिपाठी ने अपनी कविता के द्वारा क्रांतिपथ की खूबियों को रेखांकित किया ।इस अवसर पर प्रमुख रूप से क्रांति सिंह, दीपक कुमार केसरवानी, विजय प्रकाश पांडेय, चंद्रकांत शर्मा, जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक सहित सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चे और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।