विधि संवाददाता द्वारा
खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
सोनभद्र। GANG RAPE : अपर सत्र न्यायाधीश (सीएडब्लू) सोनभद्र आसुतोष सिंह की अदालत ने 12 वर्ष पूर्व हुए गैंगरेप के मामले में सुनवाई करते हुए वृहस्पतिवार को दोषसिद्ध पाकर दोषियों सिगारे व जालिम को 20-20 वर्ष की कैद एवं प्रत्येक को 1.35 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। पीड़िता को अर्थदंड की आधी धनराशि दी जाएगी।
प्रत्येक को 1.35 लाख रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घोरावल थाना क्षेत्र के एक गांव की 10वीं कक्षा की दलित छात्रा ने थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि वह 6 जुलाई 2010 को विद्यालय गई थी जहां सायं 4 बजे घोरावल थाना क्षेत्र के महुआव पांडेय गांव निवासी सिगारे पुत्र बुड़ुक व जालिम पुत्र लखराज अचानक आकर मिले और उसे बहला फुसलाकर लालच देकर भगा ले गए। जब सूरत पहुंचे तो वहां पर भी एक और लड़का मिला। तीनों ने उसके साथ जबरन बारी-बारी दुष्कर्म किया। जब रोने लगी तो गला दबाकर कट्टा दिखाने लगे और गाली देते हुए जान मारने की धमकी दी। उसके गले की सोने की चैन व 500 रुपये भी उनलोगों ने छीन लिया। 20 जुलाई की रात में शौच के बहाने किसी तरह भागकर वहां अपने घर 24 जुलाई को आ गई।
अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
आने पर अपने माता-पिता व घर के लोगों को घटना की जानकारी दी। इस तहरीर पर पुलिस ने 15 सितंबर 2010 को एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों सिगारे व जालिम को 20-20 वर्ष की कैद एवं प्रत्येक को 1.35 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक एडवोकेट ने बहस की।