वाराणसी। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा का अर्थ दार्शनिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही हैं। केसरिया रंग भगवा यानि वैराग्य। यह रंग बलिदान तथा त्याग का प्रतीक समेत आध्यात्मिक दृष्टि से यह हिन्दू, बौद्ध एवं जैन आदि धर्मों के लिए आस्था का प्रतीक है। सफेद रंग शांति का प्रतीक है। दर्शन शास्त्र के अनुसार सफेद रंग स्वच्छता एवं ईमानदारी का प्रतीक है। हरा रंग खुशहाली और प्रगति का प्रतीक है। यह रंग बीमारियां दूर रखकर आंखों को राहत देता है। इस रंग में बेरेलियम, तांबा और निकील जैसे कई तत्व पाए जाते हैं।

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा का अर्थ दार्शनिक एवं आध्यात्मिक दोनों ही हैं।


अशोक चक्र है कर्तव्य का पहिया


सम्राट अशोक के तमाम शिलालेखों पर अक्सर एक चक्र यानि पहिया बना हुआ है। इसे अशोक चक्र कहते हैं। यह चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है। सारनाथ में सुशोभित अशोक चक्र को ही तिरंगा में लिया गया है। अशोक चक्र वास्तव में अखंड भारत को परिभाषित करता है। कारण, सम्राट अशोक का साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर नीचे तक मौजूद था। इसीलिए अशोक चक्र एक बड़े, दिव्य और विशाल भारत का प्रतीक माना जाता है। चरखे के स्थान पर शामिल किये अशोक चक्र को भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने लगवाया।


इस नए झंडे तिरंगा की देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने फिर से व्याख्या की। ध्वज में यह चक्र गहरे नीले रंग में दिखाया गया है। यह धर्म चक्र तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक के बनाए गए ‘कानून का पहिया’ को दर्शाता है। साथ ही यह भी दर्शाता है कि गति में जीवन और ठहराव में मृत्यु है। इसे ‘कर्तव्य का पहिया’ भी कहते हैं।

इस नए झंडे तिरंगा की देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने फिर से व्याख्या की।


इस चक्र में सम्मिलित 24 तीलियां मनुष्य के 24 गुणों को प्रदर्शित करती हैं। इन्हें मानव के लिए बनाये गए 24 धर्म मार्ग भी कहा जा सकता है। यह तीलियां प्रत्येक स्तर पर समाज के विकास के प्रति भारतवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में भी बताती हैं। अशोक चक्र में बताये गए सभी धर्म मार्ग किसी भी देश को उन्नति के मार्ग पर पहुंचाते हैं।


चक्र में 24 तीलियों का अर्थ

  1. संयम यानि संयमित जीवन जीने की प्रेरणा देती है
  2. आरोग्य यानि निरोगी जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है
  3. शांति यानि देश में शांति व्यवस्था कायम रखने की सलाह
  4. त्याग यानि देश एवं समाज के लिए त्याग की भावना का विकास
  5. शील यानि व्यक्तिगत स्वभाव में शीलता की शिक्षा
  6. सेवा यानि देश एवं समाज की सेवा की शिक्षा
  7. क्षमा यानि मनुष्य एवं प्राणियों के प्रति क्षमा की भावना
  8. प्रेम यानि देश एवं समाज के प्रति प्रेम की भावना
  9. मैत्री यानि समाज में मित्रता की भावना
  10. बंधुत्व यानि देश प्रेम एवं बंधुत्व को बढ़ावा देना
  11. संगठन यानि राष्ट्र की एकता और अखंडता को मजबूत रखना
  12. कल्याण यानि देश व समाज के लिये कल्याणकारी कार्यों में हिस्सा लेना
  13. समृद्धि यानि देश एवं समाज की समृद्धि में योगदान देना
  14. उद्योग यानि देश की औद्योगिक प्रगति में सहायता करना
  15. सुरक्षा यानि देश की सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहना
  16. नियम यानि व्यक्तिगत जीवन में नियम संयम से बर्ताव करना
  17. समता यानि समता मूलक समाज की स्थापना करना
  18. अर्थ यानि धन का सदुपयोग करना
  19. नीति यानि देश की नीति के प्रति निष्ठा रखना
  20. न्याय यानि सभी के लिए न्याय की बात करना
  21. सहकार्य यानि आपस में मिलजुल कार्य करना
  22. कर्तव्य यानि अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना
  23. अधिकार यानि अधिकारों का दुरुपयोग न करना
  24. बुद्धिमत्ता यानि देश की समृधि के लिए स्वयं का बौद्धिक विकास करना।