खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली।
विश्व मगही परिषद नई दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय मगही चैपाल 94 वें में नवादा जिला के जाने-माने साहित्यकार राम रतन सिंह रत्नाकर जी ने अपना विचार रखा । स्वाधीनता आंदोलन में मगध की अहम भूमिका पर उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया, उन्होंने कहा की मगध की भूमि शस्त्र और शास्त्र दोनों की भूमि रही है अनेक वीर योद्धाओं ने स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लिया और आजादी की लड़ाई में अपना अहम भूमिका निभाया ा अंग्रेजों के ईट से ईट बजा कर अनेकों ने अपनी जान न्योछावर कर भी मां भारती की स्वतंत्रता के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया ा वहीं अंतरराष्ट्रीय मगही चैपाल के 95 वें एपिसोड में डॉक्टर सत्येंद्र सुमन जी ने अपने विचार रखे और अनेक प्रकार की साहित्यिक योगदान स्वतंत्रता संग्राम में क्या क्या रहा उस पर विस्तृत उन्होंने व्याख्या दिया।

स्वाधीनता आंदोलन में मगध और मगही साहित्य के योगदान की भूमिका पर चर्चा


मंच संचालन का कार्य प्रोफेसर नागेंद्र नारायण अंतरराष्ट्रीय महासचिव विश्व मगही परिषद ने किया किया । उन्होंने उन्होंने कहा कि विश्व मगही परिषद स्थापना काल से ही मगही के सर्वोच्च विकास ला कार्यरत है प्रयासरत है और मगही संवाद के माध्यम से अनेक विद्वानों को आमंत्रित कर उनके विचार सार्वजनिक किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में मगही भाषा की गूंज विश्व के कोने कोने में सुनायी पड़े।


स्वाधीनता आंदोलन में मगध ,मगही साहित्य और मगध के किसानों का क्या योगदान रहा है ,इस पर विस्तृत चर्चा परिचर्चा द्वारा विद्वानों के माध्यम से संभव किया जा रहा है। भारत अपने आजादी के 75 वीं वर्षगांठ धूमधाम से मना रहा है जिसे आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से तिरंगा यात्रा, घर-घर तिरंगा अभियान आदि आदि कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि हिंदुस्तान की ताकत, हिंदुस्तान की विविधता हिंदुस्तान की एकता, हिंदुस्तान की विकास आदि की झलक विश्व पटल पर दिखाई दे ा
प्रोफेसर नारायण ने बताया की 15 अगस्त तक आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर विश्व मगही परिषद तरह तरह के कार्यक्रम के माध्यम से भारत के इस मुहिम में तन मन धन से भाग लेगा और जो भी कार्यक्रम होगा ,जो भी विद्वान इस कार्यक्रम में आएंगे वे अपने विचार मगही भाषा में ही रखेंगेा इस इस मुहिम के माध्यम से मगही भाषा के विकास की झलक सूर्य किरणों की तरह विश्व के सर्वत्र क्षितिज पर उपस्थित होगा। आने वाले समय में विश्व महगी परिषद के कार्यक्रमों को और गति प्रदान दिया जाएगा और विश्व के हर कोने से विद्वान लोगों को इसमें आमंत्रित किया जाएगा ।

विश्व मगही परिषद की अनोखी पहल


मगही संवाद के अतिथि वक्ता आदरणीय राम रतन सिंह रत्नाकर जी ने सभी मगहिआ भाई बहन से निहोरा की आने वाले समय में मगही भाषा के विकास ल सब लोग आगे आएं व् साहित्य सृजन में अपना योगदान देते रहे ा वही दूसरे सत्र के अतिथि वक्ता डॉक्टर सत्येंद्र सुमन ने भी साहित्य सृजन पर जोर दिया एवं सब लोगों से निवेदन किया कि आप जहां भी हैं जिस पद पर हैं अपनी मातृभाषा का सम्मान जरूर करे। ।
इस अवसर पर मगध के महान कवि योगेश जी को भी उनकी तेरहवीं पुण्यतिथि पर याद किया गया एवं विश्व मगही परिषद के तरफ से एवं उपस्थित विद्वानों के द्वारा भी पुष्पांजलि अर्पित किया गया।