लाल किले से 130 करोड़ लोगों को आह्वान करता हूं कि आने वाले 25 साल के लिए हमें पांच प्रण पर अपने संकल्पों को केंद्रित करना होगा। हमें पंच प्रण को लेकर 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दीवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा। उक्त बाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने कही।

भारत में दुनिया की समस्याओं का समाधान – प्रधान मंत्री

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली।
15 अगस्त 2022 को भारत 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस गौरवशाली राष्ट्र महोत्सव पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर 9वीं बार तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने देश को संबोधित करते हुए 1 घंटे 24 मिनट 4 सेकंड का भाषण दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 76 वीं वर्षगांठ पर लालकिले से पांच प्रणों का खासतौर से आह्वान किया। उन्होंने सबसे पहले प्रण के रूप में विकसित भारत बनाने का संकल्प व्यक्त किया और देशवासियों से इसके लिए प्राण प्रण से जुटने का आह्वान किया।

पीएम ने देश के 130 करोड़ लोगों के सामने ये पंच प्रणों को देश की प्राणशक्ति करार देते हुए अगले 25 साल का खाका भी पेश किया। उन्होंने देश को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जाने के साथ ही मानसिकता में बदलाव और एकता व एकजुटता पर जोर दिया।

पीएम ने अपने भाषण में पांच प्रणों का जिक्र किया, ये हैं-

विकसित भारत
गुलामी से मुक्ति
विरासत पर गर्व
एकता और एकजुटता
नागरिकों का कर्तव्य

विकसित भारत बनाने और गुलामी के खात्मे का प्रण
पीएम ने कहा कि सबसे पहलेा व बड़ा संकल्प है, विकसित भारत। दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश न बचा रहने देना। यदि जरा भी गुलामी है तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। सैकड़ों सालों की गुलामी ने जो हमें जकड़कर रखा है, हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी।

सपने बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ बड़ा होता है

लाल किले की प्राचीर से संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इतने दशकों के बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है। समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर दुनिया खोजने लगी है। विश्व का ये बदलाव, विश्व की सोच में ये परिवर्तन 75 साल की हमारी यात्रा का परिणाम है। तीसरे प्रण का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए। यही विरासत जिसने कभी भारत का स्वर्णिम काल दिया था। इस विरासत के प्रति हमें गर्व होना चाहिए। चौथे प्रण के रूप में एकजुटता का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने कहा 130 करोड़ देशवासियों में एकता। न कोई अपना न कोई पराया। एकता की ताकत एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपनों के लिए हमारा चौथा प्रण है। पांचवें प्रण के रूप में उन्होंने श्नागरिकों के कर्तव्य का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नागरिकों में पीएम और सीएम भी शामिल हैं। आने वाली 25 साल के सपनों को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़ी प्राणशक्ति है। जब सपने बड़े होते हैं। जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है।

पीएम मोदी ने देश को दिया नया नारा-अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान

पीएम ने अपने भाषण के दौरान कहा, ‘जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तभी तो ऊंचा उड़ेंगे और जब ऊंचा उड़ेंगे तभी तो विश्व को समाधान दे पाएंगे। लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है।

15 अगस्त पर प्रधानमंत्री के संबोधन की 10 बड़ी बातें…

1. पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से पहली बार स्वदेशी तोप से सलामी दी गई। उन्होंने लाल किले की प्रचार से राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज का जन आंदोलन है जिसे सबको मिलकर आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा, ‘आजादी के 75 साल में पहली बार ऐसा हुआ हुआ है कि लाल किले से सलामी के लिए देश में निर्मित तोप का इस्तेमाल किया गया।’

2. पीएम मोदी ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में साथ आने के लिए देश के नागरिकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत ने समयबद्ध तरीके से लोगों को कोरोना-रोधी टीके की 200 करोड़ खुराक देने का रिकॉर्ड बनाया है जो किसी अन्य देश के लिए संभव नहीं हो सका। उन्होंने कहा, ‘कोविड-19 साझी जागरुकता का एक और उदाहरण है जिसके लिए हमारे नागरिक साथ आए। डाक्टरों को शोध के लिए समर्थन देने से लेकर सुदूर क्षेत्रों तक टीका पहुंचाने में हम साथ खड़े रहे। देश के नागरिक कोरोना योद्धाओं के साथ खड़े रहे और थाली बजाने, दिया-लाइट जलाने जैसे कदमों से इसे प्रदर्शित भी किया।

3. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कहा कि दुनिया जलवायु परिवर्तन की जिन समस्याओं से जूझ रही है उनका समाधान भारत के पास है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्राकृतिक खेती पर जोर देने का भी आह्वान किया। मोदी ने कहा, ‘आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है। जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है। इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है।’

4. पीएम मोदी ने अगले 25 साल की यात्रा को देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण करार दिया। उन्होंने  इस अमृत काल में विकसित भारत, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता व नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्य पालन के ‘पंच प्राण’ का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी का 76वां स्वतंत्रता दिवस एक ऐतिहासिक दिन है और यह पुण्य पड़ाव, एक नयी राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर है।

5. पीएम मोदी ने कहा कि भारत की तरक्की के लिए महिलाओं का सम्मान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और उन्होंने ‘नारी शक्ति’ का समर्थन करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि बोलने में और आचरण में ”हम ऐसा कुछ न करें जो महिलाओं का सम्मान कम करता हो। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे आचरण में विकृति आ गई है और हम कभी-कभी महिलाओं का अपमान करते हैं। क्या हम अपने व्यवहार और मूल्यों में इससे छुटकारा पाने का संकल्प ले सकते हैं।’

6. भारत 1947 में आजाद हुआ था और उसने 2022 में आजाद देश के रूप में 75 साल की यात्रा पूरी कर ली है। सरकार की ओर से अगले 25 साल के कालखंड को ‘अमृत काल’ का नाम दिया गया है। मोदी ने कहा कि आज विश्व भारत की तरफ गर्व से देख रहा है, उसे अपेक्षा से देख रहा है और समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगा है। उन्होंने कहा कि विश्व की सोच में यह परिवर्तन भारत की 75 साल की यात्रा का परिणाम है।

7. नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति धरती से जुड़ी हुई है, जिसमें कौशल्य पर बल दिया गया है और यह हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंथन के साथ बनी है, कोटि कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है। भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है। इसमें हमने कौशल्य पर बल दिया है, यह ऐसा सामर्थ्य है जो हमें गुलामी से मुक्ति की ताकत देगा। कभी-कभी हमारी प्रतिभाएं भाषा के बंधनों में बंध जाती हैं, ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है।’

8. पीएम मोदी ने लाल किले से संबोधन के दौरान भ्रष्टाचारियों पर भी जमकर प्रहार किया। उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए भ्रष्टाचार के दोषियों पर सवाल उठाए। पीएम ने कहा, ‘कई लोग तो इस हाल तक चले जाते हैं कि कुछ लोग जिन्हें कोर्ट ने दोषी पाया है, जेल में हैं। उनका भी महिमांडन करते हैं। जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता है, तब यह मानसिकता खत्म नहीं होगी। हमें इनके प्रति जागरूक होने की जरूरत है।’

9. चीन से बड़े पैमाने पर आयात की ओर से इशारा करते हुए पीएम ने ड्रैगन पर चोट की भी बात कही। उन्होंने कहा कि आज हमारे 5-5 साल के बच्चे भी यह संकल्प ले रहे हैं कि विदेशी खिलौनों से नहीं खेलना है। उन्होंने कहा कि आज हम आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिनटेक सेक्टर में हमने क्रांति की है। आने वाले समय में कृषि से लेकर शिक्षा तक डिजिटल माध्यम का महत्व बढ़ने वाला है। मोदी ने कहा कि हम जल्दी ही कनेक्टिविटी के मामले में एक कदम और आगे बढ़ने वाले हैं और जल्दी ही 5जी सर्विस की शुरुआत हो जाएगी।

10. हम सभी देशवासी महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर के ऋणी हैं। उन्होंने अपने जीवन को खपा दिया। यह देश कृतज्ञ है, मंगल पांडे, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्लिम और अन्य तमाम क्रांतिवीरों का। इन लोगों ने अंग्रेजों की नींव हिला दी। यह देश रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, बेगम हजरत महल, रानी गाइडिल्यू का ऋणी है। भारत की नारी त्याग और बलिदान की पराकाष्ठा कर सकती है। अनगिनता वीरांगनाओं का स्मरण करते हुए हर भारतीय गर्व से भर जाता है।

अब तक सिर्फ एक बार एक घंटे से कम बोले प्रधानमंत्री

2015 में नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 86 मिनट का भाषण देकर पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का रिकॉर्ड तोड़ा था। नेहरू ने 1947 में लाल किले से 72 मिनट लंबा भाषण दिया था।
प्रधानमंत्री अब तक कुल नौ बार लाल किले से देश को संबोधित कर चुके हैं। केवल एक बार उन्होंने देश को एक घंटे से कम समय के लिए देश को संबोधित किया। 2017 के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का भाषण केवल 56 मिनट का रहा था। ये उनका सबसे छोटा भाषण है।

किस स्वतंत्रता दिवस पर कितने मिनट बोले मोदी

2014 में 65 मिनट, 2015 में 86 मिनट, 2016 में 96 मिनट, 2017 में 56 मिनट, साल 2018 में 82 मिनट, 2019 में 93 मिनट, 2020 में 86 मिनट, 2021 में 88 मिनट और 2022 में 83 मिनट तक पीएम मोदी ने लाल किले से भाषण दिया।