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CHILDE PONOGRAPHY मामले में CBI की टीम ने मंगलवार को चंदौली कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. इस मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो चंदौली की कोर्ट में 4 लोगों के खिलाफ 2 हजार पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है. इसमें दो आरोपी चंदौली जिले के रहने वाले हैं. जबकि अन्य दो में से एक आरोपी बांदा जिला और दूसरा पटना जिले के फतुहा का रहने वाला है. बांदा और फतुहा के रहने वाले दोनों व्यक्ति सरकारी कर्मचारी हैं।

CHILDE PONOGRAPHY मामले में CBI का बहुत बड़ा आपरेशन

CHILDE PONOGRAPHY चारों के विरुद्ध नाबालिग बच्चों की अश्लील तस्वीरें व वीडियो इंटरनेट मीडिया और मोबाइल एप के जरिये साझा करने और पैसे लेकर बेचने का आरोप था। सीबीआइ ने इस साल 29 अप्रैल को राम भवन व अजीत कुमार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।

राम भवन को करीब 50 बच्चों का CHILDE PONOGRAPHY करने और उनकी अश्वील तस्वीरें इंटरनेट मीडिया और मोबाइल एप के जरिए साझा करने के आरोप में नवंबर 2020 में बांदा में गिरफ्तार किया गया था। स्पेशल पाक्सो कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शमशेर बहादुर सिंह के अनुसार अजीत के राउरकेला व पटना स्थित घरों की तलाशी के दौरान लैपटाप, मोबाइल फोन, डिस्क आदि में भारी मात्रा में CHILDE PONOGRAPHYसंबंधी सामग्री बरामद हुई थीं। जांच में नौ से 12 वर्ष के चंदौली के कुछ बच्चों की तस्वीरें व अश्लील फिल्में भी मिलीं।

अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 20 अगस्त तिथि तय

CBI ने चंदौली के सकलडीहा निवासी अजय कुमार गुप्ता तथा भदोही के मूल निवासी व आवाजापुर में निजी आइटी कालेज के अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि दोनों ने कई बच्चों को बहला-फुसला कर उनकी गंदी तस्वीरे खींची और वीडियो बनाए। बच्चों को धमका कर उन्हें चुप रहने पर मजबूर किया। आरोप पत्र के अनुसार अजीत कुमार ने मोबाइल एप के जरिये राम भवन, अजय और अन्य कई लोगों के संपर्क में था। अजीत ने तस्वीरों, वीडियो के लिए अजय से भी पैसे लिए थे। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 20 अगस्त का तिथि तय की है।

ऐप के माध्यम से जुड़े

जांच में यह भी तथ्य सामने आया कि दोनों लोग एक ऐप के माध्यम जुड़े थे. इस मामले की जांच के वक्त टीम को ज्ञात हुआ कि जनवरी 2015 और फरवरी 2016 में दोनों ने CHILDE PONOGRAPHYसे संबंधित वीडियो और फोटो को साझा किया था. इस मामले की जांच के क्रम में सीबीआई के सामने दो अन्य लोगों के नाम भी सामने आये जो कि चंदौली के रहने वाले थे.

बच्चों का करते थे यौन शोषण

एक आरोपी निजी इंस्टीट्यूट का मालिक भी

सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में बताया कि, चंदौली के रहने वाले अजय कुमार गुप्ता और अविनाश कुमार सिंह, बच्चों का यौन शोषण कर उसकी फिल्म व फोटो खींचकर उसे ऊंचे दामों पर बेचा करते थे. इसमें एक आरोपी निजी इंस्टीट्यूट का मालिक भी है. सीबीआई की जांच में सामने आया कि जिले के रहने वाले दोनों आरोपी बच्चों को डरा,धमका कर और लालच देकर ऐसा कृत्य कराया करते थे. साथ ही जान से मारने की धमकी भी देते थे. जिससे बच्चे डरकर किसी से कुछ नहीं कहते. न्यायालय के विशेष अधिवक्ता शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि सीबीआई की ओर से चार आरोपियों के खिलाफ दो हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है।

मंगलवार को सीबीआई ने राउरकेला में तैनात रेलवे लोको पायलट समेत चार लोगों के खिलाफ 9 से 12 साल की तीन बच्चियों के साथ कथित CHILDE PONOGRAPHY के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है। जिससे स्पष्ट हो गया है कि निलम्बित जेई रामभवन के तार देश के कई राज्यों में लोगों से जुड़े थे, जो बाल यौन शोषण सामग्री बच्चों को भेजते थे।

सीबीआई ने बांदा से अरेस्ट किया था जेई

सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के बांदा में रामभवन को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। इसके बाद उसकी पत्नी दुर्गावती और दिल्ली के एक व्यक्ति को भी जेल भेजा गया था। इसके बाद भी सीबीआई की जांच चलती रही। जांच के दौरान पटना-बिहार के दो आरोपियों के विरुद्ध 29 अप्रैल 2022 को मुकदमा दर्ज किया गया। दोनों ने जनवरी 2015 एवं फरवरी 2016 की अवधि में व आगे तक कई बाल यौन शोषण सामग्री, वीडियो आदि साक्षा किया एवं आदान-प्रदान किया।

पकड़े गए तीनों व्यक्ति तीन नाबालिग बच्चों को वर्ष 2019 से 2022 के दौरान CHILDE PONOGRAPHYसामग्री भेज रहे थे।

एक आरोपी रेलवेकर्मी

एक आरोपी जो रेलवे का कर्मचारी है, उसके राउरकेला उड़ीसा, रायपुर, पटना बिहार स्थित आवासीय परिसरों में तलाशी लेकर सीबीआई ने मोबाइल फोन, माइक्रो एसडी कार्ड, हार्ड डिस्क तथा अन्य सामग्री सहित आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की थीं। वह कथित रूप से कई अज्ञात व्यक्तियों के सम्पर्क में था।

उक्त सरकारी कर्मचारी जिला चन्दौली के एक शख्स के सम्पर्क में भी था। जिसके साथ वह पैसे के बदले में बाल यौन शोषण सामग्री साझा कर रहा था। पकड़े गए तीनों व्यक्ति तीन नाबालिग बच्चों को वर्ष 2019 से 2022 के दौरान यौन उत्पीड़न सामग्री भेज रहे थे।

नाबालिगों को किया मजबूर

सीबीआई का कहना है कि जांच के दौरान पाया गया कि नाबालिग पीड़ितों को एक-दूसरे के साथ यौन गतिविधियों को करने के लिए दबाव डाला गया और उकसाया गया। इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होने के दौरान आरोपी ने इस कृत्य को मोबाइल फोन में रिकार्ड कर लिया और व्हाट्सऐप, टेलग्रिाम जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म, एप्लीकेशन के माध्यम से आगे शेयर किया। इन तीनों आरोपियों के कब्जे से नाबालिगों को छुड़ा लिया गया है। अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता के लिए सीबीआई जांच कर रही है।

इस सिलसिले में सीबीआई ने नाबालिग बच्चों का यौन शोषण करने और उनके अश्लील वीडियो व फोटो पॉर्न साइटों को बेचने का एक मामला 31 अक्टूबर 2020 को दर्जकर 16 नवंबर 2020 को चित्रकूट से सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता (जेई) रामभवन को गिरफ्तार किया था। वह 18 नवंबर से न्यायिक हिरासत में बांदा की जेल में बंद है। इसी मामले की सह आरोपी दुर्गावती (जेई की पत्नी) 28 दिसंबर 2020 से न्यायिक हिरासत में बांदा की जेल में बंद है। इसके बाद दिल्ली से तीसरा आरोपी भी गिरफ्तार किया था।