खबरी नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKVP) जनजातीय वर्ग के छात्रों की शिक्षा के साथ ही कौशल विकास के लिए भी योजना बना रहा है। विद्यापीठ के एनटीपीसी परिसर में इन छात्रों के लिए स्ववित्तपोषित स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही कई नए पाठ्यक्रम भी शुरू करने की तैयारी है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (MGKVP) जनजातीय वर्ग के छात्रों की शिक्षा के साथ ही कौशल विकास के लिए भी योजना बना रहा है।
सोनभद्र के आसपास के क्षेत्रों के आदिवासी और जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए MGKVP की तरफ से पहल की गई है। एनटीपीसी परिसर में आदिवासी छात्रों के लिए कला, विज्ञान और वाणिज्य विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ कई डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में 700 से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
आदिवासी और जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए MGKVP की तरफ से पहल की गई है।
MGKVP कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने इन छात्रों के कौशल विकास के लिए भी नई योजना तैयार करने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन छात्रों के लिए विशेष तौर पर पाठ्यक्रमों की फीस बेहद कम रखी जाएगी। अब तक चलाए जा रहे स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की फीस 8 हजार रुपये प्रतिवर्ष तक है जो स्ववित्तपोषित श्रेणी में काफी कम है। विद्यापीठ के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नवरत्न सिंह ने बताया कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के कौशल विकास की योजना समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के गांधी जी के जंतर और उसके उत्थान के विद्यापीठ के संकल्प की कड़ी है।