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नौगढ़,चन्दौली। सरकार के भी अजब गजब कारनामें हमेशा चर्चा में बने ही रहते है। उसमें भी विजली विभाग का तो क्या पूछने। यहाॅं हर वक्त अनेंको किस्से देखने व सुनने को मिलते रहते है। जहाॅं एक . दो लाख का ELECTRICITY BILL विभागीयगणों के रहमों करम से कुछ हजार में ही सीमट जाया करते है। कुछ ऐसा ही एक खबरी की स्पेशल रिर्पोट में देखें। गरीबों के घर में उजियारा कायम करने के लिए वर्ष 1989-90 में प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की सरकार में नक्सल क्षेत्र में राजीव गांधी विद्युतिकरण योजना से दिए गए ELECTRICITY BILL 23 वर्षो बाद करीब 2 लाख रुपये का जारी होने की नोटिस मिलते ही कनेक्शन धारकों का हाथ पांव फूलने लगा है।


पेट भरने तक का इंतजाम नहीं फिर कैसे होगी भारी भरकम राजकीय बकाया धन की अदायगी

ELECTRICITY BILL डाक से मिलते ही ब्यथित होकर गरीब आदिवासियों ने उच्चाधिकारियों को अपनी ब्यथा सुनाकर के न्याय की गुहार लगाई है।
इस बारे में बताया जाता है कि वर्ष 1989-90 में संचालित राजीव गांधी 1989 योजना से गरीबों के घर को जगमग करने के लिए निःशुल्क तार व बोर्ड देकर के गरीबों को बिजली कनेक्शन दिया गया था। तब से लगायत करीब 23 वर्ष का समय ब्यतीत हो जाने तक कोई भी बिजली बिल देय नहीं किए जाने से उपभोक्ता एकदम बेफिक्र रहे।
लगभग 2-2 लाख रुपये का बिल अब उपभोक्ताओं के घर पर डाक से पहुंचते ही होश उड़ने लगा है।
अधिशासी अभियंता(नियत प्राधिकारी)पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्रारा पंजीकृत विद्युत बिल बकाया नोटिस जारी कर के निर्देशित किया गया है कि बकाया राशि का भुगतान निर्धारित देय तिथि तक नहीं किए जाने पर उ.प्र.सरकारी बिजली ब्यवसाय संस्था अधिनियम 1958 की धारा 5 के साथ पठित अमुक अधिनियम की धारा 3 के अधीन पूर्ण देय नोटिस एवं वसूली की लागत सहित धनराशि बकाएदारों के भू राजस्व से वसूल की जाएगी।


कनेक्शनधारको में कई हुए परलोकवासी तो कई किये गाॅंव से पलायन

बिजली बिल बकाएदारों ने बताया कि जितने लोगों के घरों में बिजली कनेक्शन दिया गया था।उनमें से अनेकों लोग परलोक सिधार गये हैं।तथा काफी लोग गांव छोड़कर अन्यत्र पलायन किए हुए हैं।

सितंबर 2020 मे बिजली विभाग ने मीटर लगाकरके रसीद दिया।फिर भी बिजली बिल का बकाया राशि होने संबंधी कोई भी जिक्र नहीं

जो लोग गांव में रहन सहन कर रहे हैं।उनके घरों पर माह सितंबर 2020 मे बिजली विभाग ने मीटर लगाकरके रसीद दे दिया।फिर भी बिजली बिल का बकाया राशि होने संबंधी कोई भी जिक्र नहीं किया गया।
उक्त योजना से लाभान्वित बिजली बिल के बकाएदार उपभोक्ताओं मे से अनेकों भूमिहीन व अति गरीब हैं।
तथा कुछ के पास नाममात्र राजस्व की भूमि या घर मकान है।जिनके द्रारा राजकीय बकाया धनराशि का भुगतान कैसे हो पाएगी। यह सोचनीय विषय है। आखिर जब निःशुल्क कनेक्शन दिया गया था तो विजली बिल कैसा । और जब विजली का बिल लेना ही था तो इन 23 वर्षो तक विद्युत विभाग क्या कर रहा था। आखिर क्या होगा इन बिलों का।