UCKNOW YOGI GOVERNMENT ने इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक GOVERNMENT LAWYERS    को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी के बाद इतने ही नये वकील रखे जायेगें।UCKNOW YOGI GOVERNMENT ने इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक GOVERNMENT LAWYERS    को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी के बाद इतने ही नये वकील रखे जायेगें।

शिलापट्ट पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पिता स्व0 रामबदन सिंह भी

KHABARI NATIONAL NEWS NETWORK
चकिया,चन्दौली।
जहाॅं देश हर जगहों पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था वह अमृत महोत्सव किसके लिए मनाया जा रहा था और क्यों इसको अंगूठा दिखाने का कार्य कर रहा है चकिया प्रशासन। आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान को प्रगति की ओर ले जाने वाली सभी चीजों का एक मूर्त रूप है। आजादी का अमृत महोत्सव की आधिकारिक यात्रा की शुरुआत 12 मार्च 2021 से शुरू हो गई है तथा यह एक वर्ष के बाद 15 अगस्त 2023 को समाप्त होगी।

चकिया तहसील में FREEDOM FIGHTERS की सूची बोर्ड शौचालय के गंदगी के ढेर पर

FREEDOM FIGHTERS का तहसील प्रांगण में लगा शिलापट्ट छाया – खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क

स्थानीय तहसील कार्यालय में लगे देश को आजादी दिलाने में यातनाएं झेलने वाले देश की आजादी के आंदोलन के दौरान सन् 1942 में जेल जाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के शिलापट्ट का हश्र देखकर एक बारगी तो ऐसा लगा कि यहाॅं का प्रशासन क्या कर रहा है क्या आज आजादी के उन दिवानो के शिलापट्ट का यही हश्र होना थां ।
खबरी की तहकीकात के मुताबिक खबर कुछ इस प्रकार से है कि अमृत महोत्सव के कार्यक्रम के दौरान खबरी की पैनी निगाह तहसील प्रांगण के आजादी के दिवानों के नामों से अंगीकृत शिलापट्ट पर पड जा पड़ी। जिस शिलापट्ट को फ्रन्ट पर होना चाहिए वह एक कोने में लगा हुआ जहाॅं एक ब्यक्ति वाथरूम कर रहा था। और आस पास गन्दगी का साम्राज्य ब्याप्त था। दिल ग्लानी से भर गया। क्या उन आजादी के दीवानों जिन्होने जेल के भीतर यातनाएं झेली और जो सन् 1942 में जेल भी गये। उनका यह अंजाम कत्तई ठीक नही है। आपको बता दें कि चकिया तहसील कार्यालय प्रशासन के गैर जिम्मेदारियो की वजह से उक्त नाम बोर्ड के बगल में लोग मूत्र त्याग कर रहे है।
देखा जाये तो गांव में एक नाली सडक के निर्माण कार्य कराने पर अधिकारियों व ग्राम व प्रधान व पदाधिकारियों के नाम सुनहरे रंगों से सुसज्जित पत्थर पर खुदवाकर एक ब्यवस्थित तरीके से गांव में सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाता है जिस पर लोगों की हमेशा नजर पडती रहे।
वही चकिया तहसील में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों कि सूची बोर्ड खोजने पर शौचालय के गंदगी के ढेर पर मिली।

शिलापट्ट की कहानी स्वतंत्रता सेनानी के परिजन की जबानी

खबरी के काफी तहकीतात करने पर पता चला कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार के वरिष्ठ अधिवक्ता शम्भूनाथ सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों में स्थानीय क्षेत्र के सरजू साव,रामअनन्त तिवारी,मुन्नन जी पाण्डेय,द्वारिका मौर्या,जगरदेव विश्वकर्मा के साथ ही मेरे परिवार के मेरे पिता स्व0 श्यामा सिह एवं मेरे बड़े पिता तथा वर्तमान भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पिता स्व0 रामबदन सिंह व मेरे पट्टीदार एवं चकिया के प्रथम ब्लाक प्रमुख स्व0 रामसूरत सिंह, के साथ – साथ कई सेनानियों के नाम अंकित है। क्या यही है आजादी का अमृत महोत्सव ।

वरिष्ठ अधिवक्ता शम्भूनाथ सिंह

जानकारी के लिए बता दे आजादी के दिवानों का शिलापट्ट पूर्व में ही बना कर रखा गया था स्थानीय गाॅंधी पार्क में लगाने के लिए लेकिन उसका कही भी अता पता नही चल सका। उन्होने कहा कि हम दिल से दुःखी है और इस प्रकरण को आगे राज्य और केन्द्र स्तर तक ले जाने में कोई कोताही नही बरतेंगे। उन्होने मांग किया कि जिस प्रकार से चकिया के ब्लाक मुख्यालय पर शिलापट्ट फ्रन्ट पर लगा है वैसे ही शिलापट्ट तहसील प्रांगण में भी लगाया जाय। और गाॅंधी पार्क में भी आजादी के अमर शहीदों का शिलापट्ट लगवाया जाय। कहा कि यहा एक स्मारक बनाया जाना चाहिए जिसमें यहां आजादी के आन्दोलन के दौरान जेल में बंद रहे तथा तमाम तरह की यातनाएं झेलनेवाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम उल्लेखित किया जाना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़िया इस स्थान का महत्व को याद रख सके और प्रेरणा लेती रहे ।

By KHABARI POST.COM