खबरी नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। निराश्रित व आर्थिक रूप से अक्षम विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत अच्छी व गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान के लिए निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीट आरक्षित है। इस संबंध में बेसिक विभाग ने निजी स्कूलों को आरटीई पोर्टल (RTE Portal) पर पंजीकरण का आदेश दिया था। दो से तीन बार विभागीय नोटिस के बाद भी कई विद्यालयों ने आरटीई पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराया। इसे देखते हुए विभाग ने बिना उनकी सूचना के ही उन स्कूलों का पोर्टल पर पंजीकरण कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में नये सत्र में आरटीई के तहत जिन बच्चों के एडमिशन के लिए ये स्कूल आवंटित होंगे। उनके अभिभावकों की परेशानियां बढ़नी तय हैं।
बेसिक विभाग ने निजी स्कूलों को आरटीई पोर्टल (RTE Portal) पर पंजीकरण का आदेश दिया था।
बेसिक शिक्षा विभाग जनपद के 317 स्कूलों को दो से तीन बार नोटिस देकर आरटीई पोर्टल (RTE Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया। जिसके बाद भी सिर्फ 80 स्कूलों ने ही पंजीकरण कराया। जबकि शेष स्कूलों ने इसमें कोई रूचि नहीं दिखायी। तीन चरणों की लॉटरी में जनपद से कुल 7656 विद्यार्थियों का चयन आरटीई के तहत निजी स्कूलों के लिए हुआ है, लेकिन महानिदेशक कार्यालय के अनुसार जनपद में सिर्फ 44 प्रतिशत बच्चों के ही आरटीई के तहत स्कूलों में एडमिशन हुए हैं।
317 स्कूलों को दो से तीन बार नोटिस देकर आरटीई पोर्टल (RTE Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया।
RTE समन्वयक विमल केशरी के अनुसार पत्राचार के बाद स्कूल पंजीकरण नहीं कराते हैं तो इन सभी का पंजीकरण खुद ही पोर्टल पर कर दिया जाएगा और विभाग सीटों का आवंटन भी कर देगा। विभाग के इस कदम से नये सत्र में आरटीई के माध्यम से निजी स्कूलों में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की परेशानी बढ़नी तय मानी जा रही है। मसलन एडमिशन के लिए स्कूलों के इनकार करने पर अभिभावक विभाग अैर अधिकारियों के चक्कर लगाने में परेशान रहेंगे।