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वाराणसी। मोक्ष की नगरी काशी में अधिकांश लोग अपना प्राण त्यागना चाहते हैं। इसी कामना को लेकर भारी संख्या में लोग काशी आते रहते हैं। इन्हीं लोगों के लिए काशी विश्वना्थ धाम में मुमुक्षु भवन का निर्माण किया गया है। काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। जीवन के अंतिम समय में लोग यहीं पर रहना और प्राण त्यागना चाहते हैं। 

मोक्ष की नगरी काशी में अधिकांश लोग अपना प्राण त्यागना चाहते हैं। इसी कामना को लेकर भारी संख्या में लोग काशी आते रहते हैं।

बड़ी संख्या में बुजुर्ग मोक्ष की कामना में यहां आते हैं। बुजुर्गों की इसी इच्छा को पूरी करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर ने भी पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बुजुर्गों के लिए मुमुक्षु भवन का निर्माण किया गया है। मंगलवार से इस भवन को चालू कर दिया गया। 

विश्वनाथ मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा ने माला-फूल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि काशी में मृत्यु भी मोक्ष माना जाता है।

भवन के शुभारम्भ के मौके पर राजस्थान के उदयपुर से आए छह वृद्धजनों का विश्वनाथ मंदिर के सीईओ सुनील वर्मा ने माला-फूल से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि काशी में मृत्यु भी मोक्ष माना जाता है। इस परंपरा के निर्वहन को देखते हुए ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन का निर्माण कराया गया है। मुमुक्षु भवन के संचालन की जिम्मेदारी उदयपुर की संस्था तारा फाउंडेशन को मिली है।