खबरी नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। पिंडरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सैरागोपालपुर में प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने प्रधानमंत्री को ‘पाती’ लिखी। पाती में नन्हें-मुन्हें बच्चों ने अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए अपने ‘मन की बात’ लिखकर भेजी। जानकारी के मुताबिक आगामी मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन नन्हें-मुन्हें बच्चों के मन की बात को साझा कर सकते हैं।

आगामी मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन नन्हें-मुन्हें बच्चों के मन की बात को साझा कर सकते हैं।

पीएमओ के दिशा-निर्देश पर बच्चों ने प्रधानमंत्री को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए अपने मन की बात लिखकर भेजी। सोशल मीडिया और डाक के सहारे बच्चों ने अपने पत्र प्रधानमंत्री को भेजे। ‘मेरा सपनों का भारत कैसा हो’ विषय पर बच्चों ने पत्र में अपने विचार लिखें। इसमें कक्षा 3, 4 और 5 के लगभग 100 बच्चों ने प्रधानमंत्री को अपनी भावनाओं से अवगत कराया। पत्र में बच्चों ने बताया कि सरकारी विद्यालय के हम बच्चों को असमान शिक्षा व्यवस्था का दंश झेलना पड़ता है। जिसकी वजह से सामाजिक उपेक्षा सहनी पड़ती है।

पत्र में बच्चों ने बताया कि सरकारी विद्यालय के हम बच्चों को असमान शिक्षा व्यवस्था का दंश झेलना पड़ता है। जिसकी वजह से सामाजिक उपेक्षा सहनी पड़ती है।

बच्चों ने अपने सांसद और पीएम को यह भी लिखकर भेजा कि सरकारी विद्यालयों की भांति प्राइवेट स्कूलों में भी निर्धारित विषय, पुस्तक व गतिविधियां लागू की जानी चाहिए। जिससे प्राइवेट और सरकारी में कोई अंतर न हो सके। इसी तरह कुछ बच्चों ने महंगाई की वजह से कॉपी पेन आदि शैक्षिक सामग्री न खरीद पाने की वजह से बाधित हो रही पढ़ाई का जिक्र किया।

प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे उत्साह के साथ अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री को अपने मन की बात लिख रहे थे।

वहीं कुछ ने बाल मजदूरी समाप्त करने में प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। इसी प्रकार प्रदूषण, पर्यावरण और अन्य मुद्दों पर भी बच्चों ने अपने विचार प्रधानमंत्री के लिए लिखे हैं। प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे उत्साह के साथ अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री को अपने मन की बात लिख रहे थे। इस कार्य में सहायक अध्यापक सुनील कुमार, प्रीति सोनकर, सिद्धनाथ, कौशल, राहुल, वेद, रामआसरे निशा और नगीना सिंह ने सहयोग दिया