हाईकोर्ट के आदेश पर लगी थी सुप्रीम कोर्ट की मोहर

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा ।

नोएडा में बने सुपरटेक TWIN TOWER को रविवार को अपरान्ह गिरा दिया गया । बटन दबाते हुए इमारत में लगाए गए विस्फोटकों में धमाका हुआ और TWIN TOWER पलक झपकाते ही नीचे गिरे ऐसे में धूल का गुबार आसमान तक छा गया। कहा जा रहा है कि TWIN TOWER को गिराने से प्रदूषण का लेवल बढ़ सकता है और साथ ही आसपास के लोगों को इस धूल से परेशानी हो सकती है। 

देश में पहली बार इतनी ऊची  ऐतिहासिक इमारत को गिराया गया

कल तक जो गगन चुम्बी इमारत अपने पर नाज रखते थे वे ही नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे TWIN TOWER  रविवार को महज 9-12 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारतें नेस्तानाबूत हो गईं। कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारत के ढहने से आसमान में धूल का गुबार दिखाई दिया। TWIN TOWER के ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया था। मौके पर पुलिस से लेकर एनडीआरएफ, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की टीमें मौजूद रही । वहीं वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पानी के टैंकर मौजूद हैं जिनसे पानी का छिड़काव किया जा रहा है। एंटी स्मॉग गन भी लगाई गई हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर वाहनों की आवाजाही बंद थी जिसे  करीब तीन बजे खोला गया। नोएडा सीपी ने कहा, ‘मोटे तौर पर योजना के अनुसार ही सबकुछ हुआ, विशेषज्ञ दल मौके पर हैं। फिलहाल आकलन किया जा रहा है। केवल विशेषज्ञ ही विध्वंस के बाद की स्थिति का पता लगा सकते हैं। 

हाउसिंग सोसाइटियों को नहीं हुआ कोई नुकसान

नोएडा की सीईओ रितु महेश्वरी ने कहा, ‘मोटे तौर पर, आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अभी कुछ मलबा ही सड़क की तरफ आया है। हमें कुछ घंटे में स्थिति को लेकर बेहतर अंदाजा मिल जाएगा। सफाई की जा रही है। क्षेत्र में गैस और बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। शाम 6.30 बजे के बाद लोगों को पड़ोस की सोसायटियों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।’

TWIN TOWER

प्रदूषण कम करने की कोशिश जारी

पलक झपकते ही TWIN TOWER नेस्तानाबूत हो गए। इससे आसमान में धूल का गुबार फैल गया। अब धूल को कम करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए मौके पर एंटी स्मॉग गन्स, पानी के टैंकर मौजूद हैं। 

सड़कें ऊंची करने के काम आएगा मलबा

साइट पर सरिया व अन्य धातु अलग कर बचे मलबे को नीची सड़कों पर डालकर उनका स्तर ऊंचा किया जाएगा। वहीं, बिल्डिंग के आसपास और बेसमेंट के ऊपर मिट्टी की तीन मीटर मोटी परत बिछाकर पौधारोपण किया जाएगा। इससे यह जगह वास्तव में जिस स्थिति में होनी चाहिए थी, ध्वस्तीकरण के बाद टावर गिरने पर उसी स्थिति में नजर जाएगी।

चार हजार टन निकलेगा सरिया

मलबे में चार हजार टन वजन सरिया का होगा। अनुबंध के तहत एडफिस इंजीनियरिंग इस सरिया को अपने पास रखेगा। बाकी निकलने वाले  मलबे का निस्तारण किया जाएगा। विस्फोट होने के बाद TWIN TOWER के डबल बेसमेंट को मलबे से भर दिया जाएगा। इसमें करीब 25 हजार टन मलबा निस्तारित हो ।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे आधे एक घंटे के लिए रहा बंद

विस्फोट से ठीक पहले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे दोपहर 2:15 बजे से 3-45 बजे तक बंद  रहा, इस दौरान नोएडा से ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर-37 की ओर डायवर्ट किया जाएगा। वाहन चालकों को सिटी सेंटर, सेक्टर-71 होकर गंतव्य की ओर जाना पड़ेगा।

TWIN TOWER को गिराने में खर्च होंगे 17.55 करोड़ रुपये

दोनों टावरों के ध्वस्तीकरण में 17.55 करोड़ खर्च होंगे। सुपरटेक TWIN TOWER का निर्माण जुलाई 2006 में शुरू हुआ। इस दौरान पहली बार 29 दिसंबर 2006 में मानचित्र में संशोधन हुआ। दूसरी बार 26 नवंबर 2009 में माचित्र में संशोधन हुआ। दोनों टावर का निर्माण कार्य 2 मार्च 2012 तक चला। यह प्रोजेक्ट काफी विवादित रहा। बिल्डर और बायर की लड़ाई में बायर्स की जीत हुई और सुप्रीम कोर्ट ने TWIN TOWER को गिराने का आदेश जारी कर दिया।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दिया टावर ढहाने का आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डेढ़ साल की सुनवाई के बाद 11 अप्रैल 2014 में TWIN TOWER को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने भी एमरॉल्ड कोर्ट के खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाया था।

यह है न्याय और सुशासन

यूपी के उपमुख्यमंत्री सीएम ब्रजेश पाठक ने TWIN TOWER को लेकर सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर समाजवादी पार्टी के भ्रष्टाचार और अराजकता की नीति का जीवंत प्रमाण है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के शासनकाल में सपा के कुकर्मों की प्रतीक यह अवैध इमारत जमींदोज हो रही है। यह है न्याय, यही सुशासन..’

मशीनों-मजदूरों के जरिए तोड़ने में लगते दो साल

सुपरटेक के अवैध TWIN TOWER को सुरक्षित तरीके से गिराने के लिए दो ही विकल्प थे, पहला विस्फोटक से कुछ सेंकेड में इन दोनों इमारतों को गिरा दिया जाए या फिर मजदूरों और मशीनों के जरिए तोड़ा जाए। मजदूरों और मशीनों के जरिए इनको तोड़ने में दो साल का समय लगता। यह बात विशेषज्ञों ने कही। रविवार को ट्विन टावर ‘वाटर फॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से सुरक्षित तरीके से गिराए गये।

केरल में ध्वस्त किया था 18 मंजिला टावर

TWIN TOWER गिराने वाली कंपनी ने 2019 में केरल के मराडु में एक साथ चार टावर गिराए थे। तीन टावरों की ऊंचाई 16 मंजिल और एक टावर की ऊंचाई 18 मंजिल थी। ये चारों टावर एडिफाइस कंपनी ने गिराए थे। इस कंपनी ने तेलंगाना में सचिवालय, केंद्रीय कारागार और गुजरात में ओल्ड मोटेरा स्टेडियम को भी ध्वस्त किया था।