गंगा, वरुणा एवं गोमती में आई बाढ़ से गांव-दर-गांव आ रहे चपेट में

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी / चन्दौली।
सोमवार को बाढ़ का पानी काशी विश्वनाथ धाम की दहलीज तक पहुंच गया है। धाम से सटे मणिकर्णिका घाट को डूबोकर अब ऊपर घुसने लगा है। गंगा किनारे रैम्प बिल्डिंग और नये शवदाह के लिए बने चैम्बर तक पहुंच गया है।
शिव की नगरी काशी में गंगा का रौद्र रूप जारी है।

बाढ़ ने डराया, गंगा के तटवर्ती गांवों में पानी ही पानी

गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।गंगा का रौद्र रूप से बाढ़ पीड़ित हालातों के आगे लाचार हैं। पानी ज्यों-ज्यों बढ़ रहा है लोग घर खाली कर रहे है। बाढ़ राहत शिविर में रह रहे लोगों को वर्तमान के साथ ही भविष्य की चिंता उन्हें घेरते जा रही है। खतरे के निशान को पार करने के बावजूद जलस्तर में बढ़त लगातार जारी है। धीरे-धीरे बढ़ाव के कारण जलस्तर वर्ष 2013 के रिकॉर्ड 72.630 मीटर के करीब पहुंच रहा है। रविवार शाम ही बाढ़ का पानी काशी विश्वनाथ धाम की दहलीज तक पहुंच गया है। धाम से सटे मणिकर्णिका घाट को डूबोकर अब ऊपर घुसने लगा है।

घरों में पानी भरने के बाद ग्रामीणों का पलायन तेज

वहीं, गंगा का रौद्र रूप‚ वरुणा एवं गोमती में आई बाढ़ गांव-दर-गांव को चपेट में लेती जा रही है। चोलापुर, चिरईगांव ब्लॉकों के तटवर्ती गांवों की स्थिति अधिक गंभीर हो चली है जबकि काशी विद्यापीठ और आराजी लाइन ब्लॉकों के भी दर्जनों गांव संकट बढ़ता जा रहा है। घरों में पानी भरने के बाद ग्रामीणों का पलायन तेज हो गया है।


गंगा का रौद्र रूप का पानी अब घाट की सीढ़ियों से ऊपर आकर सड़कों पर बहने लगा है। गंगा और उसकी सहायक नदी वरुणा के तटवर्ती इलाके तो पहले से ही डूबे थे। अब पानी नए इलाकों को भी अपनी चपेट में ले रहा है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बड़े-बुजुर्ग 1978 में आई बाढ़ याद कर सहम जा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि जिस रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, कहीं वाराणसी में 1978 वाले हालात ना हो जाए। वर्ष 2013 के रिकॉर्ड 72.630 मीटर के करीब पहुंच रहा है।

रिकॉर्ड तक पहुंचने में केवल आधा मीटर की दूरी शेष रह गई है। यदि गंगा 2013 के जलस्तर रिकॉर्ड पर पहुंच जाती है, शहर के कई इलाकों-लंका, संकटमोचन, चैकाखाट,भैंसासुरघाट आदि ऊपरी इलाकों में भी पानी पहुंच जाएगा। इससे न केवल शहर के अंदर सम्पर्क मार्ग डूब जाएंगे करीब तीन से 40 कॉलोनियां बाढ़ के आगोश में चली जाएंगी।
बाढ़ ने डराया, गंगा का रौद्र रूप से तटवर्ती गांवों में पानी ही पानी
जिले के अब तक 25 गांव बाढ़ से प्रभावित
स्थापित की गई जिला मुख्यालय पर बाढ़ हेल्पडेस्क,जारी कियागया नम्बर

चन्दौली/पीडीडीयू नगर। बाढ़ के दृष्टिगत चंदौली कलेक्ट्रेट मे स्थापित जिला बाढ़ नियंत्रण कक्ष का दूरभाष न0 05412-262557 ।गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। बाढ़ का पानी अब आबादी वाले इलाकों में घुसने लगा है। वहीं सिवान की खेती भी बाढ़ में डूब गई है। जिन गांवों में पानी घुस गया है, वहां के लोग अब पलायन करने लगे हैं। जिले के अब तक 25 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां की तकरीबन एक लाख की आबादी पर संकट आ गया है। वहीं प्रशासनिक मशीनरी भी क्षेत्रों का भ्रमण कर जायजा लेने में जुटी है। नियामताबाद, चहनिया, सकलडीहा और धानापुर ब्लाक के गंगा किनारे गांवों में बाढ़ का अधिक प्रकोप है। इन क्षेत्रों में बाढ़ चैकियों को स्थापित किया गया है। हालांकि अभी इन चैकियों पर लोग नहीं पहुंचे हैं।

जिले में गंगा खतरे के निशान से तकरीबन 75 सेमी ऊपर


जिले में गंगा खतरे के निशान से तकरीबन 75 सेमी ऊपर बह रही हैं। जलस्तर में एक सेमी प्रति घंटे की पानी बढ़ रहा है। इससे बाढ़ की भयावहता से इंकार नहीं किया जा सकता। किनारे निचले इलाकों में तेजी से पानी भर रहा है। नियामताबाद के मढ़िया, रतनपुर, बहादुरपुर, कुंडा कला, कुंडा खुर्द गांव में तेजी से पानी आगे बढ़ रहा है। वहीं चहनिया के हसनपुर, तिरगांवा, बलुआ, महुवर, महुवरियां, महुवारी, सरैया सहित कई गांव में पानी घुसने लगा है। इसके अलावा धानापुर के नादी, निदौरा, निघौरा, हिंगुतरगढ़ में बाढ़ से समस्या खड़ी हो गई है। पड़ाव पर दीनदयाल संग्रहालय में पानी भर गया है। पर्यटकों के लिए संग्रहालय को बंद कर दिया गया है। बाढ़ का पानी बढ़ने के साथ ही कटान भी हो रही है। कुंडा कला में संपर्क मार्ग गंगा में समाहित हो गया है। इससे लोगों को दो किमी का चक्कर लगाना पड़ रहा है।


सब्जी की फसल और चारा जलमग्न
गंगा के लगातार जल स्तर बढ़ने से क्षेत्र के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। मवई कला में पशुओं का हरा चारा से लेकर धान और सब्जी की खेती पानी में डूब गई है। इससे किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। पशुओं का चारा डूबने से पशुओं के सामने भी चारे की समस्या खड़ी हो गई है। रविवार को ज्यादा पानी भर जाने से किसान सब्जी की खेत से वापस लौट आए।
कुंडा खुर्द गांव में गंगा कटान जारी, संपर्क मार्ग गंगा में समाहित
कुंडा खुर्द से कुंडा कला को जाने वाला मलहिया बस्ती मार्ग रविवार को पानी बढ़ने और कटान से गंगा में समाहित हो गया। नीम का पेड़ और किनारे लगा बांस भी गंगा में समाहित हो गया। प्रधान पति भैया लाल यादव ने बताया कि देखते देखते सब कुछ गंगा में समाहित हो रहा है। आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से काई मदद नहीं की जा रही है। जिला पंचायत सदस्य शमीम सिद्दीकी ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। आरोप लगाया कि सरकार की उपेक्षा प्रवाहित कारण किसानों की उपजाऊ जमीन और मार्ग सब उस गंगा में समाहित हो रही। लेकिन कोई सार्थक प्रयास प्रशासन की ओर से नहीं किया गया।
बाढ़ग्रस्त इलाकों में नजर रखने के निर्देश


पीडीडीयू नगर। बाढ़ को देखते हुए गंगा के निकटवर्ती इलाकों मे बिजली विभाग ने अपने सभी अवर अभियंताओ को सतर्क कर दिया है। इस के साथ ही पड़ाव क्षेत्र के डोमरी क्षेत्र के तटीय इलाकों को बिजली आपूर्ति सुरक्षा की दृष्टिकोण से ठप कर दी है। जिससे कोई दुर्घटना न हो। अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिह ने बताया कि गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्रो के सभी अवर अभियन्ताओ को क्षेत्र मे सतर्कता बरते जाने का निर्देश दिए गए है। गंगा तटीय क्षेत्र के उपभोक्ताओं को सचेत किया गया है। साथ ही कोई समस्या होने पर अवगत कराने को कहा गया है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय संग्रहालय में भी घुसा बाढ़ का पानी


नदी का रौद्र रूप के कारण तटवर्ती इलाकों के लोगों ने जहां पलायन तेज कर दिया है। वहीं पंडित दीनदयाल उपाध्याय संग्रहालय में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे दीन दयाल की प्रतिमा के आगे बना कुंड पूरी तरह से पानी में समा गया है। पार्क में पर भी पानी ऊपर चढ़ने लगा है। रविवार को वीडीए के अधीक्षण अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव व पीडीडीयू नगर तहसीलदार विराग पाण्डेय ने निरीक्षण किया। साथ ही बाढ़ के पानी के कारण उपवन को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। तहसीलदार विराग पाण्डेय अपने राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ संग्रहालय के अलावा आसपास के गांवों का निरीक्षण किया।