चकिया नगर निकाय पर सामान्य महिला‚नगर पंचायत चंदौली अन्य पिछडा वर्ग‚सैयदराजा अनारक्षित‚ नगर पालिका डी डी यू नगर पिछडा महिला के लिए हुआ आरक्षित

उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय चुनाव का COUNT-DOWN शुरू हो गया. सूबे के नगर निकायों के क्षेत्र का परिसीमन आ चुका है। इसी वर्ष के आखिर में होने वाले निकाय चुनाव को 2024 का सेमिफाइनल भी माना जा रहा है। क्यो कि इसके बाद सीधे लोकसभा का चुनाव भी होना है। ऐसे में सत्ताधारी बी जे पी से लेकर प्रमुख विपक्षी दल सपा,बसपा,और कांग्रेस ने भी आपनी अपनी तैयारी शुरू करने में कोई कोर कसर नही छोड़ी है।

नगर निगमों में ईवीएम से होगा चुनाव
उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग इस बार भी सभी 17 नगर निगमों में ईवीएम से चुनाव कराएगा। इनमें लखनऊ, कानपुर, झांसी, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, मथुरा-वृंदावन, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, शाहजहांपुर, बरेली, गोरखपुर व अयोध्या नगर निगम शामिल हैं। इनके लिए तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, उड़ीसा, राजस्थान, बिहार, असम व झारखंड से 49,800 कंट्रोल यूनिट व 92 हजार बैलेट यूनिट मंगाई गईं हैं।

नगर निकाय चुनाव की सुगबुगाहट होने लगी है. प्रदेश सरकार भी नगर निकायों की सीमा के विस्तार करने में लगी हुई है. वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह ने बताया कि आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

निकाय चुनाव की तैयारियों ने पकड़ा जोर, नामांकन में इन बातों का रखें खास ध्यान

नगर निगम के महापौर पद, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 30 वर्ष की आयु होना जरूरी है. इसी प्रकार नगर निगम के पार्षद, नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए 21 वर्ष की आयु होनी चाहिए.

नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के लिए शर्तें

नामांकन के दौरान नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत का एक वर्ष का टैक्स बकाया नहीं होना चाहिए. नामांकन दाखिल करने के दौरान निकाय के टैक्स का अन्तिम बिल लगेगा. आरक्षण की श्रेणी में आने पर जाति प्रमाणपत्र, नोटरी या शपथपत्र होना चाहिए. अपराधिक मुकदमे दर्ज होने पर उसका भी रिकार्ड देना होगा. संपत्ति और दायित्व का विवरण शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करना होगा

कौन नहीं लड़ सकता निकाय चुनाव

निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार अगर कोई दिवालिया हो, नगर निकाय या उसके नियंत्रण में कोई लाभ का पद धारण करता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता. इसके साथ ही राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, स्थानीय प्राधिकारी की सेवा में होने या जिला सरकारी काउंसिल, अपर या सहायक जिला सरकारी काउंसिल, अवैतनिक मजिस्ट्रेट, अवैतनिक मुंसिफ होने पर चुनाव में उम्मीदवार नहीं बना जा सकता. वह व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकता है, जो किसी सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार या राजद्रोह करते हुए पदच्युत हुआ हो।

नगर निकाय चुनाव 2022 में युवा वोटर निभाने वाले हैं बड़ी भूमिका

यूपी नगर निकाय चुनाव 2022 में युवा वोटर बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं. इस बार निकाय चुनाव में 4.25 करोड़ वोटर होंगे, जो पिछली बार से करीब 93 लाख ज्यादा हैं. दरअसल, पार्षद मतदाता सूची में संशोधन का काम पूरा होने के करीब है. राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश, 18 नवंबर को आधिकारिक तौर नई वोटर लिस्ट का प्रकाशन करेगा. इसके बाद ही चुनाव का ऐलान होगा. इस बार 17 नगर निगम चुनाव के जरिये मेयर यानी महापौर चुने जाएंगे. नगर निगमों के अलावा 200 नगर पालिका परिषद और 546 नगर पंचायतों में चेयरमैन और सदस्य भी चुने जाएंगे.कोई भी मतदाता www.sec.up.nic.in पर वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं.

नगर निगमों में 60 से 110 अधिकतम वार्ड

नए नगरीय निकायों में नगर पंचायतों में 10 से 25, नगर पालिका परिषदों में 25 से 55 और नगर निगमों में 60 से 110 वार्ड अधिकतम हो सकते हैं। इसी आधार पर वार्डों का गठन किया जा रहा है। जिन नगरीय निकायों में वार्डों के गठन का काम पूरा हो गया है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग की गिनती के लिए रैपिड सर्वे कराने का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि इन निकायों का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है, उससे पहलेचुनाव करवाए जाने की तैयारी चल रही है। बताते चलें कि पिछले चुनाव वर्ष 2017 में नवम्बर के महीने में तीन चरणों में करवाए गए थे और पहली दिसम्बर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित हुए थे। पहले चरण में राज्य के 24 जिलों में 22 नवम्बर, फिर दूसरे चरण में 25 जिलों में 26 नवम्बर और फिर 29 नवम्बर को तीसरे चरण में 26 जिलों में मतदान करवाया गया था।
वर्ष 2017 में हुए इन चुनावों के लिए तैयारी की गई वोटर लिस्ट में 3.32 करोड़ वोटर थे, इस बार चूंकि निकायों की संख्या बढ़ी है इसलिए वोटरों की तादाद भी बढ़ेगी। वर्ष 2017 के चुनाव में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका और 438 नगर पंचायतों यानि कुल 652 नगरीय निकायों के चुनाव करवाए गए थे।

मौजूदा निकायों के विस्तार के बाद कुल 82 नए निकाय बने हैं। इस तरह से अब नगरीय निकायों की कुल संख्या 734 हो गई है। इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका और 517 नगर पंचायतें शामिल हैं। इस बार परिसीमन की रिपोर्ट आने तक राज्य सरकार कुछ और नए नगरीय निकायों का गठन कर सकती है।