UCKNOW YOGI GOVERNMENT ने इलाहाबाद और लखनऊ खंडपीठ के 800 से अधिक GOVERNMENT LAWYERS    को बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी के बाद इतने ही नये वकील रखे जायेगें।


नोटरी टिकट में भी समझौता नही वह भी 10 का 20 में

यदि आपको कोई दुकानदार 10 का सामान 20 में दे तो हो सकता है आप झगड़ा कर लें. यही हाल इस समय कचहरी में चल रहा हैं, 10 रुपये के STAMP 20 रुपये में बिक रहे हैं. इस बात से वकील भी परेशान हैं और वकील के मुवक्किल भी. आए दिन वकील दुकानदारों से बहस कर रहे हैं. वहीं मुवक्किल वकील से नाराज दिख रहे हैं

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया,चन्दौली
। आखिर क्यों डबल रेट पर बिक रहा है STAMP व -ई STAMP, वकील के साथ मुवक्किल भी परेशान चकिया उपजिलाधिकारी परिसर में बैठने वाले STAMP बेंडर सीधे बेलगाम से हो गये है। लगता है इनके उपर अब किसी का कोई अंकुश रह नही गया है। जिसके कारण ये कचहरी के उपयोग में आने वाले कागजातों का मनमाना दाम वसूलने में कोई कोताही नही बरत रहे है। यहाॅं तक कि अधिवक्ताओं से भी मनमाना ही दाम वसूल कर रहे है। सरकारी STAMP को छपे हुए मूल्य पर ही बेचने का प्रावधान है। बावजूद इसकें दाल में नमक न खाकर नमक में दाल खाया जा रहा है। जो वाकई हाजमें को बिगाड़ रहा है। सोमवार को जब अधिवक्ता ने अपने एक क्लाइंट को 10 रूपये का नोटरी हलफनामा लेने के लिए कलेक्ट्रेट कचहरी चकिया भेजा तो 10 रूपये का स्टाम्प व 10 रूपये मूल्य के नोटरी टिकट लगाकर उसका STAMP वेंडर द्वारा चालीस रूपये मूल्य वसूला गया। यह कहने पर भी कि वकील साहब ने भेजा है इतना कहा होता है तो कहा गया कि तब हमारे पास नही है।

STAMP बेंडर बेलगाम‚ मुवक्किल परेशान

इसकी तहकीकात के लिए जब अधिवक्ता द्वारा बार एसोसिएशन के महामंत्री से बात की गई तो उन्होने कहा कि STAMP ज्यादा दामों पर दे रहे है लेकिन ई STAMP अधिक दामों पर नही मिलेगा । पुनः अधिवक्ता द्वारा ई स्टाम्प के लिए भी दस रूपये का भेजा गया तो वह भी बीस रूपये में ही मिला।जिससे लगता है कि सारे स्टाम्प बेंडरों ने एक गोल बनाकर रेट निर्धारण कर लिया है। बता दे कि पूर्व में चकिया कचहरी के सीनियर स्टाम्प विक्रेता मरहूम मुहम्खम्मद खलील के यहाॅं भी स्टाम्प को अधिक दाम पर बेचे जाने की शिकायत मिलने पर तत्कालीन उपजिलाधिकारी अनिता श्रीवास्तव ने उनका लाईसेंस निरस्त कर दिया था। और उनके सारे स्टाम्प को सीज कर दिया था। साथ ही उन्हे चौकाघाट की हवा भी खिलाई थी। जब उक्त प्रकरण में तहसीलदार चकिया फूलचन्द यादव से बात की गई तो उन्होने कहा की यदि ऐसा है तो अवश्य ही जांच कर कार्यवाही की जायेगी।