खबरी नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। पांच संविदा शिक्षकों के नियुक्ति और वेतन भुगतान के मामले में एक बार फिर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को झटका लगा है। विश्वविद्यालय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई विशेष अपील अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने विश्वविद्यालय की अपील को निरस्त कर दिया है। दूसरी तरफ हाईकोर्ट में विश्वविद्यालय की अवमानना बरकरार है। जिस पर 10 अक्टूबर को विश्वविद्यालय को जवाब देना हैै

जानकारी के मुताबिक महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पांच संविदा शिक्षकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एकल बेंच में सेवा विस्तार और बकाया वेतन को लेकर 2020 में केस फाइल किया था। जिसका निर्णय न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने सितंबर 2021 में निर्णय दिया था। जिसमें इन सभी संविदा शिक्षकों को सेवा विस्तार करते हुए बकाया वेतन भुगतान के निर्देश दिये गये थे।

निर्णय न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने सितंबर 2021 में निर्णय दिया था।

विश्वविद्यालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में स्पेशल अपील दायर की थी। जिसे न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव तथा प्रिंटिंकर दिवाकर ने रद्द कर दिया था। जिसके बाद विश्वविद्यालय ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अपील दाखिल की। इस मामले में सोमवार को हुई सुनवाई में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी ने विश्वविद्यालय की विशेष अपील निरस्त कर दी। इस संबंध में कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने बताया कि इस संबंध में अधिवक्ता से जानकारी लेनी है। इसके बाद ही इस संबंध में कुछ बता पायेंगे।

कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने बताया कि इस संबंध में अधिवक्ता से जानकारी लेनी है। इसके बाद ही इस संबंध में कुछ बता पायेंगे।

दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने 22 अगस्त को विश्वविद्यालय की रजिस्टार, मानविकी संकायाध्यक्ष व पूर्व संकायाध्यक्ष को इस मामले में हाजिर होने का आदेश दिया था। जहां इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में विश्वविद्यालय की ओर से इस मामले को लेकर दाखिल की गई विशेष अपील की जानकारी दी थी। जिसपर कोर्ट ने इन्हें 10 अक्टूबर को इस मामले में जवाब मांगा है।