भारत में बढ़ता अपराध चिंता का कारण , ताजा NCRB के आंकड़ों के मुताबिक हर घंटे 82 हत्याएं
देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 15.3 फीसद की बृध्दि
सम्पादकीय : कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। कानून की पकड़ से किसी अपराधी का बचना मुश्किल ही नहीं, असंभव है। कागजों में लिखी इस इबारत को NATIONL CRIME RECORDS BUREAU की ताजा रिपोर्ट के संदर्भ में समझा जाए, तो ऐसा लगता है कि कानून के हाथ लंबे नहीं, बल्कि अपराधियों के इरादे खौफनाक होने लगे हैं। खास तौर से महिलाओं से जुड़े मामलों में। मजबूत कानूनी सुरक्षा कवच के बावजूद यौन हिंसा, घरेलू उत्पीडऩ और दूसरे महिला अपराधों के आंकड़ों की बढ़ती रफ्तार चिंता बढ़ाने वाली है।
NCRB की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष2020 की तुलना में 2021 में देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 15.3 फीसदी वृद्धि हुई है। देश की राजधानी दिल्ली को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित बताया गया है। राजस्थान के लिए शर्मनाक पहलू यह है कि बलात्कार के मामलों में उसका नंबर देश भर में सबसे ऊपर है। बलात्कार के मामलों में मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर है। इसके बाद यूपी, महाराष्ट्र और असम का नंबर आता है। राजस्थान में तो सरकार भले ही यह तर्क देती है कि F.I.Rदर्ज कराना अनिवार्य होने के कारण आंकड़ों में अपराध बढ़े हुए दिखते हैं। लेकिन, यह भी सच है कि बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों को फांसी की सजा तक का प्रावधान होने के बावजूद अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे। ऐसे मामलों में बलात्कार पीडि़ताओं की हत्याएं तक हो रही हैं।
महिलाओं से जुड़े अपराध में तेजी से बृध्दि, लेकिन दोषियों को सजा की रफ्तार में कमी
एक तथ्य यह भी है कि महिलाओं से जुड़े अपराध तो तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन दोषियों को सजा की रफ्तार कम होती जा रही है। जाहिर है पहले पुलिस की जांच और बाद में न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति ही इसके लिए जिम्मेदार है। पुलिस-प्रशासन, महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग जैसे संगठन क्या पीडि़त महिलाओं की मदद के लिए नहीं बने हैं? भारत में बढ़ता अपराध चिंता का कारण है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक हर घंटे 82 हत्याएं हो रही हैं।
पुलिस की जांच और बाद में न्यायिक प्रक्रिया की धीमी गति जिम्मेदार
N.C.R.B डेटा के मुताबिक 2021 में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 49 अपराध और प्रतिदिन औसतन 86 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। वर्ष के दौरान हर एक घंटे में 11 से अधिक अपहरण की सूचना भी मिली। नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (N.C.R.B) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में अपराध के मामलों की समीक्षा की गई। N.C.R.B की ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति एक लाख की आबादी पर हत्या की दर झारखंड में सबसे ज्यादा है, जबकि दिल्ली में अपहरण की दर सबसे ज्यादा है।
N.C.R.B गृह मंत्रालय के तहत कार्य करता है। क्राइम इन इंडिया 2021 रिपोर्ट में साल 2021 के दौरान हत्या के कुल 29,272 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 30,132 पीड़ितों की हत्या के मामले दर्ज किए गए। 2020 के 29,193 मामलों की तुलना में 0.3 प्रतिशत अधिक मर्डर केस रिपोर्ट किए गए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध N.C.R.B के अनुसार 2021 में प्रति घंटे महिलाओं के खिलाफ 49 अपराध दर्ज किए गए। एक दिन में औसतन 86 मामले दर्ज किए गए। 2021 में बलात्कार के 31,677 मामले दर्ज किए। 2020 में बलात्कार के मामलों की संख्या 28,046 थी। 2019 में रेप के 32,033 मामले सामने आए थे।
महिलाओं के खिलाफ अपराध की राज्यवार रिपोर्ट
राजस्थान (6,337) मध्य प्रदेश (2,947) महाराष्ट्र (2,496) उत्तर प्रदेश (2,845) दिल्ली में 2021 में 1,250 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।
राजस्थान (6,337) मध्य प्रदेश (2,947) महाराष्ट्र (2,496) उत्तर प्रदेश (2,845) दिल्ली में 2021 में 1,250 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सबसे अधिक मामलों वाले शीर्ष पांच राज्य
2021 में, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सबसे अधिक मामलों वाले शीर्ष पांच राज्य– उत्तर प्रदेश (56,083) राजस्थान (40,738) महाराष्ट्र (39,526)पश्चिम बंगाल (35,884) ओडिशा (31,352) महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर के मामले में शीर्ष पर असम (168.3) है। इस सूची में असम के बाद दिल्ली (147), ओडिशा (137), हरियाणा (119.7) और तेलंगाना (111.2) का स्थान है।
किडनैपिंग के मामलों में राज्य 2021 के दौरान 1,04,149 पीड़ितों का अपहरण हुआ। अपहरण के 1,01,707 मामले दर्ज किए गए। 2020 में 84,805 मामले रिपोर्ट किए गए। एक साल में किडनैपिंग में 19.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। लगभग एक लाख लोगों को किडनैपर से मुक्त भी कराया गया।
N.C.R.B के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में 459 मर्डर केस दर्ज किए गए। इन मामलों में कुल 478 लोगों की हत्या की गई। हत्या के मकसद पर NCRB ने कहा, ‘विवाद’ के 9,765 मामले हत्या का सबसे अहम कारण पाया गया। 2021 के दौरान हुई हत्या में दूसरे नंबर पर ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी’ का कारण रहा। के कुल 3,782 मामले और ‘लाभ’ के 1,692 मामले दर्ज किए गए।हत्या की दर झारखंड में हत्या की दर (प्रति लाख जनसंख्या) सबसे अधिक 4.1 रही। 1,573 मामलों में 1,606 लोगों की हत्या हुई। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह दूसरे नंबर पर है। 16 मामले रिपोर्ट किए गए जिसमें 18 लोगों की हत्या की गई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हत्या की दर 2.2 दर्ज की गई। अपहरण और अगवा करने के मामले 2020 से 19.9 प्रतिशत अधिक रिपोर्ट किए गए। 2021 में कुल 1,01,707 किडनैपिंग केस दर्ज हुए।
लैंगिक आधार पर किडनैपिंग— 17,605 पुरुष 86,543 महिलाएं एक ट्रांसजेंडर वयस्कों की किडनैपिंग सभी पीड़ितों में 69,014 (10,956 पुरुष और 58,058 महिलाएं) बच्चे थे। 35,135 वयस्कों की किडनैपिंग हुई जिसमें (6,649 पुरुष, 28,485 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर) शामिल रहे। 2021 के दौरान कुल 99,680 अपहृत लोगों (17,477 पुरुष, 82,202 महिला और एक ट्रांसजेंडर) को किडनैपर से मुक्त कराया गया। इनमें से 98,860 लोग “जिंदा बरामद” हुए और 820 लोग मृत पाए गए। अपहरण की रिपोर्ट के मामले में शीर्ष पांच राज्य– उत्तर प्रदेश (14,554 मामले, 14,714 लोग) बिहार (10,198 मामले, 2,826 लोग) महाराष्ट्र (10,502 मामले, 10,680 लोग) मध्य प्रदेश (2,034 मामले, 2075 लोग) पश्चिम बंगाल (1,884 मामले, 1,919 लोग)