अभियोजन द्वारा केश को साबित नही कर पाने के कारण साक्ष्य के अभाव में DOWRY MURDER के सभी आरोपीे दोषमुक्त

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
चंदौली।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जगदीश प्रसाद राजपूत के न्यायालय द्वारा DOWRY MURDER के अभियुक्त को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया । साक्ष्य सही नहीं पाए जाने पर तीन आरोपितों को बरी कर दिया। वहीं जमानत पर रहे दो अभियुक्तों के जमानतनामे एवं बंधपत्र को निरस्त करने का आदेश दिया। साथ ही जिला कारागार में निरूद्ध एक अभियुक्त को किसी अन्य मामले में वांछित न होने की दशा में अविलंब रिहा करने का निर्देश दिया। घटना दिनांक 20 जुलाई सन् 2016 को सायं 05 बजे उस समय घटित हुई जब वादी द्वारा लिखित तहरीर दिया गया कि उसकी पुत्री को जलाकर मार डाला गया।

304 बी ,498 ए, 302 भारतीय दण्ड संहिता,व 3/4 डी पी एक्ट के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की गई

आरोप था कि उसकी पुत्री वंदना की शादी 2010 में अलीनगर के कैली ग्राम निवासी सौरभ पांडेय के साथ शादी हुई थी। वहीं 2013 में गौना होकर वह अपनी ससुराल गई। कुछ दिन पारिवारिक जीवन ठीक-ठाक चला। इसके बाद उसका दामाद सौरभ पांडेय विदेश चला गया। घर पर उसकी पुत्री के साथ सास बनारसी देवी और ससुर रामजी पांडेय रहते थे। दोनों लोग कार की मांग दहेज में करने के साथ पुत्री पर दबाव बनाने लगे। साथ ही उसे आएदिन प्रताड़ित करने लगे।

इस बीच छह माह बाद दामाद भी विदेश से वापस आया और अपने माता-पिता के साथ दहेज में कार की मांग करते हुए तरह-तरह से प्रताड़ित करने लगा। इसको लेकर कई बार ससुराल पक्ष को समझाया-बुझाया भी गया। लेकिन 20 जुलाई 2016 को शाम करीब पांच बजे सूचना मिली कि उसकी पुत्री को दहेज के लिए मार दिया गया। इसपर पुलिस ने बनारसी देवी, रामजी पांडेय एवं सौरभ पांडेय के विरुद्ध दफा 304 बी ,498 ए, 302 भारतीय दण्ड संहिता,व 3/4 डी पी एक्ट के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना की गई। आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में प्रारम्भ की गई। अभियोजन द्वारा केश को साबित नही कर पाने के कारण साक्ष्य के अभाव में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया। अभियुक्तगण की ओर से मुकदमें की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जुबेर अहमद खाँ एवं सरफराज आलम ने की थी।