आधुनिक भारत के निर्माण में प्रकृति संरक्षण की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी सम्पन्न

आत्मसात करने की चीज है पर्यावरण- कैलाश खरवार

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया,चन्दौली।
विधान परिषद के उपनेता व भाजपा एमएलसी लक्ष्मण आचार्य ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण संरक्षण एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर बातें तो खूब होती है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के प्रति हम अपनी जिम्मेदारियों को अबतक नहीं समझ पाये हैं। भारत की संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों के विकास में पर्यावरण ने काफी अहम भूमिका निभाया है। बुधवार को वे सामाजिक संस्था आदर्श जन चेतना समिति और राष्ट्र सृजन अभियान की ओर से ब्लाॅक सभागार में आयोजित ‘आधुनिक भारत के निर्माण में प्रकृति संरक्षण की भूमिका’ विषयक एकदिवसीय संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

जिम्मेदारी नहीं समझे तो कैसे होगा भारत का नव निर्माण- एसडीएम


उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री लगातार प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण को लेकर सजग रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ इस संबंध में लोगों को जागरूक किया है, बल्कि आगे बढ़कर उसका नेतृत्व भी किया। आने वाले भविष्य के निर्माण के लिए हमें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना होगा।

विशिष्ट अतिथि विधायक कैलाश खरवार ने कहा कि पर्यावरण केवल बात करने की चीज नहीं है, बल्कि आत्मसात करने की चीज है। अगर हम इसे आत्मसात नहीं करेंगे तो किसी भी हाल में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकेंगे।

आदर्श जन चेतना समिति व राष्ट्र सृजन अभियान के द्वारा मनाई गई बाबू रामविलास सिंह की 28 वीं पूण्य तिथि


एसडीएम ज्वाला प्रसाद ने कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि जिस तेजी से प्रकृति का दोहन होता जा रहा है, उससे प्राकृतिक संरचना बिगड़ती जा रही है। ऐसे समय में अगर हम अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझेंगे तो किसी भी हाल में आधुनिक भारत का निर्माण नहीं हो सकता।

इसके अलावा विश्वबंधु डाॅ. परशुराम सिंह ने कहा कि आज पर्यावरण की आवश्यकता बीते दिनों हुए कोरोना काल में सभी को पता चल गई है। जब आक्सीजन के लिए लोग हास्पीटलों के चक्कर काटते फिरते थे और उसके बाद भी बमुश्कील आक्सीजन मिल पाता था और न जाने कितनी जिन्दगियां चली गई इसी आक्सीजन के अभाव में। हमे हर घर में पेड़ लगाने की आवश्यकता है। और उसकी जिम्मेदारी भी लेनी होगी । साथ ही उन्होने कहा कि आजादी के चल रहे 75 वें अमृत महोत्सव के तहत आज का दिन जब हम आजादी के दीवाने महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू रामविलास सिंह जी की 28 वीं पूण्य तिथि मना रहे है।

आज का दिन उन्हे समर्पित है जिन्होने आजादी में अपनी कुर्वानी तो दी लेकिन उन्होने आजादी का स्वाद नही चखां। कार्यक्रम में डीआई मदन यादव, डाॅ. गीता शुक्ला, उमाशंकर सिंह एड., प्रो. आनंद पाण्डेय, क्षतिश द्विवेदी, डाॅ. राजेश सिंह, धर्मात्मा पाल,राजकुमार जायसवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

इस दौरान शीतला प्रसाद राय, अनिल द्विवेदी, धर्मवीर सिंह, आफताब आलम, सुंधाशु किशोर जायसवाल, चंदा देवी, पीएन सिंह, नागाबाबा, देशमुख आचार्य, काशीनाथ सिंह, बृजेश केशरी, रामयश चैबे, मुकेश कुमार सहित अन्य रहे। अध्यक्षता शंभूनाथ सिंह एड., संचालन मनोज गुप्ता और धन्यवाद ज्ञापित आदर्श जन चेतना समिति के प्रबंधक एड. के सी श्रीवास्तव ने किया।