आस्था या अंधविश्वास: शक्तिपीठ शीतला धाम कड़ा में श्रद्धालु ने काटकर चढ़ाई अपनी जीभ
खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क ।
कौशांबी । पुराने जमाने में ऐसी किदवन्तियां सुनी जाती रही कि कही पर किसी ने अपना खून को कही कुछ देवी देवता केा समर्पित कर दिया । ऐसा ही था जब एकलब्य ने अपने माने हुए गुरू द्रोण केा गुरूदक्षिणा में मांगने पर अपने हाथ का दाया अंगुठा चढ़ा दिया था । लेकिन आज के भी युग में कुछ ऐसा सुना जा सकता हैं ।
परंपरा विरुद्ध इस घटना से धाम में मचा हड़कंप
कुछ ऐसी ही हैरान कर देने वाला मामला कौसाम्बी जिले मे सामने सामने आया है। यहां एक श्रद्धालु ने अंधविश्वास में पड़कर अपनी ही जीभ काटकर शीतला माता मंदिर में चढ़ा दी। जीभ कटते ही श्रद्धालु खून से लहूलुहान हो गया और छटपटाकर जमीन पर गिर पड़ा। हालत बिगड़ने पर उसे डिस्ट्रीक हास्पीटल में भर्ती कराया गया है। जहाॅं पर उसकी हालत चिंताजनक बताई जा रही है। परंपरा विरुद्ध इस घटना से धाम में हड़कंप मचा रहा।
क्षेत्र में चर्चा है कि श्रद्धालु ने मन्नत मांग रखी थी। मन्नत पूरी हुई तो उसने अपनी जीभ को माता के चरणों में चढ़ा दिया। उसकी पत्नी को मन्नत जैसी किसी बात की जानकारी ही नहीं है।
जीभ काटते ही उसकी हालत बिगड़ गई
पश्चिम शरीरा क्षेत्र के पूरब शरीरा गांव का संपत (40) पुत्र दुर्गा प्रसाद पेशे से किसानी का काय्र करता है। शनिवार सुबह वह अपनी पत्नी बन्नो देवी के साथ शक्तिपीठ कड़ा धाम पहुंचा। दंपती ने कुबरी घाट पर गंगा स्नान किया। इसके बाद मुख्य मंदिर पहुंचे। यहां दर्शन के बाद सीढ़ियों पर पहुंचकर दोनों ने माथा टेका। पत्नी माथा टेके हुए थी, इसी बीच भक्त संपत ने अपनी चीभ काटकर शीतला माता के सामने चढ़ा दी। जीभ काटते ही उसकी हालत बिगड़ गई।
भारी तादात में खून बहने लगा। यह देख मौके पर मौजूद श्रद्धालु दंग रह गए। पंडा समाज के जिम्मेदार भी मौके पर पहुंच गए। पंडा समाज के लोगों ने पीड़ित को इस्माइलपुर सीएचसी में भर्ती कराया, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद हालत नाजुक देख डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। सीएमएस डॉ. दीपक सेठ का कहना है कि स्थिति ठीक नहीं है। संभव है कि प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर करना पड़े।
पत्नी बन्नो देवी का कहना है कि क्या मन्नत थी और कब पूरी हुई, इस बारे में उसे कुछ नहीं पता
कुछ लोगों का कहना है कि संपत ने कोई मन्नत मांग रखी थी। मन्नत पूरी होने पर उसने अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी। वहीं, पत्नी बन्नो देवी का कहना है कि क्या मन्नत थी और कब पूरी हुई, इस बारे में उसे कुछ नहीं पता है। परिवार वाले भी साफ तौर पर कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं। संपत की चार बेटियां व दो बेटे हैं। दो बेटियों की शादी हो चुकी है।