एक दिन पूर्व ही सोमवार को अदालत ने वाद को सुनवाई के योग्य पाते हुए मुस्लिम पक्ष की आपत्तियों को दरकिनार कर मामले की सुनवाई जारी रखने पर फैसला हिंदू पक्ष को दिया है। अब ठीक दूसरे दिन वजूखाने में मिले शिवलिंग के दर्शन पूजन और अर्चन सहित भोग को लेकर वाद पर सुनवाई टली
जिला जज ने दी अन्तिम चेतावनी‚ 6 अक्टूबर से होगी प्रतिदिन सुनवाई
खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। VARANASI GYANVAPI MASJID : ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर मंगलवार की दोपहर अदालत में सुनवाई हुई। सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में उन्होंने सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग के नियमित दर्शन-पूजन भोग-आरती की मांग की थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पूर्व में भी धरना प्रदर्शन कर वजूखाने में मिले शिवलिंग के नियमित पूजन अर्चन की मांग कर चुके हैं।
वाराणसी के जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश के न्यायालय ने अंतिम चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि छह अक्टूबर से उपरोक्त केस में प्रतिदिन सुनवाई प्रारंभ की जाएगी। यदि छह अक्टूबर तक मुस्लिम पक्ष ने अपना जवाब फाइल नहीं किया तो उनका अवसर समाप्त करते हुए न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
हालांकि, जिला प्रशासन के अनुरोध पर उन्होंने धरना खत्म कर अदालत का रुख किया था। अब इसी मामले में मंगलवार को सुनवाई अदालत में हुई।
सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में अविमुक्तेश्वर भगवान आदि की तरफ से किरन सिंह की तरफ से दाखिल वाद पर मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गई है। अंजुमन की तरफ से एक अधिवक्ता के बीमार होने के कारण सुनवाई टालने का अनुरोध किया गया।
जिस पर पर अदालत ने छह अक्टूबर को सुनवाई की अगली तारीख नियत कर दी। साथ ही अदालत ने वादी पक्ष के अनुरोध पर (कि एक अधिवक्ता शिवम गौड़ को सुप्रीम कोर्ट से आना पड़ता है), ऐसे में कोर्ट ने छह अक्टूबर से प्रतिदिन सुनवाई करने का आदेश दिया। अदालत ने वाद के पोषणीयता के मुद्दे पर रूल 7 नियम 11 के तहत दिए गए आवेदन पर वादी पक्ष की आपत्ति के बाद विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए आदेश दिया है। अदालत में वादी की तरफ से मानबहादुर सिंह,शिवम गौड़ और अनुपम द्विवेदी,एडीजीसी सिविल सुलभ प्रकाश और अंजुमन की तरफ से मुमताज अहमद आदि उपस्थित रहे।