मृतक के पिता ने बताया कि एसओजी व प्रभारी निरीक्षक ने उसके बेटे कोे पीट-पीटकर मार डाला। बताया कि एक घंटे बाद प्रभारी निरीक्षक ने उसे सूचना दी कि उसका बेटा बेहोश हो गया था। उसे जिला अस्पताल भेजा गया है।जहाॅं पर उनके पहुॅचने के बाद भी लड़का नही मिला घंटे भर के बाद एम्बुलेंश से बेटे को भेजा गया जहाॅं डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
गोंडा । पुलिस ने सीडीआर में मिले माझा राठ गांव के रहने वाले एक लाइनमैन को झोलाछाप डाक्टर हत्याकांड में पूछताछ के लिए थाने पर बुलाया था। लाइनमैन के पिता अपने ग्राम प्रधान दामाद के साथ बेटे को थाने पर लेकर पहुंचे थे। वहां एसओजी के संग प्रभारी निरीक्षक युवक को थाना परिसर में पीछे बने एक कमरे में बुला ले गए। पिता का संगीन आरोप है कि एक घंटे बाद प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि उसका बेटा बेेहोश हो गया है। उसे जिला अस्पताल भेजा गया है। वह जिला अस्पताल पहुंचा तो वहां उसका बेटा भर्ती नहीं मिला। कुछ देर बाद एंबुलेंस से उसके बेटे का शव लाया गया। पिता का आरोप है कि बेटे को एसओजी व प्रभारी निरीक्षक ने पीट-पीटकर मार डाला।

पिता का आरोप है कि बेटे को एसओजी व प्रभारी निरीक्षक ने पीट-पीटकर मार डाला

बता दे कि कुछ दिनों पहले थाना नवाबगंज क्षेत्र के जैतपुर के मजरे चैहानपुरवा में झोलाछाप डाक्टर राजेश की पिछले दिनोंहत्या कर दी गई थी। हत्या की तफ्तीश कर रहे थाना नवाबगंज के प्रभारी निरीक्षक के साथ ही एसपी ने हत्या के खुलासे के लिए एसओजी को भी लगाया था। थाना क्षेत्र के माझा राठ गांव के रहने वाले राम बचन यादव ने बताया कि उसका बेटे देव नरायन उर्फ देवा आउटसोर्सिंग पर विद्युत उपकेंद्र पर लाइनमैन है। पिता के मुताबित पुलिस ने उसके बेटे देवा को यह कहकर पूछताछ के लिए थाना नवाबगंज बुलाया था कि डाक्टर हत्याकांड में तफ्तीश के दौरान देवा का नंबर सीडीआर में मिला है। रामबचन ने बताया कि बुधवार की दोपहर बाद तकरीबन तीन बजे वह अपने दामाद दुर्गागंज माझा के ग्राम प्रधान राधेश्याम यादव के साथ बेटे देवा को लेकर थाने पहुंचे तो वहां एसओजी टीम व प्रभारी निरीक्षक बेटे को थाना परिसर में पीछे बने एक कमरे में लेकर चले गए। जबकि वह दामाद के साथ प्रभारी निरीक्षक के कक्ष में बैठा रहा।

पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि जानकारी मिली है, जांच कराई जा रही है

एक घंटे बाद प्रभारी निरीक्षक ने उसे सूचना दी कि उसका बेटा बेहोश हो गया था। उसे जिला अस्पताल भेजा गया है। वहजिला अस्पताल पहुंचा तो उसका बेटा यहां भर्ती नहीं मिला, जब उसने प्रभारी निरीक्षक को फोन कर पूछा तो बताया कि पहुंच रहा है। मगर झूठ बोलते रहे। बाद में एंबुलेंस से बेटे को यहां लाया गया तो चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। बेटे की मौत पर परिजन हंगामा करते रहे। शव को मर्च्युरी में ले जाने को लेकर पुलिस से परिजनों की नोकझोंक होती रही। बाद में भारी संख्या में पुलिस बुलाई गई। तब जाकर शव मर्च्युरी में रखाया गया। पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि जानकारी मिली है, जांच कराई जा रही है। डीआईजी विनोद कुमार सिंह भी घटना की जांच के लिए नवाबगंज थाने पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

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