दोष सिद्ध होेने पर न्यायालय ने मृतका के पति, देवर, सास और ससुर को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई है।
खबरी पोस्ट चित्रकूट 14 SEP 2022। दहेज हत्या (Dowry Death Case) के मामले में दोष सिद्ध होेने पर न्यायालय ने मृतका के पति, देवर, सास और ससुर को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक को 20 हजार रुपए के अथर्दण्ड से भी दण्डित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपालदास ने बताया कि कवीर् कोतवाली क्षेत्र के अन्तगर्त खुटहा गांव के निवासी अवधेश कुमार ने बीती 5 माचर् 2017 को अपनी पुत्री प्रतिमा की शादी सपहा निवासी सरकारी शिक्षक विपुल पुत्र मइयादीन के साथ की थी। वादी के अनुसार शादी के बाद से प्रतिमा को विपुल, सास स्वणर्लता, ससुर मइयादीन और देवर अनिल आदि दहेज को लेकर प्रताडित करते थे।
इसकी जानकारी प्रतिमा मायके पक्ष के लोगों को देती थी। वादी के अनुसार 11 जून 2018 को प्रतिमा के ससुर ने उसके बीमार होने की सूचना फोन के जरिए दी।
इसकी जानकारी प्रतिमा मायके पक्ष के लोगों को देती थी। वादी के अनुसार 11 जून 2018 को प्रतिमा के ससुर ने उसके बीमार होने की सूचना फोन के जरिए दी। इसकी जानकारी मिलने पर वह प्रतिमा को लेकर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान रास्ते में प्रतिमा ने बताया कि ससुराली जनों ने दहेज की मांग पूरी न होने के कारण उसे जहर घोल कर पिला दिया है।
अस्पताल में गम्भीर हालत के चलते प्रतिमा को रिफर कर दिया गया औरर प्रयागराज ले जाते समय उसने दम तोड दिया। पुलिस ने मामले की रिपोटर् दजर् करने के बाद आरोपियों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी विनीत नारायण पाण्डेय ने निणर्य सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होेने पर मृतका प्रतिमा के पति विपुल, देवर अनिल, सास स्वणर्लता और ससुर मइयादीन को सात -सात वषर् कारावास की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक को 20 हजार रुपए का अथर्दण्ड भी दिया गया है।