COMMUNITY HEALTH OFFICER  सीएचओ की सहभागिता से ब्लॉक स्तरीय टीबी मरीजों को खोज कर उनके तुरंत उपचार को दी जा रही प्राथमिकता 

खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
चन्दौली
। देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसको मजबूती प्रदान करने के लिए एक कदम और बढ़ते हुये जिले के 177 हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान के लिए पिछ्ले माह प्रशिक्षण दिया जा चुका है । जिसमें उन्हें टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग और इलाज की विस्तृत जानकारी दी गयी | यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राजेश कुमार ने दी |
डॉ राजेश कुमार ने बताया कि सीएचओ की सहभागिता से ब्लॉक स्तरीय टीबी मरीजों को खोज कर उनके तुरंत उपचार को प्राथमिकता दी जा रही है| इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता के सहयोग से संभावित क्षय रोगियों को चिह्नित और उनकी जांच कर तत्काल उपचार मुहैया करायेंगे| प्रशिक्षण में सभी सीएचओ को टीबी के लक्षणों, उपचार आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। जैसे टीबी की बीमारी जीवाणु से होती है | यह अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है| टीबी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है | यह एक फेफड़ों की टीबी संक्रामक से होती है| किसी को भी दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी है, खांसते समय बलगम या खून आना, वजन का कम होना, साथ ही बुखार का रहना, सीने में दर्द, थकान अगर किसी व्यक्ति को है तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच जरूर कराएं |

जिले के 177 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात हैं प्रशिक्षित सीएचओ

सीएचओ द्वारा अब तक 264 संभावित मरीजों की बलगम जांच की गई है जिसमें 12 मरीज पॉज़िटिव

जिला कार्यक्रम समन्वयक पूजा सिंह ने बताया कि सीएचओ द्वारा अब तक 264 संभावित मरीजों की बलगम जांच की गई है जिसमें 12 मरीज पॉज़िटिव पाये गए | जिले में अब तक 1713 टीबी मरीज इलाज पर है। वर्ष 2025 तक देश को क्षय मुक्त करने के लिए जिला स्तरीय कई कार्यक्रम किये जा रहें है जिसके माध्यम से क्षय रोगियों की खोज की जा सके | हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की भूमिका महत्वपूर्ण है | सीएचओ अपने क्षेत्र में आशा व एएनएम की मदद से क्षेत्र के संभावित टीबी रोगियों को चिन्हित करेंगे और मरीज को बलगम की जांच कराने के के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर भेजेंगे | जांच में टीबी की पुष्टि होने पर टीबी सेंटर में इलाज के लिए रेफर करेंगे | इसके अतिरिक्त मरीज का निक्षय पोषण योजना पंजीकरण में सहयोग करेंगे जिससे मरीज को इस योजना का लाभ मिल सके | दवा के साथ उचित पोषण के परामर्श देंगे | मरीज को समय-समय पर फॉलोअप की जांच के लिए प्रेरित करेंगे | निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीज के इलाज चलने तक 500 रुपए प्रतिमाह डीबीटी के जरिए दिया जाता है |

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