अचानक आग लगते ही तेल रखे प्लास्टिक के ड्रम पिघल गए और तेल फैलने लगा। जिसके कारण आग तेजी से धधकने लगी। देखते-देखते 10 मिनट के अंदर पूरी फैक्टरी धू-धू कर जलने लगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि कालोनी में रिहायशी इलाके में बिना अनुमति के फैक्टरी पिछले सात साल से चल रही थी।
खबरी नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। Lucknow News : राजधानी लखनऊ में आग में एक बार फिर अपना तांडव दिखाया है. पारा थाना क्षेत्र स्थित मोहान रोड पर भगत सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज के पास तारपीन तेल की फैक्ट्री में मंगलवार देर शाम अचानक भीषण आग लग गई. आग लगते ही आसपास के लोगों में अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. सूचना मिलने के बाद चार फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. इस दौरान फैक्ट्री में काम कर रहा सुशील शर्मा (35) फंस गया। हादसे में झुलसकर उसकी मौत हो गई।
Massive Fire In Oil Factory
प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनऊ में पारा के सलेमपुर पतौरा स्थित कृष्णा विहार कालोनी में चल रही अवैध तारपीन तेल की फैक्टरी में मंगलवार देर शाम को आग लग गई। देखते-देखते पूरी फैक्टरी धू-धू कर जलने लगी। हादसे के समय वहां काम कर रहे करीब पांच मजदूरों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। वहीं पिछले हिस्से में बने एक छोटे कमरे में आसपास के लोगों ने पुलिस व फायर कंट्रोल रूम को सूचना दी। मौके पर पहुंची दमकल की पांच गाड़ियों ने दो घंटे में आग पर काबू पाया। पुलिस के मुताबिक फैक्टरी मालिक फरार है।
कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी
हादसे की सूचना मिलते जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, डीसीपी दक्षिणी राहुल राज सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएम ने परिजनों से बातचीत कर ढांढ़स बंधाया। वहीं बताया कि कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
बता दे कि उन्नाव के औरास स्थित गोसवा निवासी पंकज दीक्षित की तारपीन तेल बनाने की फैक्टरी पारा के कृष्णा बिहार कालोनी में उत्तम द्विवेदी के मकान में है। फैक्टरी में आसीवन के कनीगांव का रहने वाला सुशील शर्मा का काम करता था। वह पास में ही किराए पर रहता था। फैक्ट्री में देर शाम 6 बजे अचानक आग लग गई। आग लगने के समय फैक्टरी के अंदर सुशील, उसकी पत्नी बेबी और बेटा भी मौजूद था। सुशील अंदर पिछले हिस्से में बने एक कमरे में काम कर रहा था। जबकि पत्नी व बच्चे बाहरी हिस्से में थे।
आग लगते ही बेबी अपने बेटे को सीने से चिपकाकर बाहर भाग गई। वहीं अन्य मजदूर भी भाग गए। वहीं सुशील फंस गया।आसपास के लोगों ने धुआं और आग की लपटें निकलती देख पुलिस व फायर कंट्रोल रूम को सूचना दी। मौके पर पहुंची पांच दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। आग बुझने के बाद अग्निशमनकर्मियों ने पूरे मकान को खंगाला तो अंदर के कमरे में सुशील का शव पड़ा मिला। पुलिस ने तत्काल एंबुलेंस से शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
सिलेंडर के धमाके से दहला इलाका,तारपीन के तेल से धधकी आग
स्थानीय लोगों के मुताबिक शाम को आग लगने के बाद अचानक तेज धमाके हुए। आग के दौरान अंदर रखे हुए रसोई गैस का सिलेंडर तेज धमाके के साथ फटा था। जिसके कारण पूरा इलाका दहल गया। लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। चीख-पुकार के बीच लोगों को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रयास शुरू किया। इसी बीच अग्निशमन की टीम भी पहुंच गई।
हादसे के समय फैक्टरी के अंदर भारी मात्रा में टीन व प्लास्टिक के ड्रम में तारपीन तेल रखे थे। वहीं कुछ बोतलों में भी पैक तो कुछ पिपिया भी भरी थी। अचानक आग लगते ही तारपीन का तेल रखे प्लास्टिक के ड्रम पिघल गए और तेल फैलने लगा। जिसके कारण आग तेजी से धधकने लगी। देखते-देखते 10 मिनट के अंदर पूरी फैक्टरी धू-धू कर जलने लगी।
बिना लाइसेंस के सात साल से चल रही थी अवैध फैक्टरी
स्थानीय लोगों ने बताया कि कालोनी में रिहायशी इलाके में बिना अनुमति के फैक्टरी पिछले सात साल से चल रही थी। अवैध फैक्टरी की दो हजार वर्गफीट के एक दो मंजिला मकान में चल रही थी। फैक्ट्री उन्नाव के औरास स्थित गोसवां निवासी पंकज दीक्षित की है। उसने रिहायशी इलाके में फैक्टरी खोलने के लिए कोई भी मानक नहीं पूरा किया। इस फैक्टरी के कारण पूरी कालोनी हमेशा हादसे के मुहाने पर खड़ी थी। स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया लेकिन मालिक के रसूख के सामने कालोनी वालों की एक न चली।
पुलिस की जानकारी में चल रही थी मौत की फैक्टरी
स्थानीय लोगों ने पारा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। आरोप है कि इस अवैध फैक्टरी के बारे में पुलिस को जानकारी थी। चार बार फैक्ट्री पर छापा मारकर पुलिस ने मालिक पंकज दीक्षित को पकड़ा था। उससे मोटी रकम लेकर पुलिस ने छोड़ दिया। एक साल पहले उसे गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन पुलिस ने फैक्टरी बंद कराने की कोई कोशिश नहीं की। मालिक पुलिस को हर महीने मोटी रकम देता था। जिसके कारण पुलिस की सरपरस्ती में यह फैक्टरी चलती रही।अवैध रूप से केमिकल फैक्टरी का संचालन किया जा रहा था। आग लगने की सूचना अग्निशमन विभाग ने त्वरित कार्रवाई की। हादसे में मजदूर की मौत हो गई। जिलाधिकारी लखनऊ सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि मालिक के खिलाफ आवासीय परिसर में अवैध फैक्टरी चलाने का केस दर्ज करने का निर्देश दे दिया गया है। वही राहुल राज, डीसीपी दक्षिणी ने पत्रकारों को बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों द्वारा जो तहरीर दी जाएगी। उसके अनुसार मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।