NOW ANTICIPATORY BAIL CAN NOT BE GIVEN IN THE HEINOUS CASE

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LACKNOW लखनऊ। बृहस्पतिवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में महिलाओं के लिए विशेष सत्र आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पहले – विधानसभा में CODE OF CRIMINAL PROCEDURE (UTTAR PRADESH AMENDMENT) BILL 2022 विधानसभा में पुररूस्थापित करने की मंजूरी मांगी। मंजूदी मिलने पर व महिलाओं के संबोधन के बाद विधेयक को सदन में रखा गया जिसे ध्वनिमत से पारित किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि महिलाओं, बालकों और बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों के प्रति ZERO TOLERANCE की नीति अपनाते हुए सरकार ने विधेयक पेश किया है। उन्होंने कहा कि बालकों, बेटियों और महिलाओं के यौन अपराध में अग्रिम जमानत नहीं मिलने से यौन अपराधों को होने से रोकने, साक्ष्यों को नष्ट होने की संभावना कम होगी। साथ ही आरोपी की ओर से पीड़ित और पीड़िता के साथ गवाहों को भयभीत व प्रताड़ित नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही आरोपी को यह भय भी बना रहेगा कि ऐसे घिनौने मामले में अब अग्रिम जमानत नही मिल सकती ।



OFFENSE RELATED TO RAPE WILL NOT GET ANTICIPATORY BAIL

प्रदेश में अपनी प्रवृत्ति के संबंध में CRPC1973 की धारा 736 को संशोधित किए जाने का निर्णय किया है। ताकि लैंगिग अपराधों से बालिकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और CODE OF CRIMINAL PROCEDURE 1860 (अधिनियम संख्या 45 सन 1860) की धारा विधेयक के तहत CODE OF CRIMINAL PROCEDURE धारा 376, 376क, 376कख, 376 ख, 376 ग, 376 घ, 376 चक, 376 ड में बलात्संग से संबंधित अपराधों को अग्रिम जमानत के उपबंध के अपवादों में शामिल किया जा सके। उन्होंने बताया कि विधेयक लागू होने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376क, 376कख, 376 ख, 376 ग, 376 घ, 376 चक, 376 ड में बलात्संग से संबंधित अपराधों को अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी।

विधान सभा से पारित तीन विधेयक विधान परिषद में भी पास
विधानसभा में पारित किए गए छह विधेयक विधान परिषद में भी पास कर दिए गए। इसमें उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2022, सामान्य भविष्य निधि (उ0प्र0) नियमावली, 1985-नियम-12 (संशोधन और विधिमान्यकरण) विधेयक, 2022 और इंटरमीडिएट शिक्षा (संशोधन) विधेयक, 2022 को विधान सभा के बाद विधान परिषद में भी ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।