मौत के बाद परिजनों ने जमकर काटा बवाल‚हास्पीटल के खिलाफ दी प्राथमिकी


खबरी पेास्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया ,चन्दौली। झोला छाप चिकित्सको की इतनी बाढ़ आ गई हैं कि पहले तो केवल चिकित्सा का ही कार्य करते थे लेकिन अब तो पूरा हास्पीटल का ही संचालन कर रहे है। यही नही किसी भी मरीज को एडमिट करना और उसका आपरेशन के लिए प्रमोट करना आम बात हो गई है। हो भी क्यों न इसके लिए जिले के चिकित्सा विभाग के आलाधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार है। ऐसी ही घटना ने लोगो को झकझोर कर रख दिया।

आज के ये झाेलाछाप डाक्टर मरीजों के जान से भी खिलवाड कर रहे है। कोतवाली अंतर्गत सिकन्दपुर में इलाज के दौरान शेरवाँ निवासी महिला 22 वर्षीय जमीला की मौत हो गयी। जमीला का पति आरिफ देा दिनों पूर्व अपनी पत्नी को प्रसव के लिए प्राइवेट हास्पीटल मां भगवती में भर्ती कराया था।



महिला की अचानक बिगड़ी तबीयत‚इलाज के दौरान तोड़ दिया दम

शनिवार की प्रातः अचानक जमिला की तबीयत बिगड़ गई। और वहाॅं पर मौजूद तथाकथित डाक्टरों ने इलाज किया लेकिन इसके बाद भी उसकी मौत हो गई। महिला की मौत होने पर परिवार के ही समसुदीन ने हास्पीटल के महिला चिकित्सक पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि महिला चिकित्सक द्वारा मरीज का सही ढ़ग से इलाज व दवा नहीं दिया गया। जिससे उसकी मौत गई।

कहा कि झोलाछाप डॉक्टर बेलगाम है और इनके वजह से मरीजों की जान जा रही है। लोगों ने बताया कि महिला की मौत के बाद मां भगवती हॉस्पिटल के संचालित महिला चिकित्सक फरार हो गई है। परिजनेां ने हास्पीटल के खिलाफ लिखित तहरीर थाने पर दे दी है।

झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से आए दिन कोई न कोई मरीज मौत के मुंह में समाता जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग उन पर अंकुश लगाने में नाकाम है। विभाग के पास ऐसे डॉक्टरों की अनुमानित जानकारी का अभाव है। गांवों व कस्बों में स्वास्थ्य केंद्रों की कमी कहीं न कहीं ऐसे डॉक्टरों के पनपने का कारण बन रही है। कहीं न कहीं संबंधित विभाग के कर्मचारियों के मिलीभगत से ही ए पैथालाजी सेन्टर व फर्जी अस्पतालों की बाढ़ सी आ गई है। जो जानलेवा साबित हो रही है।

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