गुरूजी गांव में घर घर जाकर अभिभावकों से कर रहे हैं बच्चों को स्कूल भेजने की अपील

नौगढ।उपजिलाधिकारी डा.अतुल गुप्ता ने शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय डूमरिया मे शिक्षक की भूमिका में होकर शिक्षा की गुणवत्ता को परखा।जिसमें पूछे गए सवालों का स्पष्ट उच्चारण के साथ शिक्षणार्थियो से सही व समुचित जबाब पाकर काफी प्रसन्नचित उपजिलाधिकारी ने उत्साह वर्धन भी किया।

उन्होंने बताया कि परिषदीय विद्यालयों मे शिक्षा गुणवत्ता स्तर की वृद्धि हो रही है।

          उन्होंने शिक्षकों को अपने दायित्वों व कर्तव्यों का भली प्रकार से निर्वहन करते रहने की निरंतर अपेक्षा करते हुए शिक्षक की भूमिका में स्वयं होकर के शिक्षक शब्द का सविस्तार ब्याख्यान दिया।

कहा कि शिक्षक से ही  ज्ञानार्जन होने पर शिष्य काबिल बनता है।जो कि आगे चलकर समाजसेवा देशसेवा मे अपना अपेक्षाकृत योगदान अदा करने को अग्रसर हो पाता है।जिससे पारिवारिक संस्कार व आर्थिक उन्नति होने के साथ ही जीवन जीने की कला की अनुभूति होती है।

प्राथमिक विद्यालय के कक्षा कक्ष में बतौर शिक्षक के रूप मे होकर उपजिलाधिकारी ने बच्चों से पूछा कि *महाराष्ट्र*क्या है।जिसपर कक्षा 5 के छात्रों ने शुद्ध उच्चारण के साथ ही बताया कि महाराष्ट्र एक राज्य है।जिसकी राजधानी मुंबई में है।

देश के राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री व प्रदेश के राज्यपाल मुख्यमंत्री व जिले के जिलाधिकारी का नाम तथा संज्ञा सर्वनाम विलोम शब्द मे पारंगत बच्चों के मुख से किए गए प्रश्नो का समुचित उत्तर पाकर उपजिलाधिकारी ने काफी प्रफुल्लित होकर बच्चों में बिस्किट टाफी देकर के उत्साह वर्धन किया।

विद्मालय व किचन शेड की साफ सफाई कक्षा कक्षों का सुन्दरीकरण व दीवालों पर लिखे हुए श्लोगन को देख भूरी भूरी प्रशंसा भी किया।

     शुक्रवार को मिड डे मील के मीनू के तहत बनायी गयी तहरी को  स्वयं चखकर उपजिलाधिकारी ने गुणवत्ता की परख व प्रधानाध्यापक से यह जानकारी पाकर कि शिक्षक घर घर जाकर अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की अपील कर रहे हैं।जिसकी काफी प्रशंसा किया।

       विद्मालय मे सोमवार के दिन बच्चों को फल व बुद्धवार को दूध नहीं मिलने की जानकारी पाकर काफी नाराजगी ब्यक्त करते हुए ग्राम प्रधान कलावती देबी को निर्देशित किया कि आगे से इस तरह की शिकायत संज्ञान मे आने पर एकदम क्षम्य नहीं किया जाएगा।

विद्मालय का टूटा हुआ गेट तथा जीर्ण शीर्ण चाहरदीवारी को देख उपजिलाधिकारी ने सहायक विकास अधिकारी प्रेमचंद को मोबाइल पर निर्देशित किया कि तत्काल स्थलीय परीक्षण करके  एक सप्ताह के अंदर जीर्णोद्धार करा दिया जाना चाहिए।

       उपजिलाधिकारी ने बताया कि विद्मालय मे नामांकित 114 बच्चों के सापेक्ष 69 की उपस्थिति रही।