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BLUNDER MISTAKE INDIAN, SAUDI ARABIA EMBASSY
चकिया,चंदौली। कोई अगर ले मैन वाले ब्यक्ति से गड़बड़ी हो जाती है तो वह चलता है लेकिन एक सरकार के जिम्मेदार पर्सन EMBASSY के जिम्मेदार ओहदे पर कार्य करने वाले से अगर गड़बड़ी हो जाय तो इसे क्या कहेंगे !
जी हाॅं हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद के चकिया तहसील अर्न्तगत ग्राम सिकन्दरपुर गाॅंव की जहाॅं पर SAUDI ARABIA में कार्य कर रहे जावेद अहमद इद्रीशी का देहान्त हो गया था जिनके पार्थिव शरीर को इंडिया ले आने के लिए EMBASSY से सारी फारमेल्टीज पूरी की गई थी ।
और इस कार्य के लिए वहाॅं की कम्पनी व INDIAN EMBASSY ने मदद भी की थी। लेकिन किस प्रकार से डेथ वाडी बदल गई क्यों बदल गई यह एक सवालिया निशान पैदा करता है।
आइए देखते है क्या रहा घटनाक्रम
चकिया तहसील के सिकन्दरपुर निवासी जावेद अहमद इद्रीसी जो कि SAUDI ARABIA मे 22 वर्षो से कार्यरत रहे। और जो पिछले 10 वर्षो से लगातार AL-SUBOH MODERN TECHNOLOGY CO. LTD में MARKETING SPECIALIST के रूप में पिछले 10 वर्षो से कार्यरत रहे। जिनकी अचानक 24 सितम्तबर को बीयत खराब हुई हास्पीटलाइज्ड हुए और 25 सितम्बर ने डाक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।
सबसे पहले आई जावेद के मरहूम होने की सूचना
जावेद के सबसे पहले मरहूम होने की सूचना MOHAMMAD DOSSARY HOSPITAL से आई जिसके द्वारा बताया गया कि जावेद की मौत HART ATTACK के कारण हो गई। परिवार में तो मानो पहाड ही टूट पडा । फिर क्या था DEAD BODY अपने देश लाने की कवायद प्रारम्भ हई जिसमें जावेद के साथ काम कर रहे AL-SUBOH MODERN TECHNOLOGY CO. LTD के मैनेजर के पद पर मो० रिजवान ने पूरी तरह से मदद करने का आश्वासन दिया।
साथ ही URGENT ACTION COMPANY व INDIAN EMBASSY कें तरफ से भी की गई। INDIAN EMBASSY ने DEAD BODY को अपने कस्टडी में लेने के बाद कम्पनी को आश्वस्थ किया कि वे जल्द ही DEAD BODY को INDIA भेजने का कार्य करेंगे। परिजनेां द्वारा INDIAN EMBASSY से अनुरोध किया गया था कि DEAD BODY लाल बहादुर शास्त्री अर्न्तराष्ट्रीय एअर पोर्ट वाराणसी पर भेजा जाय। लेकिन कस्टम की प्रक्रिया न होने के कारण EMBASSY लखनऊ पर अडी रही।
भरोषे को लगा सद्मा‚जब DEAD BODY पहुचने की सूचना लखनऊ एअरपोर्ट के बजाय दिल्ली एअर पोर्ट पर पहुॅचने की आई
परिजन लखनऊ एअरपोर्ट पर DEAD BODY आने का इंतजार कर रहे थे इंतजार कर ही रहे थे कि अल सुबह 6.30 A.M. दिल्ली एअरपोर्ट कार्गो विभाग से MR. ASHISH का काल रिसीवर मो० मुस्तकीम के मोबाइल पर आया। और कहा कि फौरन दिल्ली एअरपोर्ट पर आकर अपने रिलेटिव का र DEAD BODY प्राप्त कर ले।
जिसपर मो० मुस्तकीम द्वारा पूछा गया कि कहा आ गया तो दिल्ली बताया गया । उनके इतना कहते ही मुस्तकीम के पैरो तले जमीन ही घिसक गई। वहाँ पर मौजूद सभी को 440 वोल्ट करेंट का झटका लगा कि बताया गया था लखनऊ पहुचने का और एकाएक दिल्ली क्यों भेज दिया गया।
पहुँचे लखनऊ से दिल्ली एअरपोर्ट
जैसे ही परिजनेां को इस बात की जानकारी हुई कि DEAD BODY लखनऊ आने की बजाय दिल्ली एअरपोर्ट पर भेज दी गई है। उनको तो काटो तो खून नही। किसी प्रकार मुश्किलात के साथ दिल्ली एअरपोर्ट पर पहुॅचे और वहॉ से नीजी खर्चे पर DEAD BODY को दिल्ली एअरपोर्ट से लाल बहादुर शास्त्री अर्न्तराष्ट्रीय हवाईअड्डा बाबतपुर वाराणसी लाये।
लगा 440 VOLT CURRENT जब DEAD BODY निकली दूसरी
लाल बहादुर शास्त्री अर्न्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर DEAD BODY लेने वाले परिजन के रिसिवर जब कुछ बदलाव महसूस हुआ तो उसने चेक किया और देख कर सन्न रह गया। क्यों कि ताबूत पर SHAJI RAJAN INDIAN P.P.NO.X0899545 लिखा हुआ था। इसके साथ ही जो DOCUMENT चस्पा था वह अपने दिलअजीज जावेद अहमद इद्रीशी का था। यह कैसी विडम्बना और कैसा गैर जिम्मेदारानापन कि स्लीप दूसरे की DEAD BODY दूसरे की।
संदेह होते ही जब DEAD BODY खोलकर देखा गया तो सडी गली DEAD BODY देखने को मिली जो जावेद अहमद इद्रीशी की नही थी। जिसके बाद तुरन्त ताबूत को बन्द कर AIRPORT AUTHORITY के पास गये तो AIRPORT AUTHORITY ने कोई भी एक्शन लेने से साफ – साफ इंकार कर दिया।
MLA CHAKIA कैलाश आचार्य व DM ईशा दुहन ने की भरपूर मदद
थक हार कर परिजन रात को ही चकिया MLA कैलाश आचार्य से सम्पर्क किये तो उन्होने तुरन्त DM से रात्रि के करीब 9 बजे वार्ता की जिसपर DM ईशा दुहन ने त्वरित ACTION लेते हुए त्रुटिपूर्ण DEAD BODY को शिवपुर हास्पीटल के MORTUARY में रखवाया। तब तक परिजन टूट चुके थे।
इसके पश्श्चात अपने दिलकश अजीज जावेद अहमद इद्रीशी के DEAD BODY को SAUDI ARABIA से लाने की प्रक्रिया में लग गये। चकिया MLA कैलाश आचार्य व DM ईशा दुहन ने अथक प्रयास किया और आस्वस्थ कराया कि वे जल्द ही इसका बन्दोवस्त INDIAN EMBASSY से वार्ता कर करायेंगे।
30 SEPTEMBER का टिकट उसी FLIGHT से जीवित आने का था जिससे भेजी गई जावेद अहमद इद्रीशी MISING DEAD BODY
यह कैसी विडम्बना है कि जिस FLIGHT से जीवित आने के लिए जावेद ने TICKET बुक की थी उसी FLIGHT से जावेद की DEAD BODY को भेजा गया और वह भी MISSING रही। जिसे INDIAN EMBASSY या SAUDI ARABIA EMBASSY द्वारा भूलवश या चाहे जैसे भी बदल दिया गया ।
INDIAN EMBASSY या SAUDI ARABIA EMBASSY का BLUNDER MISTAKE
चाहे जो भी परिजनों का आरोप था कि INDIAN EMBASSY या SAUDI ARABIA EMBASSY का BLUNDER MISTAKE था। जिसके कारण वे अपने दिलकश अजीज का इतनी परेशानी के बाद भी अभी तक DEAD BODY का दीदार तक नही कर सके और न ही उनके DEAD BODY को सुपुर्द खाक ही किया जा सका।
यह देखना है कि अब कितनी जल्दी INDIAN EMBASSY या SAUDI ARABIA EMBASSY जावेद अहमद इद्रीशी के DEAD BODY को INDIA भेजती है। जिससे कम से कम मरहम तो लगाया जा सके।
एक मात्र अकेला कमाने वाले थे जावेद अहमद इद्रीशी
परिवार की अभी कच्ची गृहस्थी थी उनके चाचा मो० सिद्दीक ‚मो० हदीस‚मो०सलीम ने बताया कि अभी तो मेरे लाडले की गृहस्थी पूरे तरह से कच्ची थी। परिवार में पत्नी हाजरा बेगम‚पुत्र शोएब अख्तर ‚पुत्री कुलशुम बानों के साथ ही माँ हसीना बेगम जो जीवित होकर भी मृतप्राय से हो गये है।
वही गाँव में भी गमों का पहाड टूट पडा भारी तायदात में ग्रामवासी मिट्टी को सुपुर्दे खाक करने के लिए जुटे थे जिसमें से प्रमुख रूप से पूर्व प्रधान राजीव पाठक‚ दीपक रस्तोगी‚ प्रधान विजय पुरवा हस्ततुल्लाह इद्रीशी‚शहनवाज शेख उर्फ भोलू ‚मुसर्रफ अली‚ वारिस अंसारी सहित भारी संख्या में हिन्दू और मुस्लिम भाई रहे।
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