अक्टूबर से दिसम्बर तक के किए नसबंदी कैलेंडर जारी – सीएमओ
चंदौली, 06 अक्टूबर 2022 | ऐसे दंपति जिनके दो बच्चे हो चुके हैं या उनका परिवार पूरा हो चुका है | ऐसे दंपति को परिवार नियोजन के स्थायी साधन अपनाने के लिए प्रेरित करने के लिए त्रैमासिक (अक्टूबर से दिसम्बर तक) नसबंदी कैलेंडर जारी किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सकलडीहा, संयुक्त जिला चिकित्सालय चकिया, सदर और राजकीय महिला चिकित्सालय मुगलसराय पर पुरुष व महिला नसबंदी सेवा शुरू की गई है। साथ ही यहां परिवार नियोजन की अन्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इस संबंध में सर्जन व अधीक्षक को निर्देशित किया गया है। जिले में अप्रैल 2022 से अब अगस्त तक में 3 पुरुष और 1109 महिलाओं की नसबंदी हो चुकी है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एस के सिंह ने कहा कि महिलाएं अब यह समझाती हैं कि बच्चे दो ही अच्छे |
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एस के सिंह ने कहा कि महिलाएं अब यह समझाती हैं कि बच्चे दो ही अच्छे | नसबंदी अपनाकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकती हैं | जिन दंपति के परिवार पूरे हो चुके हैं | उनके लिए परिवार नियोजन के स्थायी साधन नसबंदी को अपनाने के लिए यह सुविधा दी गयी है | जल्दी-जल्दी गर्भधारण से मातृ मृत्यु दर बढ़ती है | आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया है कि इच्छुक लाभार्थी को सेवा दिलाना सुनिश्चात करें |
नसबंदी प्रोत्साहन राशि – पुरुष नसबंदी पर लाभार्थी को 400 रुपये व महिला नसबंदी पर लाभार्थी को 300 रुपये प्रतिपूर्ति के लिए दिये जाते हैं | नसबंदी के विफल होने पर 60,000 रुपये दिए जाते हैं | नसबंदी के सात दिनों के अंदर मृत्यु होने पर चार लाख रुपए दिए जाते हैं | नसबंदी के 8 से 30 दिन के अंदर मृत्यु होने पर एक लाख रुपए दिये जाने का प्रावधान है | नसबंदी के बाद 60 दिनों के अंदर जटिलता होने पर इलाज के लिए 50,000 रुपए दिए जाते हैं |
प्रमुख उद्देश्य -लाभार्थी इच्छा व सुविधानुसार अनुसार सेवाए प्राप्त कर सकेंगे। लाभार्थी की चयन प्रक्रिया पूर्ण करने में आसानी होगी।
स्वास्थ्य इकाई पर गुणवतापूर्ण सेवाए प्राप्त होगी। पुरुष लाभार्थी को समय से अपने घर पहुचने में आसानी होगी। स्वास्थ्य इकाई का वर्क लोड एक साथ अधिक होने की संभावना कम होगी।
आशा लाभार्थी का चयन कर परिवार नियोजन सेवाओं को आसानी से दिला सकेगी।
·लाभार्थी को अपने घर तक पहुंचने के लिए लंबे समय तक एंबुलेंस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
·लाभार्थी का भुगतान ब्लाक लेखा प्रबंधक की ओर से करने में आसानी होगी।