About 250 new protected areas are associated with the environment in eight years - Dr. Parshuram Singh

वन्य जीव सप्ताह के समापन पर आयोजित किया गया कार्यक्रम

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
चकिया,चंदौली। ENVIRONMENT को बनाए रखने में वन्य जीवो की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।ENVIRONMENT को प्रदूषण मुक्त रखकर मानव जीवन को सुरक्षित रखा जा सकता है। यह बातें आदर्श जन चेतना समिति के संरक्षक व राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वृक्ष बंधु डॉ परशुराम सिंह ने वन्य प्राणी सप्ताह समापन के अवसर पर कटवां माफी गांव में आयोजित विचार गोष्ठी में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।

प्रतिवर्ष मनाया जाता है 2 से 8 अक्टूबर तक वन्य जीव सप्ताह

उन्होंने कहा कि हर साल 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह पर देशभर में वन्य जीव एवं प्राणियों के संरक्षण के लिए सैकड़ों जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। आज प्रधान मंत्री मोदी ने भी अपने संदेश में कहा कि यह अवसर हमें प्रकृति व जीव-जंतुओं की रक्षा के प्रति हमारे दायित्वों का स्मरण कराते हुए इस दिशा में ठोस कार्य करने की प्रेरणा देता है। डाॅ सिंह ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण व जीवों की रक्षा हमारे आध्यात्मिक व सांस्कृतिक संस्कारों का अभिन्न अंग है।

संसार में जो भी है वे सभी ईश्वर के ही प्रतिरूप ‘सर्वम् खल्विदम् ब्रह्म’

कहा गया है ‘सर्वम् खल्विदम् ब्रह्म’ अर्थात् संसार में पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, जड़-चेतन जो कुछ भी है, वो ईश्वर का ही स्वरूप है, हमारा अपना ही विस्तार है। हमारा समृद्ध दर्शन हमें ‘परम् परोपकारार्थम यो जीवति स जीवति’ का मंत्र देता है, जिसका अर्थ है कि वास्तविक जीवन वह है, जो परोपकार के लिए समर्पित हो। आठ वर्षों में लगभग 250 नए संरक्षित क्षेत्र पर्यावरण से जुड़े । वन्यजीवों के लिए पिछले आठ वर्षों में देश में लगभग ढाई सौ नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं और वन क्षेत्रों का विस्तार भी तेजी से हुआ है। हमारी गौरवशाली संस्कृति की साक्षी, मां गंगा को निर्मल व अविरल बनाने और इस पावन नदी में रहने वाले जीवों के संरक्षण व पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति में सुधार के लिए ‘नमामि गंगे’ मिशन के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। मानवता के सामने ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब समय का चक्र, हमें अतीत को सुधार कर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है। वही उन्होने कहा कि पेड़ों को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे उसके सुरक्षा का दायित्व खुद निभाए। और प्रदूषण मुक्त भारत को बनाए रखने में सभी लोग अपने अपने हाथों से अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं। जिससे अपने आप को सुरक्षित रखने के साथ ही वन्यजीवों को भी सुरक्षा प्रदान करें।