SPECIAL-ग्लोबल हैंडवाशिंग डे 15 अक्टूबर

हैण्डवाश का “सुमन-के” तरीका अपनाएं, बच्चों को बीमारियों से बचाएं


खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चंदौली। हाथों की धुलाई के प्रति जागरूकता पैदा करने के मकसद से 15 अक्टूबर को हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। सिर्फ हाथ धुलने से अधिकतर बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय का।
डॉ. राय ने कहा कि कोरोनाकाल ने हर किसी को हाथों की पूर्ण स्वच्छता की अहमियत अच्छी तरह से समझा दिया है। समझा दिया कि किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। साबुन से 30 सेकंड तक हाथ धोना बेहद जरूरी है। हाथों को स्वच्छ रखकर कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य तरह की संक्रामक बीमारियों से भी बचा जा सकता है, क्योंकि हाथों के जरिये मुंह व नाक के रास्ते कई बीमारियां शरीर के अन्दर प्रवेश कर जाती हैं। इसलिए हाथों कि सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा।

कोरोना संक्रमण को हराने में हाथों की सफाई खूब काम आई। हाथों की स्वच्छता हर संक्रमण से हमें बचाती है। बच्चों में सबसे अधिक संक्रमण अस्वच्छ हाथों से ही फैलता है। स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर बी शरण ने कहा कि हाथों कि सफाई के प्रति समुदाय को जागरूक करने के लिए ही हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (विश्व हाथधुलाई दिवस) मनाया जाता है | हाथों की गंदगी से बीमारी के चपेट में अधिकतर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चे होते है |

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जो निमोनिया, डायरिया जैसी बीमारी के जद में जल्दी आते है | कभी कभी तो यह बीमारियाँ जानलेवा भी साबित हो जाती है | अगर हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए तो निश्चित रूप के बच्चों के बीमार पड़ने से बचाया जा सकता है |

डायरिया होने का प्रमुख कारण-बच्चे इधर-उधर चीजों को छूने के बाद ऊँगली मुंह में डाल लेते हैं या गंदगी से भरे हाथों से खाते हैं

बच्चे इधर-उधर चीजों को छूने के बाद ऊँगली मुंह में डाल लेते हैं या गंदगी से भरे हाथों से खाते हैं| यही डायरिया होने का प्रमुख कारण होता है | लम्बे समय तक डायरिया की चपेट में रहने से बच्चे कुपोषण की भी जद में आ जाते हैं | जो कि बच्चे के जान को खतरे में डाल देता है | इसलिए जरूरी है कि बचपन में ही हाथों की सही सफाई की आदत बच्चों में डालें और इसे उनके व्यवहार में शामिल में करें |

शौच के बाद साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से साबुन-पानी से हाथों को अवश्य धोए

राजकीय महिला चिकित्सालय कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ महिमा नाथ ने कहा कि हाथ कि सफाई बच्चे को छूने व स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाने व खाने से पहले, खांसने-छींकने के फ़ौरन बाद, बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद और शौच के बाद साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से साबुन-पानी से हाथों को अवश्य धोना चाहिय | खासते या छिकते समय रुमाल या कपड़े के वजाये हाथों का इस्तेमाल किया गया है तो हाथों को अच्छी तरह से धुलने के बाद उसे हवा में ही सुखाएं |

हाथों की सही सफाई ‘सुमन-के’ (एसयूएमएएन-के)

साबुन-पानी से हाथों की सही तरीके से सफाई के छह प्रमुख चरण बताये गए हैं, जिसे सुमन-के विधि से समझा जा सकता है|
(एस 1) का मतलब है- पहले सीधा हाथ साबुन-पानी से धुलें |
(यू 2) का मतलब-फिर उलटा हाथ धुलें |
(एम 3) का मतलब -फिर मुठ्ठी को रगड़-रगड़कर धुलें |
(ए 4) मतलब-अंगूठे को धुलें,
(एन 5) का मतलब नाखूनों को धुलें |
(के 6) का मतलब-कलाई को अच्छी तरह से धुलें| इस विधि से हाथों की सफाई की आदत बच्चों में डालनी चाहिए और उसकी अहमियत भी समझानी होगी |

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