खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। केंद्र सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने भी महगाई भत्ते के बढोत्तरी के बारे में फैसला ले लिया है। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान अक्तूबर के वेतन व पेंशन के साथ किया जाएगा। इससे हर माह 296 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। जुलाई से अक्तूबर तक के देयों का कुल व्ययभार 1184 करोड़ रुपये आएगा। इसके तहत पुरानी पेंशन प्रणाली के दायरे में आने वाले कर्मियों के जीपीएफ में 387 करोड़ रुपये जमा होगा। शेष के लिए नकद 797 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा।
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की वर्तमान दर 34 से बढ़ाकर 38 प्रतिशत
सी एम योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों, पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की वर्तमान दर 34 प्रतिशत को बढ़ाकर 38 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि एक जुलाई 2022 से लागू होगी। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के लिए बोनस भी दिया जाएगा। बोनस और डीए के भुगतान का निर्णय एक साथ लिए जाने से तात्कालिक नकद व्ययभार 1436 करोड़ रुपये आएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रत्येक राज्य कर्मचारी को 6908 रुपये बोनस दिए जाने का फैसला किया है। इसके तहत वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मासिक परिलब्धियों की उच्चतम सीमा 7000 रुपये के आधार पर 30 दिन का बोनस दिया जाएगा।
14 लाख 82 हजार कर्मचारियों को होगा फायदा
राज्य में इस समय लगभग 14 लाख 82 हजार ऐसे कर्मचारी हैं, जो बोनस की पात्रता की परिधि में आते हैं। इन्हें बोनस देने में 1022 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। जो कर्मी जीपीएफ के दायरे में हैं, उन्हें 25 प्रतिशत नकद और 75 प्रतिशत जीपीएफ में जाएगा। जो जीपीएफ के दायरे में नहीं हैं, उन्हें नकद मिलेगा। 639 करोड़ रुपये नकद व्ययभार आएगा और 383 करोड़ रुपये जीपीएफ में जमा होगा।
सरकार के इस फैसले से राज्य कर्मियों में भी काफी उत्साह देखने को मिल र हा है। बता दे कि केन्द्र सरकार ने पहले ही प्रतिशत महंगाई के बृध्दि का फैसला कर लिया था जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के साथ ही साथ पेंशनरों‚ पारिवारिक पेंशनरों को भी मंहगाई भत्ता देने का फैसला लिया।