धनश्याम यादव के स्मृति में कांब्यांजलि का आयोजन


खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया,चंदौली। क्षेत्र के बनांचल छित्तमपुर के कवि व साहित्यकार घनश्याम यादव के आकस्मिक निधन पर उनके गांव में उनके त्रयोदशाह कार्यक्रम के अवसर पर श्रद्धांजलि काब्यांजलि का आयोजन किया गया। गोष्ठी में क्षेत्र के ही नही दूरदराज के कवियों ने भी कविता के माध्यम से श्रध्दांजलि दी।

धर्मपत्नी धर्मशीला देवी ने तैल चित्र पर किया माल्यार्पण ‚किया दीप प्रज्वलित


सबसे पहले उनकी धर्मपत्नी धर्मशीला देवी ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर याद किया। लोगो ने पुष्पांजलि अर्पित किया। तदुपरान्त दौर प्रारम्भ हुआ श्रध्दांजलि काब्यांजति का जिसमें कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं के माध्यम से घनश्याम जी को श्रध्दांजलि अकीदत अर्पित किया। साथ ही उनके संस्मरणों को साझा किया। जिले के ही नही बल्कि दूसरे जिले के भी आगन्तुक कवियों ने गीत के माध्यम से श्रध्दांजलि पेश की।

वन विभाग कवि के नाम पर बीट का नाम रखें घनश्याम वीट – डाॅ परशुराम सिहं

इस अवसर पर बोलते हुए बृक्ष बंधु व आदर्श जन चेतना समिति के संरक्षक व राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर परशुराम सिंह ने कहा कि मै वन विभाग से आग्रह करूंगा कि वह वन विभाग के एक बीट का नाम घनश्याम बीट रखें। साथ ही ग्राम प्रधान से भी कहा कि आप प्रस्ताव पास कर गाॅंव के मुख्य द्वार का नाम भी घनश्याम द्वार रखे। यही इस महान कवि को सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है।

रामजियावन दास बावला के बाद दूसरे सबसे बड़े रहे प्रकृति प्रेमी कवि घनश्याम – के सी श्रीवास्तव एड०

वही आदर्श जन चेतना समिति के डायरेक्टर व खबरी पोस्ट के चीफ इडिटर के सी श्रीवास्तव एड0 ने कहा कि क्षेत्र ने एक ऐसे बेसकीमती हीरे को खो दिया जो रामजियावन दास बावला के बाद एक मात्र रहा। जो वास्तव में बेसकीमती रहा। और जिसकी रचनाएं अदृभुत रही। जिसके लिए वो जिया जिसके साथ उसने जीवन को बुना। ऐसे में उस कवि की याद में हर वर्ष उसे कविता गीत व संस्मरण के द्वारा याद किया जा सकता है । अगर ऐसा किया जाता है तो यह उस अलौकिक कवि के लिए सच्ची श्रध्दांजलि होगी।

प्रमुख समाज सेविका डॉ गीता शुक्ला ने परिवारीजनेां को बंधाया ढ़ाढस

प्रमुख समाज सेविका व आदर्श जन चेतना समिति की संरक्षिका डाॅ गीता शुक्ला ने परिवारीजन को काफी ढांढस बंधाया और उनके साथ हर दम तैयार रहने की बात कही। उन्होने कहा कि साहित्यकार इस लोक से पर लोक जा सकता है , लेकिन उसके सोच पर विराम लगाना मुश्किल है।
इस कार्यक्रम मे विभिन्न कवि शामिल हुए। जिन्होंने अपनी कविता से घनश्याम सिंह यादव के जीवन और उनसे जुड़ी बातों को भी सुनाया।
इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय कवियों में गिरजा यादव, राधेश्याम यादव,राजेश बादल,बन्धुपाल बन्धु ,डाॅ हरिबंश सिंह बवाल,राजेश कुमार राजू ,संतोष धूर्त, साथ मुख्य समाज सेवी लालजी यादव, नंदलाल सिंह मौर्या,ग्राम प्रधान भरत यादव ,रामभरोष यादव, सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम को चार चाॅंद लगाने का काम संचालन कर रहे क्षेत्र के सफल संचालक संतोष जी ने किया।