धनतेरस 2022 का त्योहार आज है। इस बार धनतेरस पर खास योग बन रहा है। 27 साल बाद बन रहे इस शुभ योग के कारण त्योहार दो दिन मनाया जाएगा। यानी 22 और 23 अक्टूबर दोनों दिन लोग धनतेरस की खरीदारी कर सकेंगे।

धनतेरस पर खास मुहुर्त

दिवाली 5 दिनों तक मनाया जाने वाला पंच पर्व होता है। धनतेरस से दिवाली महापर्व प्रारंभ हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। दिवाली हिंदूओं का सबसे बड़ा त्योहार माना गया है। धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। धनतेरस पर सोना-चांदी,आभूषण और बर्तन की खरीदारी करना बहुत ही शुभ माना गया है। धनतेरस पर खरीदी गई चीजों में तेरह गुने की वृद्धि होती है, ऐसी पौराणिक मान्यताएं हैं। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि,भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन घरों में दीए जलाएं जाते हैं। इस बार दिवाली 24 अक्तूबर को मनाई जाएगी,लेकिन धनतेरस की तिथि को लेकर मतभेद बना हुआ है कि धनतेरस 22 या 23 अक्तूबर किस दिन मनाया जाए।

आइए जानते हैं धनतेरस की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

धनतेरस तिथि 2022
हिंदू कैलेंडर के अनुसार धनतेरस का पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाई जाती है। धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा त्रयोदशी तिथि के दौरान प्रदोष काल में करने का विधान होता है। इस साल कार्तिक महीने की कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ हो रही हैं और अगले दिन यानी 23 अक्तूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट पर खत्म हो जाएगी फिर चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। हिंदू धर्म में कोई भी व्रत या त्योहार उदया तिथि के आधार ही मनाई जाती है। ऐसे में त्रयोदशी की उदया तिथि 23 अक्तूबर को है।

धनतेरस का महत्व 

शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रगट हुए थे। इस कारण से हर वर्ष दिवाली के पहले धन त्रयोदशी के रूप में भगवान धन्वंतरि की जन्मदिन मनाया जाता है। इसदिन इनकी विशेष रूप से पूजा आराधना की जाती है। धनतेरस पर भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। और कुबेर यंत्र,श्रीयंत्र और महालक्ष्मी यंत्र को घर,मंदिर और प्रतिष्ठानों में स्थापित किया जाता है। धनतेरस के दिन सोने, चांदी के आभूषण,सिक्के और बर्तन की खरीदारी होती है। मान्यता है इस दिन खरीदारी करने से साल भर तक 13 गुने की वृद्धि होती है। इसके अलावा धनतेरस पर झाड़ू और धनिए के बीज की भी खरीदारी करते हैं। धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है। धनतेरस की शाम को घर के मुख्य दरवाजे और आंगन में दीये जलाए जाते हैं।

इस बार धनतेरस पर बना शुभ खरीदारी का त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग 

इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। पंचाग के अनुसार अनुसार त्रिपुष्कर योग में शुभ कार्य करने पर उसमें तीन गुने की सफलता हासिल होती है जबकि सर्वार्थ सिद्धि योग को शुभ माना गया है क्योंकि इसमें सभी सिद्धियों का वास होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग पर राहुकाल का भी असर नहीं होता और खरीदारी करना शुभ फल देने वाला होता है।सर्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से आरंभ होगा और दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। वहीं त्रिपुष्कर योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।

राशिनुसार खरीदें सामग्री

इस दिन यदि आप अपनी राशि के अनुसार हम चीज़ो की खरीदारी करते हैं तो घर परिवार में सुख समृद्धि का आगमन हो सकता है और घर में धन धन्य की प्राप्ति के योग भी बढ़ेंगे। ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया की अपनी राशि के अनुसार धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए।

मेष – इस राशि के जातक धनतेरस के दिन चांदी की कोई वस्तु, बर्तन या गहने खरीदें। ऐसा करने से धन लाभ मिलेगा और सुख समृद्धि की वृद्धि का योग बनेंगे।

वृष- राशि के जातक धनतेरस पर चांदी के बर्तन खरीदें। इससे उन्हें विशेष लाभ मिलेगा मान्यता है कि चांदी खरीदने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं।

मिथुन- राशि के जातक धनतेरस के दिन सोने की वस्तुएं खरीदेंगे तो उन्हें लाभ होगा। इसके अलावा हरे रंग की कोई घरेलू वस्तु अथवा वस्त्र भी खरीद सकते हैं।

कर्क- इस राशि के जातक धनतेरस के दिन चांदी का श्री यंत्र खरीदें, इससे घर परिवार में सुख समृद्धि का आगमन होगा और धन्वंतरी जी की कृपा बनी रहेगी।

सिंह- राशि के जातक धनतेरस पर सोना खरीदें अथवा सोने की बनी वस्तु खरीदें तो आपके लिए बहुत शुभकारी होगा। कोई धार्मिक किताब भी खरीद सकते हैं। 

कन्या- राशि के जातक धनतेरस के दिन हाथी दांत से बनी चीज़े खरीदें। इससे आपके घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होगी। 

तुला- राशि के जातक इस वर्ष धनतेरस पर सौंदर्य प्रसाधन से संबंधित कुछ चीजें खरीद सकते हैं। इसके आलावा चांदी के सिक्के भी खरीद सकते हैं। ये भी बहुत शुभकारी माना जाता है।

वृश्चिक- राशि के जातक इस धनतेरस पर सोने के गहने और सिक्के या तांबे के बर्तन खरीदें। अथवा आप पीतल की कोई चीज भी खरीद सकती हैं। इससे घर परिवार में धन वृद्धि होगी।

धनु- इस राशि के जातक के लिए धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन और वाहन खरीदना शुभ रहेगा। धनु राशि वालों के लिए चांदी बहुत शुभ मानी जाती है। इसलिए आप धनतेरस पर चांदी की कोई चीज जरूर खरीदें। ऐसा करने से आपके घर परिवार में सुख-समृद्धि आएगी।

मकर- इस राशि के जातक धनतेरस के दिन वाहन और सजावट का सामान खरीदें। आपके लिए स्टील के बर्तन भी खरीदना बेहद शुभकारी रहेगा। यदि आप वाहन खरीद रहे हैं तो धन का पेमेंट धनतेरस के दिन न करें।

कुम्भ- राशि का जातक धनतेरस के दिन चांदी और स्टील के बर्तन की खरीदारी करना शुभ होगा। इससे आप पर कुबेर देव की असीम कृपा बनी रहेगी।

मीन- राशि के जातक को धनतेरस पर चांदी के बर्तन या गहनें अथवा सफेद धातु खरीदना शुभ रहेगा। देवता कुबेर की असीम कृपा हमेशा बनी रहेगी।

धनतेरस पर ये कभी न खरीदें

यदि आप अपनी राशि के अनुसार धनतेरस के दिन खरीदारी करेंगे तो आपके घर में सदैव माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी तथा सुख शांति समृद्धि खुशहाली बनी रहेगी। इस बार धनतेरस दो दिन है, जिनमें से एक दिन शनिवार का है। इसलिए शनिवार को धनतेरस की खरीदारी करने वाले लोहे का कोई सामान न खरीदें। इससे नुकसान होगा।

धनतेरस पर झाड़ू खरीदते समय रखें इन बातों का ध्‍यान 

– धनतेरस के दिन सींक या फूल वाली पारंपरिक झाड़ू ही खरीदें. प्‍लास्टिक की झाड़ू धनतेरस के दिन खरीदना अच्‍छा नहीं माना जाता है. प्‍लास्टिक अशुद्ध होता है धनतेरस के शुभ दिन प्‍लास्टिक की कोई भी चीज न खरीदें. सही झाड़ू खरीदना ही घर में सुख-समृद्धि लाता है वरना घर में नकारात्‍मक का संचार होगा. 

– नई झाड़ू को उचित जगह पर रखें. इसे तिजोरी के पास, पलंग के नीचे, किचन या बेडरूम में न रखें. साथ ही खड़ा करके न रखें. 

– झाड़ू खरीदते वक्‍त देखें कि झाड़ू पतली या मुरझाई हुई न हो. झाड़ू का घना होना और अच्‍छी स्थिति में होना बहुत जरूरी है. साथ ही देखें कि झाड़ू की तिलियां टूटी हुई न हों

धनतेरस पर झाड़ू की पूजा 

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के बाद उसकी पूजा करें. इसके लिए पहले पुरानी झाड़ू की पूजा करें फिर नई झाड़ू पर कुमकुम अक्षत लगाएं. इसके बाद नई झाड़ू का इस्‍तेमाल करें. इसके अलावा धनतेरस के दिन किसी मंदिर में नई झाड़ू दान करना भी बहुत अच्‍छा होता है. धनतेरस के बाद भी याद रखें कि झाड़ू को हमेशा सही जगह पर आड़ा करके रखें और इसमें कभी पैर न मारें. वरना मां लक्ष्‍मी नाराज हो जाती हैं

भगवान धन्वंतरि की पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर 2022 को सायंकाल 06:02 बजे से प्रारंभ होकर 23 अक्टूबर 2022 को सायंकाल 06:03 बजे तक रहेगी. काशी के ज्योतिषविदों और कर्मकांड के जानकारों के अनुसार भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए 22 अक्टूबर 2022 को सायंकाल 07:01 से लेकर 08:17 बजे का मुहूर्त सबसे उत्तम और शुभ फलदायी रहेगा. इसी दिन यम के लिए दीया भी जलाया जाएगा

भगवान धन्वंतरि की पूजा विधि

भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए धनतेरस के प्रदोषकाल को अत्यंत ही शुभ माना गया है, जो कि इस साल देश की राजधानी दिल्ली के अनुसार 22 अक्टूबर 2022 को सायंकाल 05:45 से लेकर रात्रि 08:17 बजे तक रहेगा. ऐसे में इस दिन सायंकाल होते ही स्नान-ध्यान करने के बाद सबसे पहले भगवान श्री गणेश की और उसके बाद मां लक्ष्मी और कुबेर देवता के बाद भगवान धन्वंतरि की विधि-विधान से पूजा करें. इसके लिए सबसे पहले एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें और उसके बाद उनका फल-फूल, रोली, अक्षत, सुगंध, चंदन, पान, पुष्प आदि चढ़कार उन्हें खीर का भोग लगाएं. इसके बाद भगवान धन्वंतरि से सुख एवं आरोग्य का आशीर्वाद पाने के लिए कमलगट्टे या फिर क्रिस्टल की माला से ‘ॐ धन्वंतराये नमः’ मंत्र का जप करें

भगवान धन्वंतरि का पौराणिक मंत्र

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥

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