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धर्म कर्म डेस्क । सूर्य ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने वाला है. 08 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा और ये ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा. चूंकि ये चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. लिहाजा, ज्योतिषविद इस ग्रहण से लोगों को संभलकर रहने की सलाह दे रहे हैं। चंद्रग्रहण को भारत के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारतीय समयानुसार, चंद्रग्रहण 8 नवंबर को शाम 5 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर खत्म होगा। पूर्वोत्तर के राज्यो में ही पूर्ण चन्द्रग्रहण दिखाई देगा। देश के शेष भागो में आंशिक चन्द्रग्रहण ही दिखाई देगा।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन मंगलवार को चंद्रग्रहण होने वाला है जो इस बार कार्तिक पूर्णिंमा को बहुत विशेष बना रहा है। चंद्रग्रहण का प्रभाव सामाजिक, भौगोलिक और व्यक्तिगत रूप से समस्याओं को तो बढ़ाएगा लेकिन ग्रहणकाल को दान पुण्य साधना आदि के लिए बहुत श्रेष्ठ माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा स्वयं में उपासना, साधना, दान पुण्य आदि के लिए वर्षभर में सबसे श्रेष्ठ दिन होता है। इसलिए आध्यात्मिक दृष्टि से इस बार कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत विशेष महत्व रहेगा।

कब से कब तक रहेगा सूतक काल

मंदिरों के कपाट प्रात 8.09 बजे से ग्रहण के सूतक से शाम को 6.18 बजे तक बन्द रहेंगे। इसलिए कार्तिक माह स्नान, कथाओं और यज्ञ अनुष्ठानों का समापन भोग सोमवार 8 नवम्बर प्रात 8.08 बजे से पूर्व होगा। कार्तिक पूर्णिमा व्रत प्रदोष काल व्यापिनी पूर्णिमा को 7 नवम्बर को होगा, ऋषिकेश पञ्चाङ्ग के अनुसार पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 7 नवंबर को संध्या 03:49 पर होगा। कार्तिक स्नान और चन्द्र ग्रहण के का तीर्थ दर्शन और स्नान ग्रहण काल में 8 नवम्बर को होगा।

सूतक काल में क्या करें क्या ना करें

ग्रहण 2022 के सूतक काल के दौरान जितना सम्भव हो कम बोलें और भगवान की भक्ति में अपना मन लगाएं।भगवान का ध्यान करें, उनकी पूजा करें, इत्यादि। इस दौरान ग्रह की शांति के लिए पूजा पाठ करें, और मंत्रों का जप करें। सूतक काल के समय जितना सम्भव हो योग और ध्यान करें। ऐसा करने से मानसिक शक्ति का विकास होगा और खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के दुष्प्रभाव से भी बचा सकेंगे। सूतक काल में भोजन नहीं बनाएं और अगर खाना बना लिया है तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रख दें। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र मंत्रों का जप करें।

सूतक काल चल रहा हो तो सोने से बचें। धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में किसी भी पवित्र मूर्ति को छूना अत्यंत अशुभ माना जाता है। इस दौरान काम या क्रोध जैसे नकारात्मक विचारों को अपने मन में घर न आने दें। साथ ही इस समय अवधि के दौरान मल, मूत्र और शौच जैसे कार्य करना भी वर्जित है। साथ ही इस दौरान चाकू और कैंची जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना भी मना है।

चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप

चंद्र ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ” ॐ नम: शिवाय ,, मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इस मंत्र का जप करे “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।

भारत के इस शहर में सबसे पहले दिखेगा चंद्र ग्रहण

भारत में ये चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में सबसे पहले दिखाई देगा. भारत में पूर्व दिशा के शहरों में ये चंद्र ग्रहण चंद्रोदय के साथ दिखने लगेगा। चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान होगा, इसलिए यहां सूतक काल के नियम भी लागू होंगे । चंद्रग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण है, जिसमें चंद्र का न्यूनतम भाग ही ग्रसित होता है। ये चंद्रग्रहण दोपहर 2 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा यानि लगभग चार घंटे का ग्रहण होगा। ज्योतिषिविदों का कहना हैं कि चंद्रग्रहण दोपहर में ही आरंभ हो जायेगा लेकिन भारत में चंद्रोदय संध्याकाल में होगा, इसलिए भारत में ये चंद्रग्रहण स्पष्ट रूप से लगभग शाम 5.30 से 6.20 के मध्य दिखाई देगा।

कहां-कहां दिखेगा पूर्ण चंद्र ग्रहण?

ये चंद्र ग्रहण ग्रहण उत्तरी पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर में दर्शनीय होगा. भारत में केवल पूर्वी भागों में दिखाई देगा, जबकि आंशिक ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में दृश्यमान होगा. कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी, ईटानगर, रांची और गुवाहाटी में पूर्ण चन्द्रग्रहण के दर्शन होंगे ।

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