कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा. आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिणा का मुहूर्त, शुभ योग

khabaripost.com
sagun lan
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
WhatsApp-Image-2024-06-22-at-14.49.57
previous arrow
next arrow

Dev Deepawali is called Dev Diwali, which marks the victory of Lord Shiva over the demon Tripurasur

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

धर्म कर्म डेस्क । दीपावली के 15 दिन बाद, कार्त्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। इस दिन वाराणसी में मां गंगा के घाटों पर लाखों दीपक शाम को जलाए जाते हैं। इसके साथ ही हर सरोवरों व तालाबों पर भी दीपदान किया जाता है। हालांकि इस साल पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगने के कारण देव दीपावली को एक दिन पहले मनाया जा रहा है।

ऐसे में देव दीपावली इस साल 7 नवंबर 2022 को है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने व दीपदान का विशेष महत्व है। का त्योहार देव दिवाली हर वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है.। इस दिन गुरू नानक जयंती भी होती है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए पीला रंग बहुत ही शुभ होता है. देव दिवाली के दिन माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए पीले रंग के वस्त्र पहन कर उनकी पूजा करनी चाहिए।

इस वर्ष 2022 में कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार दो दिन मनाया जाएगा। प्रदोषकाल में दीपदान किया जाता इसलिए इस साल देव दिवाली 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी, क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि शाम को शाम 4.15 मिनट से शुरू हो जाती है. वहीं पूर्णिमा का स्नान 8 नवंबर 2022 को किया जाएगा। व्रत-पूजन भी इसी दिन होगा। इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर कई शुभ योग का संयोग बन रहा है जिससे इस दिन देवताओं की पूजा से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं कार्तिक पूर्णिणा का मुहूर्त, शुभ योग।

देव दीपावली पर दीपदान का महत्व-

कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके दीपदान का विधान है। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन दीपदान करने से जीवन में संपन्नता व सुख-समृद्धि आती है। देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

क्यों मनाई जाती है देव दिवाली-

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने काशी में दीये जलाए थे। यही कारण है कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में हर दिवाली मनाई जाती है। क्योंकि ये दिवाली देवताओं ने मनाई थी, इसलिए इसे देव दिवाली कहा जाता है।

देव दिवाली 2022 मुहूर्त (Dev diwali 2022 Muhurat)

कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू – 07 नवंबर 2022, शाम 04.15

कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त – 08 नवंबर 2022, शाम 04.31

प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त – शाम 05:14 – शाम 07:49 (7 नवंबर 2022)

देव दिवाली के दिन सूर्यास्त के बाद नदी-तालब या कुंड में आटे के दीपक बनाकर दीप जलाए जाते हैं. इससे अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है और सुख-समृद्धि का वास होता है.

कार्तिक पूर्णिमा 2022 मुहूर्त (Kartik Purnima 2022 Muhurat)

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से जीवन के तमाम पाप कर्म का दोष मिट जाता है लेकिन यह स्नान सूर्योदय से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में करना चाहिए।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:57 – सुबह 05:49

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:48 – दोपहर 12:32

देव दिवाली 2022 शुभ योग (Dev diwali 2022 shubh yoga)

इस साल देव दिवाली और कार्तिक पूर्णिमा तिथि खत्म होने तक तीन शुभ योग का संयोग बन रहा है जो इस दिन के महत्व में वृद्धि करेगा. कार्तिक पूर्णिमा व्रत वाले दिन सोमवार होने से इस दिन का महाम्त्य में बढ़ोत्तरी होगी. इसी दिन शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था. इन शुभ योग में भोलनाथ की आराधना से जीवन सफल हो जाता है।

देव दिवाली पर गंगा स्नान का काफी धार्मिक महत्व माना जाता है. मान्यता है कि दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दोष दूर हो जाते हैं और पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. अगर गंगा स्नान संभव ना हो ते घर में ही नहाते समय पानी में थोड़ा सा गंगा जल मिला लें।

देव दिवाली के दिन धन से संबंधित किसी भी तरह का लेन-देन नहीं करना चाहिए. इस दिन न ही किसी से कर्ज लें और न ही किसी को कर्ज दें वरना आपके पास धन की दिक्कत बनी रहेगी

देव दिवाली के दिन किसी पवित्र नदी में शुद्ध घी का दीया जलाकर प्रवाहित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और सारी आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं

Disclaimer:यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि Khabari Post.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य राय लें ।