आदर्श जन चेतना समिति ने मनाया WORLD TOILET DAY

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चकिया ‚चंदौलीे। WORLD TOILET DAY– विश्व शौचालय दिवस की स्थापना 19 नवंबर, 2001 को हुई थी। इसकी स्थापना जेक सिम द्वारा की गई थी। जेक सिम के प्रयास की पूरी दुनिया में सराहना की गई। इसके फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संगठन ने 2013 में विश्व शौचालय दिवस को मान्यता दी। साथ ही 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस घोषित कर दिया। जो प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है।

इस अवसर पर आदर्श जन चेतना समिति के बैनर तले क्षेत्र के कटवाँ माफी गाँव में बृक्ष बंधु व राष्ट्र सृजन अभियान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व भू गर्भ जल प्रबंधन समिति के सदस्य डॉ परशुराम सिंह जी के आवास पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया । गोष्ठी में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व की अनुमानित ढाई अरब आबादी को पर्याप्त स्वच्छता मयस्सर नहीं है और एक अरब वैश्विक आबादी खुले में शौच को अभिसप्त है उनमे से आधे से अधिक लोग भारत में रहते हैं नतीजन बीमारियां उत्पन्न होने के साथ साथ पर्यावरण दूषित होता है। इसलिए सरकार इस समस्या से उबरने के लिए स्वच्छ भारत अभियान चला रही है ।

स्वच्छ भारत के लिए सोच में बदलाव की लाने की जरुरत

लेकिन एक सर्वे के अनुसार खुले में शौच जाना एक तरह की मानसिकता दर्शाता है इसके मुताबिक सार्वजनिक शौचालयोँ में नियमित रूप से जाने वाले तकरीबन आधे लोगो और खुले में शौच जाने वाले इतने ही लोगो का कहना है कि यह सुविधाजनक उपाय है। ऐसे में स्वच्छ भारत के लिए सोच में बदलाव की जरुरत दिखती है। सारी चीजे सरकार ही नही कर सकती है। कुछ आम जन को भी प्रयास करना चाहिए। क्यों कि यह उनके हित का मामला है।

दुनिया में हर तीन में से एक महिला को सुरक्षित शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं

दुनिया में हर तीन में से एक महिला को सुरक्षित शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है खुले में शौच के लिए विवस होने का कारण महिलाओ और बालिकाओ की निजता सम्मान और पर बुरा प्रभाव पड़ता है और उनके खिलाफ हिंसा तथा बलात्कार जैसी घटनाओ की आशंका बनी रहती है।

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गंदगी के कारण प्रत्येक दिन एक हजार बच्चे होते हैं मौत के शिकार

संस्था के डायरेक्टर के सी श्रीवास्तव एड0 ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यो में सबको शुध्द पेयजल और स्वच्छता की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी रखा गया है। लेकिन खराब आधारभूत ढांचे दूषित जल आपूर्ति और गंदगी के कारण प्रत्येक दिन एक हजार बच्चो मौत का शिकार होते हैं। वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने के लिए कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 19 नवंबर को विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day) विश्व स्तर पर मनाया जाता है। विश्व शौचालय दिवस, शौचालय और स्वच्छता के बिना जीवन बिताने वाले 4.2 बिलियन लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।

विश्व शौचालय दिवस का उद्देश्य

विश्व शौचालय दिवस, शौचालय और स्वच्छता के बिना बिना जीवन बिताने वाले 4.2 बिलियन लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह वैश्विक स्वच्छता संकट से निपटने और सतत विकास लक्ष्य 6: water and sanitation for all by 2030 यानि 2030 तक सभी के लिए पानी और स्वच्छता को मुहैया कराने की कार्रवाई करने के बारे में है।

जब से प्रारम्भ किया गया तब से लेकर अब तक शौचालय दिवस विषय (Theme)

आदर्श जन चेतना के डायरेक्टर के सी श्री वास्त्व ने बताया कि 2012 में शुरू, विश्व शौचालय दिवस की थीम प्रत्येक वर्ष के लिए चुनी गई और संबंधित संचार अभियानों का आधार बनी। 2016 से, विश्व जल विकास रिपोर्ट के आधार पर विश्व शौचालय दिवस और विश्व जल दिवस दोनों के लिए एक ही समग्र वार्षिक थीम का उपयोग किया गया है।

  • वर्ष 2012 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “मैं एक बकवास देता हूं, क्या आप?” (नारा) था।
  • वर्ष 2013 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “पर्यटन और पानी” था।
  • वर्ष 2014 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “समानता और गरिमा” था।
  • वर्ष 2015 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “शौचालय और पोषण” था।
  • वर्ष 2016 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “शौचालय और नौकरी” था।
  • वर्ष 2017 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “अपशिष्ट जल” था।
  • वर्ष 2018 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – “प्रकृति आधारित समाधान” (नारा: “जब प्रकृति बुलाती है”) था।
  • वर्ष 2019 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – किसी को पीछे नहीं छोड़ना था।
  • वर्ष 2020 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – सतत स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन।
  • वर्ष 2021 में विश्व शौचालय दिवस का विषय – मूल्यवान शौचालय।
  • वर्ष 2022 में विश्व शौचालय दिवस का विषय -आइए अदृश्य को दृश्य बनाए।

यह अभियान उन लोगों का ध्यान खींचता है जो “स्वच्छता के बिना पीछे रह गए हैं और निष्क्रियता के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणाम हैं”। यह सतत विकास लक्ष्य 6 से निकटता से संबंधित है, जिसमें खुले में शौच को खत्म करने का लक्ष्य है और यह सुनिश्चित करना है कि “सभी को 2030 तक स्थायी स्वच्छता सेवाओं तक पहुंच हो, महिलाओं और लड़कियों की जरूरतों और कमजोर स्थितियों में उन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

शौचालय न सिर्फ हमारे जीवन को बचाने का कार्य करता है बल्कि कई तरह के बीमारियों से हमे बचाने का भी कार्य करता है। खुले में शौच हजारों बीमारियों को जन्म देने को बढावा देना है। मौजूद लोगो ने कहा कि विश्व शौचालय दिवस स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और विश्व स्तर पर अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ शौचालय तक पहुंच बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। स्वच्छता एक मानव अधिकार है और गरीबी से बाहर आने के लिए स्वच्छता पर ध्यान देना आवश्यक है। कार्यक्रम का सफल संचालन जन चेतना समिति के मुकेश कुमार ने किया।

इस अवसर पर जन चेतना समति के बृजेश केशरी ‚ रामयश चौबे‚सुधांशु किशोर ‚परवेज अंसारी‚अनिल दूबे सहित तमाम लोग मौजूद रहे।