खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नौगढ‚चंदौली। अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा अभियान के अंतर्गत मंगलवार को राजकीय इंटर कालेज परिसर मे ग्राम्या संस्थान एवं इब्तिदा नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में बच्चों और शिक्षकों के साथ विभिन्न प्रतियोगिताएं और चर्चा परिचर्चा का आयोजन किया गया।
संस्थान की निदेशक बिंदु सिंह ने बताया कि लड़कियों और महिलाओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ यह अभियान 25 नवंबर अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा विरोध दिवस से 16 दिसंबर निर्भया कांड दिवस तक चलाया जा रहा है।
जिसमें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों को घरेलू हिंसा के प्रति जागरूक करके भविष्य में महिलाओं और किशोरियों के साथ होने वालीं हिंसा और छेड़छाड़ की घटनाएं पर रोक लगाने की पहल हो सके।
हमारे समाज में लोग लड़की और लड़का में करते हैं भेदभाव
संस्थान के सुरेंद्र ने घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 कानून के बारे में विस्तार से बच्चों को जानकारी दिया। और बताया कि महिलाओं पर कहां कहां और कब कब हिंसा होती है। इसे कैसे रोका जा सकता है।
कहा कि अभी भी हमारे समाज में लोग लड़की और लड़का में भेदभाव करते हैं इस भेदभाव को हमें मिटाना पड़ेगा तभी स्वस्थ समाज का निर्माण होगा।
महिला हिंसा और बालक बालिका में गैरबराबरी को खत्म करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी – आलोक कुमार
राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य आलोक कुमार यादव ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि महिला हिंसा और बालक बालिका में गैरबराबरी को खत्म करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम बेहद जरूरी है। जिससे बालक व बालिकाओं मे समानता कायम होने के साथ ही समान शिक्षा मिल सके।
केवल मारपीट करना ही हिंसा नहीं ‚ हिंसा के अलग अलग स्वरूप
केवल मारपीट करना ही हिंसा नहीं है हिंसा के अलग अलग स्वरूप है शारीरिक हिंसा, मानसिक हिंसा, आर्थिक अहिंसा,किसी को गाली देना, अपशब्द बोलना, ताने मारना, आदि भी हिंसा है। हमें अपने व्यवहार में भी परिवर्तन लाना पड़ेगा समाज में सभी के लिए समान अवसर होना चाहिए तभी हमारे समाज से गैर बराबरी मिटेगी और खुशहाल समाज बनेगा।
नीतू सिंह, गंगासागर उपाध्याय ईत्यादि ने भी अपना विचार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मनोज कुमार यादव, संतोष कुमार योगेश प्रताप सिंह दिग्विजय पाठक, अंजू, रिंकू, त्रिभुवन, रामविलास, हर्षित, आर्यन, आकाश, काजल, प्रियंका, आकांक्षा, मंजू,स्नेहलता,साहित विद्यालय के शिक्षक व शिक्षणार्थी उपस्थित रहे।