तहसील नौगढ का भी सृजन हुए 7 वर्ष का समय ब्यतीत हो गया लेकिन जिला मुख्यालय चन्दौली से नौगढ तक कोई भी बस संचालित नहीं होती
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
नौगढ‚चंदौली। वाहन पर बेतरतीब सवार होकर यात्रा करना शायद वनांचल वासियों की नीयति मे ही शुमार है।
जबकि इस कड़कड़ाती सर्दी में हाथ पैर शुष्क होने से कभी भी सवार वाहन से नीचे लूढक सकते हैं।
जिसे देख पुलिस प्रसासन चुप्पी साधे रहता है।
जनपद चन्दौली का सबसे पिछड़ा हुआ वनांचल पर्वतीय क्षेत्र में आवागमन का समुचित साधन नहीं होने से रहनुमाओं को जिला मुख्यालय चन्दौली व पूर्व तहसील चकिया या मुख्य बाजार वाराणसी एवं पड़ोसी जनपद सोनभद्र के खलियारी वैनी मद्धुपुर ईत्यादि स्थानों पर आने जाने मे डग्गामार वाहनों (मालवाहकों)पर सवार होकर भूसों की तरह ठूंस कर या लगेज कैरियर पर बैठकर व वाहन के पीछे एवं अगल बगल लटक कर अपनी जान अप्रशिक्षित चालकों के हाथों में सौंप कर यात्रा करना पड़ता है।
सबसे अधिक शामत तो मजदूर वर्ग को होती है जो कि मेहनत मजदूरी करने के लिए अन्यत्र जाकर आय अर्जन करते हैं।
जिन्हें ढोने के लिए टैक्टर टा्ली या मालवाहक का उपयोग होता है।
वाहन पर क्षमता से काफी अधिक सामान लोड कर काफी संख्या में मजदूरों को सवार कर दिया जाता है।
कभी नहीं होती है वाहनों की जांच पड़ताल. थाना पुलिस भी मूकदर्शक
वनांचल क्षेत्र नौगढ में पहाड़ियों के उतार चढ़ाव वाले मार्गों पर नाकाफी संकेतांक ही लगाए गए हैं।
जिसपर अप्रशिक्षित चालक धड़ल्ले से वाहनों को लेकर फर्राटा भरते हैं।
जिससे जान हथेली पर लेकर यात्रा करने को विवश वनांचल वासी नियति का खेल मानकर बयां करते हैं कि आजादी के 7 दशक से अधिक का समय ब्यतीत हो जाने के बाद भी आवागमन के मामले में क्षेत्र की स्थिति/परिस्थिति नहीं बदली।
जबकि 25 वर्षों पूर्व जब यह क्षेत्र जनपद वाराणसी मे समाहित रहा तब जिला मुख्यालय से ब्लाक मुख्यालय नौगढ तिवारीपुर बाजार व चकरघट्टा तक उ.प्र.सड़क परिवहन निगम की बसें चलती रही।