उच्च जोखिम गर्भावस्था की 81 गर्भवती हुई चिन्हित

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

चंदौली। जिले में सोमवार को “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान” दिवस मनाया गया| इस दौरान 1028 गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की गईं | इनमें से 81 उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) की गर्भवती चिन्हित की गईं| यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने दी|

जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन हर माह की नौ तारीख को


CMO ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन हर माह की नौ तारीख को किया जाता है| जिले कड़ाके की ठंड के बाद भी लाभार्थियों को सुविधा प्रदान करने के लिए सोमवार को जिले के सभी इकाइयों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया| आयोजन का मुख्य उद्देश संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करना है|

गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली (एचआरपी) महिलाएं की जाती है चिन्हित


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/कार्यक्रम के नोडल डॉ. आर. बी. शरण ने बताया कि इसमें गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली (एचआरपी) महिलाएं चिन्हित की जाती है| कोई भी गर्भवती हर महीने की नौ तारीख को अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क जांच और इलाज करा सकती है| इस योजना का लाभ लेने के लिए वह जिले के किसी भी अस्पताल में अपना पंजीकरण करा सकती हैं| डॉ आरबी शरण ने कहा कि केवल शहर ही नहीं बल्कि गांव में भी गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है| इस योजना का लाभ गर्भावस्था से लेकर प्रसव पश्चात जच्चा–बच्चा की स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए मिलाता है| इस दिन हर गर्भवती की पांच जांच- ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, हीमोग्लोबिन जांच और अल्ट्रासाउंड निःशुल्क किया जाता है| उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें निगरानी में रखा जाता है और स्थिति अनुसार उच्च चिकित्सा हेतु केन्द्रों पर रेफर भी किया जाता है|

गर्भवती की जांच में,ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड के साथ गर्भवती में खतरे के लक्षण जैसे गर्भवस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ, पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, तेज सरदर्द व धुंधला दिखना,योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि शामिल


कार्यक्रम के जिला परामर्शदाता मनोज कुमार ने बताया कि हर महीने की नौ तारीख को गर्भवती की एएनसी जांच की सुविधा दी जाती है। इसमें मधुमेह का स्तर,ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड के साथ गर्भवती में खतरे के लक्षण जैसे गर्भवस्था के दौरान तेज बुखार, त्वचा का पीलापन, हाथ, पैरों व चेहरे पर सूजन, दौरे पड़ना, उच्च रक्तचाप, तेज सरदर्द व धुंधला दिखना,योनि से रक्तश्राव होना इत्यादि शामिल है। यदि कोई भी जोखिम वाली स्थिति की संभावना हो तो उससे बचने के लिए समय रहते अस्पताल पहुंचाया जा सके। जच्चा व बच्चा की जान को समय रहते सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने बताया कि जिले में सोमवार आयोजित कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) 1038 जांच व अन्य जांचें की गईं। साथ ही कुल 81 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) चिन्हित की गई।

जानिए गर्भवती की कहानी उसी की जुबानी

नियामताबाद ब्लॉक की 23 वर्षीय रिनु ने बताया कि “मेरी दूसरी प्रेग्नेंसी की जांच हुई है, मेरा 54 किलो वजन है और बीपी कि जांच हुई डॉक्टर ने खाने पर ध्यान देने के लिए कहा है| हरी सब्जी,दूध,फल का सेवन ज्यादा करने की भी सलाह दी है| इसी ब्लॉक से आई 26 वर्षीय संगीता ने कहा कि “मेरी पहली प्रेग्नेंसी का पांचवा महीना चल रहा है| डॉक्टर ने खून की कमी बताया है| साबूत अनाज,दूध,दाल,चुकंदर और पालक का सेवन करने की सलाह दी है | कोई दिक्कत महसूस होने पर तुरंत चिकित्सालय आने के लिए भी कहा है|

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