खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। बेकाबू डंपर ने छह लोगों को रौंद दिया। हादसे में चार लोग जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। एक साथ गांवों में छह मौतों से हर कोई स्तब्ध दिखा। जिस समय हादसा हुआ, उस समय लोग सोकर उठे। ठंड की वजह से कुछ रजाई में ही थे। इसी बीच मनहूस खबर आई तो लोग बदहवास से सड़क की ओर दौड़ पडे़। लोग पहुंचे तो सिर्फ चीख-पुकार की आवाजें ही आ रहीं थीं। अपनों को खोने का गम उनके बहते आंसुओं में साफ दिख रहा था। गांव के लोग ढांढस बंधाने पहुंचे मगर अपने ही आंसू नहीं रोक पा रहे थे। हादसे के कारण गांव के कई घरों में चूल्हा भी नहीं जला। केवल चर्चाओ का दौर जारी रहा। हर कोई अपना –अपना पक्ष करने में लगा रहा।
हादसा के पहले कहा था सर्दी ज्यादा है जल्द दुकान बन्द कर घर आ जाऊंगा पर……………..
खगियाखेड़ा गांव की रहने वाली दिव्यांग शिवानाथा ने बताया कि पति ललई (65) बेटे श्रवण के साथ मिलकर चाय की दुकान चलाते थे। कहा था कि सर्दी ज्यादा है। जल्द दुकान बंद करके घर आ जाऊंगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हादसे ने उन्हें छीन लिया। बेटा भी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। ललई के परिवार में पत्नी के अलावा बेटे राजेश, श्रवण, पुष्पेंद्र और बेटी अनामिका (16), प्रिया (14), श्रेया (12) हैं। इसमें राजेश व श्रवण की शादी हो चुकी है। बाकी लोग अविवाहित हैं। शिवानाथा ने बताया कि चाय की दुकान और खेती से परिवार चलता था।
हादसा कें बाद बोल नहीं सकती ‚चीख-चीखकर रो भी नहीं सकती मगर आंसू बता रहे हैं कि उन पर गमों का पहाड़
हादसे में जान गंवाने वाले वृंदावन उर्फ गुटकू (40) की दिव्यांग पत्नी सोहनदेई का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बोल नहीं सकती हैं। चीख-चीखकर रो भी नहीं सकती मगर आंसू बता रहे हैं कि उन पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। बहू ज्योति ने बताया कि दिव्यांग पति मुकेश व सास बोल नहीं सकते हैं। अपना दर्द नहीं कह सकते हैं। सिर्फ रोए जा रहे हैं।
पत्नी गुड़िया, बेटा शिवा (12), कंचन (7), सूरज (4) को इस हादसे ने जीवनभर का दर्द
हादसा में संतोष की भी जान चली गई। पत्नी गुड़िया, बेटा शिवा (12), कंचन (7), सूरज (4) को इस हादसे ने जीवनभर का दर्द दे दिया। गुड़िया ने बताया कि सुबह कोहरा अधिक था। अक्सर पति सुबह खेत जाते थे कि कहीं खेत में जानवर तो नहीं फसल चर रहे हैं। इसके बाद वह ललई की दुकान पर चाय पीकर घर लौट आते थे। बुधवार की सुबह खेत जाने की बात कहकर घर से निकले थे। मुझे पता होता कि हादसा हो जाएगा तो उन्हें घर से खेत न जाने देती। खेती से ही उनका परिवार चलता था।
हादसे ने उनकी दुनिया उजाड़ दी‚बताया कि बेटी मोनिकी की शादी की बात चल रही थीअब सब बर्बाद हो गया
हादसे में शिवमोहन (40) की मौत से हर कोई गमगीन है। परिवार में पत्नी फूलमती के अलावा बेटी मोनिकी (18), सुनील (13), नितिन (10) हैं। पत्नी ने बताया कि पति ने कहा था कि खेत जा रहा हूं। गेहूं की फसल देखने के साथ ही ललई की दुकान पर चाय भी पी लूंगा। इसके बाद लौट आऊंगा। काफी देर तक हम लोग इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आए। गांव के पास हादसे की खबर मिली तो दौड़कर मौके पर पहुंची। पता चला कि हादसे ने उनकी दुनिया उजाड़ दी। बताया कि बेटी मोनिकी की शादी की बात चल रही थी। अब सब बर्बाद हो गया।