प्रभागीय वनाधिकारी रामनगर दिनेश कुमार सिंह की सहमति पर क्षेत्रीय वन अधिकारी द्रय द्रारा अपने चहेते तथाकथित ठेकेदारों से सुविधा शुल्क वसूल कर वनतूलसिया की झाड़ियों की सफाई व यांत्रिक यंत्रों से कटाई धड़ल्ले से कराई जा रही है।जिसमें पेड़ पौधों व पशु पक्षियों के वास स्थलों को भी क्षति पहुंच रही है-पूर्व ब्लाक प्रमुखअजवेन्द्र कश्यप उर्फ डब्ल्यू सिंह

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

नौगढ‚चंदौली। काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के वनों का अस्तित्व कायम रख पाने में महत्त्वपूर्ण योगदान अदा कर रही वनतूलसिया की झाड़ियों का जोरों पर सफाया व वाहनों से अन्यत्र भेजा जाना ठेकेदारों के माध्यम से वनाधिकारियों की सैद्धांतिक सहमति पर निर्बाध गति से जारी है।

काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के नौगढ चकिया चन्द्रप्रभा मझगाई व जयमोहनी वन क्षेत्रों में इस समय वनतूलसिया की झाडिय़ों का सफाया होना काफी निर्बाध गति से जारी

वनतूलसिया की झाड़ियों की कटाई कराकर यांत्रिक यंत्रों से छोटे छोटे टुकड़ो मे विभक्त करा रहे यदा कदा कुछ ठेकेदारों के वाहनों को वन संपदा को क्षति पहुंचाने का आरोप लगा कर वनकर्मी पकड़ कर वन रेंज कार्यालय ले आ रहे हैं।फिर उच्च अधिकारियों द्वारा वन अधिनियम के प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही किए जाने का राग अलापा जाना लग जा रहा है।
इस बारे में बताया जाता है कि काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के नौगढ चकिया चन्द्रप्रभा मझगाई व जयमोहनी वन क्षेत्रों में इस समय वनतूलसिया की झाडिय़ों का सफाया होना काफी निर्बाध गति से जारी है।

वनतूलसिया की झाड़ियों को वन संपदा का होना शायद वनविभाग नहीं मानता है।जिससे सैकड़ो श्रमिकों को लगा कर झाड़ियों की सफाई व यांत्रिक यंत्रों से कटाई तथाकथित ठेकेदारों द्रारा करा कर अन्य जनपदों मे स्थित ईंट भट्ठों पर ईधन के रूप में प्रयुक्त करने के लिए बेचा जा रहा

जिसमें वन विभाग की निगरानी नाकाफी होने से पेड़ पौधों को भी क्षति पहुंचा दिया जा रहा है।
जानकारों की मानें तो वनतूलसिया की झाड़ियों को वन संपदा का होना शायद वनविभाग नहीं मानता है।जिससे सैकड़ो श्रमिकों को लगा कर झाड़ियों की सफाई व यांत्रिक यंत्रों से कटाई तथाकथित ठेकेदारों द्रारा करा कर अन्य जनपदों मे स्थित ईंट भट्ठों पर ईधन के रूप में प्रयुक्त करने के लिए बेचा जा रहा है।

हर साल लगाये जाते है अनगिनत पौधे‚ रोपित पौधों का अस्तित्व बहुत ही कम पेड़ के रूप में दिख पा रहा धरा पर

वन विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों का कहना है कि आरक्षित वनभूमि पर पौधरोपण कराए जाने के उद्देश्य से वनतूलसिया की झाड़ियों की सफाई फ्री आफ काष्ट कराने की छूट लोगों को दी गई है।
जबकि हर वर्ष वनविभाग पौधरोपण का कार्य काफी जोरों पर कराकर के अभिलेखों में सफलता प्रतिशत मानक के अनुरूप अंकित कर देता है। फिर रोपित पौधों का अस्तित्व बहुत ही कम पेड़ के रूप में धरा पर दिख पा रहा है।
और वनतूलसिया की झाडिय़ों की सफाई होते ही आरक्षित वनभूमि एकदम खाली खाली सी हो गई है।
वहीं पथरीली व चट्टानी भूमि पर से भी वनतूलसिया की झाड़ियां काटी जा रही है।वहां पर वनविभाग कौन सा पौधरोपण कराएगा।

पूर्व में कराए गए पौधरोपण कार्यों की स्थलीय जांच मे वनविभाग की कागजी आंकड़ों का सारा खेल आ जायेगा सामने


पूर्व में कराए गए पौधरोपण कार्यों की स्थलीय जांच मे वनविभाग की कागजी आंकड़ों से एकदम ईतर वस्तुस्थिति होने की पुष्टि हो जाएगी।
वनतूलसिया की झाड़ियों से ही आरक्षित वनभूमि मे हरियाली कायम है।जिसकी सफाई हो जाने से आगामी दिनो मे आरक्षित वनभूमि अतिक्रमणकारियों की सक्रियता और काफी बढ जाएगी।

khabaripost.com
sagun lan
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
WhatsApp-Image-2024-06-22-at-14.49.57
previous arrow
next arrow