खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के मामले में दोषी ठहराये अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुना दी गई। गोरखनाथ मंदिर में घुसकर सुरक्षाकर्मियों पर आतंकी हमला कर घायल करने के आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण पांडेय ने यह सजा सुनाई।
सिपाही पर हमला कर हथियार छीनने की की थी कोशिश
प्राप्त जानकारी के अनुसार चार अप्रैल को गोरखनाथ चौकी के मुख्य आरक्षी विनय कुमार मिश्र ने दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा था कि वह मंदिर के गेट नंबर एक का सुरक्षा प्रभारी था। तभी अचानक आरोपी ने बांके से पीएसी के सिपाही अनिल कुमार पासवान पर हमला कर हथियार छीनने की कोशिश की थी।
बचाव में अन्य सुरक्षाकर्मी आ गए तो आरोपी ने सिपाही गोपाल गौड़ को भी घायल कर दिया और बांका लहराते हुए धार्मिक नारे लगाने लगा। तभी आनन फानन उसे उसे पकड़ लिया गया। उसके पास से बांका, लैपटॉप और उर्दू में लिखी सामग्री बरामद की गई। मामले की विवेचना एटीएस को दी गई थी। विवेचक और डिप्टी एसपी संजय वर्मा ने चार्जशीट दायर की।
कोर्ट में सरकार के खर्च पर मुर्तजा को वकील भी किया था मुकर्रर
कोर्ट में सरकार के खर्च पर मुर्तजा को वकील दिया गया, जबकि अभियोजन की ओर से वादी विनय कुमार मिश्रा, घायल पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान, गोपाल गौड़ के अलावा डाक्टर और अन्य समेत 27 गवाह पेश किए गए। उधर, आरोपी खुद को मानसिक बीमार बताता रहा, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत न होने के कारण कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है। और फाँसी की सजा मुकर्रर की है।
कोर्ट में सरकार के खर्च पर मुर्तजा को वकील दिया गया, जबकि अभियोजन की ओर से वादी विनय कुमार मिश्रा, घायल पीएसी जवान अनिल कुमार पासवान, गोपाल गौड़ के अलावा डाक्टर और अन्य समेत 27 गवाह पेश किए गए। उधर, आरोपी खुद को मानसिक बीमार बताता रहा, लेकिन इस संबंध में कोई सबूत न होने के कारण कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया है। और फाँसी की सजा मुकर्रर की है।