WhatsApp Image 2023-08-12 at 12.29.27 PM
Iqra model school
WhatsApp-Image-2024-01-25-at-14.35.12-1
jpeg-optimizer_WhatsApp-Image-2024-04-07-at-13.55.52-1
srvs_11zon
Screenshot_7_11zon
WhatsApp Image 2024-06-29 at 12.
IMG-20231229-WA0088
WhatsApp Image 2024-07-26 at 15.20.47 (1)
previous arrow
next arrow

बनारस में एसटीएफ ने कैंट रोडवेज के पीछे चर्च कालोनी व ट्रांसपोर्ट क्षेत्र लहरतारा के महेशपुर से 7.5 करोड़ की नकली दवा बरामद की है। विभिन्न नामी कंपनियों के नाम पर बनी ये नकली दवाएं 316 कार्टून में पैक थीं। नकली दवा का कारोबार करने वाले गिरोह के सरगना अशोक कुमार को अरेस्ट कर लिया गया है। पूछताछ में वाराणसी के तीन समेत 12 लोगों के नाम का खुलासा किया है, जो धंधे के साझेदार हैं। इनकी धर-पकड़ के लिए कमिश्नरेट पुलिस छापेमारी तेजी से चल रही है।

खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क

वाराणसी । नकली दवाएं ब्रांडेड कंपनियों के नाम से खपाने वाले गिरोह का खुलासा यूपी एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने गुरुवार को किया। गिरोह के सरगना को सिगरा क्षेत्र की चर्च कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया।  निशानदेही पर ही एसटीएफ ने सिगरा और लहरतारा स्थित उसके गोदाम से 300 पेटी नकली दवाएं बरामद की हैं। इसकी अनुमानित कीमत 7.5 करोड़ रुपये बताई गई है। आरोपी की पहचान बुलंदशहर जिले के सिकंदराबाद स्थित टीचर्स कॉलोनी निवासी अशोक कुमार के रूप में हुई है। इसके खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट और रासुका की भी कार्रवाई होगी‚दर्जन भर से अधिक की तलाश में की जा रही छापेमारी

आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट और रासुका की भी कार्रवाई होगी। इस मामले में 15 अन्य आरोपियों की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं। नामी कंपनियों के नाम की नकली दवाएं बेचने के आरोप में गिरफ्तार सरगना अशोक कुमार हाईस्कूल फेल है। उसने पूछताछ में कई राज उगले हैं। अशोक  बुलंदशहर में गद्दा बनाने वाली फैक्ट्री में मजदूरी करता था। सात वर्ष तक ऑटो रिक्शा भी चला चुका है। लेकिन, नकली दवाओं की आपूर्ति में मोटा मुनाफा देखकर पूर्वांचल आ गया। एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने बताया कि अशोक कुमार ने बुलंदशहर के सिकंदराबाद स्थित किसान इंटर कॉलेज में दाखिला लिया था। 

हाईस्कूल फेल होने के बाद आटो चलाने से लेकर नकली कारोबार करने तक का सफर

वर्ष 1987 में हाईस्कूल की परीक्षा दी थी, लेकिन फेल हो गया था। वर्ष 2003 से 2010 के ऑटो चलाता रहा, फिर गद्दा बनाने की फैक्ट्री में 12 हजार रुपये प्रतिमाह पर मजदूरी करने लगा। लापरवाही पर काम से हटा दिया गया तो वह फिर ऑटो चलाने लगा। इसी दौरान उसकी मुलाकात बुलंदशहर के नीरज से हुई। 

नीरज नकली दवाओं का काम करता था। नीरज के यहां ही वह माल ढुलाई करने लगा। वहीं उसे नकली दवाओं के कारोबार की जानकारी हुई। इसके बाद नीरज से ही नकली दवाओं को खरीद कर झोलाछाप को बेचने लगा। नीरज की नकली दवाएं वर्ष 2019 में अमरोहा में पकड़ी गईं थीं। प्रकरण को लेकर विवाद बढ़ा तो अशोक कुमार ने उसका साथ छोड़ दिया।

एसटीएफ प्रभारी विनोद सिंह ने बताया कि उड़ीसा के बारगढ़ व झाडड़ूकड़ा में बरामद नकली दवा को वाराणसी से भेजे जाने के साक्ष्य मिलने के बाद से एसटीएफ की टीम जुट गई थी। पिछले कुछ महीनों से टीम नकली दवा गैंग पर नजर बनाए हुए थी। गुरुवार को गैंग के सरगना अशोक कुमार के सिगरा थाना क्षेत्र की चर्च कालोनी में मौजूद होने की पुख्ता जानकारी मिली। टीम ने घेरेबंदी करके उसे एक मकान से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के मुताबिक, अशोक तीन वर्ष पहले ही वाराणसी आया और कैंट रोडवेज बस स्टेशन के पीछे की चर्च कॉलोनी में किराये पर कमरा ले लिया। इसके बाद उसने हिमाचल प्रदेश के उन लोगों से संपर्क किया, जिनसे कि बुलंदशहर का नीरज नकली दवाएं खरीदता था। दवाएं मंगाकर बसों में सामान रखने वाले कुलियों के माध्यम से उन्हें प्रदेश के अलग-अलग जिलों और अन्य राज्यों में भेजता था। नकली दवाओं की आपूर्ति से उसे तगड़ा मुनाफा होता था। जिस नकली दवा पर कीमत 100 रुपये दर्ज है, वह उसे हिमाचल प्रदेश से 30 रुपये में मिलती थी। उसे वाराणसी तक लाने पर लगभग 10 रुपये खर्च होते थे। इन दवाओं पर 35 से 40 रुपये की बचत हो जाती थी।

108 पेटी नकली दवा बरामद की गई। चार लाख चालिस हजार रुपये, कूटरचित बिल, अन्य दस्तावेज तथा एक फोन बरामद किया। पूछताछ में मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के महेशपुर लहरतारा स्थित गोदाम में भारी मात्रा में नकली दवा होने की जानकारी मिली। एसटीएफ ने गोदाम में छापा मारकर 208 पेटी नकली दवा बरामद की।

ओडिशा के बरागढ़ और झाड़सूकड़ा जिले में नकली दवाइयों की भारी खेप पकड़ी गई थी। आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि बरामद नकली दवाइयां वाराणसी से भेजी गई हैं। इसी आधार पर एसटीएफ की वाराणसी इकाई और खाद्य सुरक्षा औषधि प्रशासन विभाग ने जानकारी हासिल की। 

इस गोरखधंधे में उनके साथी हैं। उसमें प्रयागराज के रोहन श्रीवास्तव, बिहार पटना के रमेश पाठक, दिलीप, बिहार के पूर्णिया के अशरफ, हैदराबाद के लक्ष्मण वाराणसी के शिवपुर के नीरज चौबे, डा। मोनू, रेहान, बंटी, आशापुर के शशांक मिश्रा, एके सिंह, सोनभद्र के न्यू बस्ती परासी के अभिषेक कुमार सिंह

अशोक के बारे में पुख्ता जानकारी मिलने के बाद ही उसके कमरे और गोदामों पर छापा मार कर नकली दवाएं बरामद की गईं। सिगरा इंस्पेक्टर राजू सिंह ने कहा कि आम आदमी के सेहत से जानबूझकर खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कोर्ट में प्रभावी तरीके से पैरवी कर उन्हें कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

khabaripost.com
sardar-ji-misthan-bhandaar-266×300-2
bhola 2
add
WhatsApp-Image-2024-03-20-at-07.35.55
jpeg-optimizer_bhargavi
1002375393
Screenshot_24
previous arrow
next arrow