अनिल द्विवेदी
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
हनुमना । मध्यप्रदेश मे हनुमना भमरहा मे चल रही श्री राम कथा मे वाराणसी से पधारे ओमप्रकाश पान्डेय जी महराज ने श्रद्धालुओं को कथा मे प्रताप भानु के विषय मे बताया कि प्रताप भानु एक राजा था, जिसने अपने शत्रुओं को हरा कर अपने राज्य का काफी विस्तार कर लिया । एक बार उसके शत्रुओं ने मिलकर एक योजना बनाई की इस राजा को पराजित करके इसके राज पाट को खतम कर देना है।
भोजन में गाय का हिरण मांस मिला कर भोजन था बनाया
उसका एक शत्रु प्रताप भानु के यहाँ रसोइया बनकर गया। प्रताप भानु ने यज्ञ का आयोजन करके बहुत बड़े ब्राह्मण भोज का आयोजन किया। लेकिन उसका जो रसोईया था उसने भोजन में गाय का हिरण मांस मिला कर भोजन बनाया था।
जब सभी ब्राह्मण भोजन के लिए बैठे तब बहुत भयंकर आकाशवाणी हुई की यह भोजन मत करो इसमें मांस मिला है। इस बात पर ब्राह्मण क्रोधित हो गये और उन्होंने राजा को शाप दे दिया कि तेरा सारा साम्राज्य नष्ट हो जाये और तेरा पूरा कुल राक्षस बन कर पैदा हो।
राम जन्म महोत्सव मे श्रद्धालुओं ने जमकर आनंद उठाते हुए ठुमके लगाए
फिर राजा रसोई में गया रसोईया अपना काम करके निकल चुका था, और राजा ने क्षमा मांगी विप्रों से तब उन्होंने कहा तू अगले जन्म में रावण बनेगा और तेरा वध भगवान हरि के हाथों होगा तुझे मुक्ति मिल जायेगी।
महराज जी ने राम जन्म के विषय में बताया कि भगवान राम ने कैसे अवतार लिया कुछ लोग इस तरह से सोचते है कि भगवान राम हमारे जैसे माँ के पेट से पैदा हुए थे। और हमारे जैसे मानव यानी मनुष्य थे परंतु वास्तविक ये नही है।
जन्म शब्द बनता है जनि धातु से, और जनि का अर्थ है प्रदुर्भाव , यानी प्रगट होना जैसे आत्मा माँ के गर्भ से प्रकट होते है, उसी को हम जन्म कहते है, परंतु आत्मा किसी दिन नही बनती । आत्मा अमर है आत्मा नित्य है । अस्तु आत्मा माँ के उदर से जन्म लेता है तो उसे हम मनुष्य जन्म लेना कहते है।
राम जन्म महोत्सव मे श्रद्धालुओं ने जमकर आनंद उठाते हुए ठुमके लगाए।
कथा मे मुख्य रूप से कौशलेंद्र पान्डेय, कपिन्द्र पान्डेय, श्रवण कुमार पांडेय, शिवानी, अंजली, आंचल पान्डेय के अलावा अन्य श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।