उत्तर प्रदेश में UP निकाय चुनाव मामले में OBC आयोग ने सर्वे पूरा कर लिया है। आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट जमा होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले हाई कोर्ट के आदेश पर यूपी सरकार ने राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग गठित कि थी।
पिछड़ा वर्ग आयोग ने UP निकाय चुनाव सर्वे किया पूरा‚मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौपी रिपोर्ट
खबरी पोस्ट नेशनल न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। 2023 में होने वाले UP निकाय चुनाव में 17 नगर निगम, 200 नगरपालिका परिषद और 517 नगर पंचायत में चुनाव कराया जाना है।जबकि 2017 में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायत में चुनाव हुआ था। ऐसे में म्यूनिसिपल इलेक्शन को लेकर सरगर्मी फिर तेजी से बढ़ती नजर आ रही है सरकार ने ओबीसी आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राम औतार सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, बृजेश कुमार सोनी, संतोष कुमार विश्वकर्मा कमेटी बनाई गई थी। स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वे पूरा कर लिया है. इसके साथ ही आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी है. माना जा रहा है कि रिपोर्ट जमा होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. अब जल्द निकाय चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही है। वही बता दे कि OBC आयोग ने गुरुवार शाम को सीएम योगी आदित्यनाथ को 350 पेज की रिपोर्ट सौंप दी है।
आज यू पी के कैबिनेट बैठक में रिपोर्ट की जाएगी पेश‚होगा फैसला
शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में UP निकाय चुनाव रिपोर्ट पेश की जाएगी।यूपी सरकार इस सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाकर नई आरक्षण सूची जारी करेगी। आरक्षण सूची के मुताबिक नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में सदस्यों और अध्यक्षों का चुनाव कराया जाएगा। जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।
हो सकता है अप्रैल में UP निकाय चुनाव
अप्रैल में UP निकाय चुनाव हो सकते हैं। आचार संहिता भी लागू हो सकती है।दरअसल, 27 दिसंबर को हाईकोर्ट के आदेश से यूपी सरकार को झटका लगा था। कोर्ट ने राज्य सरकार की उस ओबीसी सूची को खारिज कर दिया था जिसके दम पर निकाय चुनाव करवाने की तैयारी थी। हाईकोर्ट ने साफ कहा था कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं किया और उसके बिना ही चुनाव की घोषणा की गई। तब कोर्ट ने सरकार को ये भी कहा था कि वो बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवा सकती है। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
सरकार ने न्यायालय का सम्मान करते हुए कहा था कि- रिपोर्ट आने के बाद ही कराया जाएगा UP निकाय चुनाव
28 दिसंबर 2022 को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया। उन्होंने कहा कि डीलिमिटेशन की प्रक्रिया चल रही है। सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। स्थानीय निकाय चुनाव अब आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही कराया जाएगा।
आयोग ने समय से पहले CM को सौप दी रिपोर्ट
31 दिसंबर को आयोग ने पहली कॉन्फ्रेंस की थी। आयोग के सदस्यों ने कहा था कि यह लंबा काम है और रिपोर्ट तैयार होने में 31 मार्च का समय लग सकता है। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया। हालांकि बीच में आयोग का यह बयान सामने आया था कि रिपोर्ट फरवरी के अंत तक तैयार हो जाएगी। आयोग ने अब सीएम योगी को रिपोर्ट दे दी है।